आम आदमी पार्टी ने कहा- बजट जालंधर के चमड़ा उद्योग के लिए विनाशकारी, राहत पैकेज ना देना निंदनीय
जालंधर में आप नेताओं ने कहा कि लघु उद्योगों की इस तरह की उपेक्षा न केवल उद्योगों पर अधिक बोझ डालेगी बल्कि कर्मचारियों की नौकरी को भी खतरे में डालेगी। केंद्र सरकार को उद्योगों के लिए एक विशेष राहत पैकेज की घोषणा करनी चाहिए।
जालंधर, जेएनएन। आम आदमी पार्टी (आप) जालंधर के शहरी जिला अध्यक्ष राजविंदर कौर और देहात अध्यक्ष प्रिंसिपल प्रेम कुमार ने कहा है कि केंद्रीय बजट-2021 जनविरोधी है। आप नेताओं ने कहा है कि स्थानीय उद्योगों को केंद्रीय बजट से कोरोना के कारण होने वाले आर्थिक संकट से कुछ हद तक राहत की उम्मीद थी, लेकिन सरकार ने छोटे व्यवसायों से आंखे मूंद ली।
उन्होंने कहा कि इस बजट से स्थानीय चमड़ा उद्योग को नुकसान होगा। लेदर और स्पोट्र्स गुड्स मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री को बजट में कोई राहत नहीं दी गई। यह बजट स्थानीय उद्योग पर बोझ डालेगा जो पहले से ही गंभीर संकट का सामना कर रहा है। फुटवियर उद्योग चमड़े के आयात पर 90 प्रतिशत निर्भर था। बजट में वेट ब्लू चमड़े पर 10 प्रतिशत आयात शुल्क लगाया गया है। पहले इस पर कोई आयात शुल्क नहीं था। चमड़े पर आयात शुल्क लगाने से लोकल लेदर इंडस्ट्री खत्म होने के कगार पर पहुंच जाएगी।
आप नेताओं ने कहा कि लघु उद्योगों की इस तरह की उपेक्षा न केवल उद्योगों पर अधिक बोझ डालेगी बल्कि कर्मचारियों की नौकरी को भी खतरे में डालेगी। केंद्र सरकार को उद्योगों के लिए एक विशेष राहत पैकेज की घोषणा करनी चाहिए ताकि उन्हें कोरोना के कारण होने वाले आर्थिक संकट से निजात मिले।
उन्होंने कहा कि यह बजट केवल कॉरपोरेट घरानों को लाभ पहुंचाने वाला है। यह बजट महंगाई के साथ-साथ आम आदमी की समस्याओं को भी बढ़ाने का काम करेगा। बजट में डीजल और पेट्रोल पर कृषि सेस लगाया गया है जो उद्योग को और प्रभावित करेगा। परिवहन और ट्रांसपोर्टेशन इससे महंगा होगा जिससे महंगाई बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि यह बेहद आश्चर्यजनक है कि किसान भारी मात्रा में खेती के लिए डीजल का उपयोग करते हैं और उनके विकास के लिए ही डीजल पर सेस लगाया गया है।
बजट में पंजाब पूरी तरह नजरअंदाज
युवाओं को रोजगार देने के लिए भी बजट में कुछ नहीं किया गया और पंजाब को तो बजट में पूरी तरह से नजरअंदाज ही कर दिया गया। पंजाब के लिए कोई राहत पैकेज की घोषणा नहीं की गई है। बजट देखकर साफ पता चलता है कि केंद्र सरकार पंजाब के साथ भेदभाव कर रही है।