Move to Jagran APP

खानापूर्तिः पहले से लाभ पा रहे लोगों को दोबारा दिए मनरेगा जॉब कार्ड, सिर्फ 10 दिन करवाया काम

ब्यास में महात्मा गांधी सरबत विकास योजना के तहत लगा मेगा कैंप में सांसद चौधरी ने उन्हीं लोगों को दोबारा मनरेगा जॉब कार्ड दे दिए जिनके पहले से बने थे।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Thu, 22 Nov 2018 04:15 PM (IST)Updated: Thu, 22 Nov 2018 04:15 PM (IST)
खानापूर्तिः पहले से लाभ पा रहे लोगों को दोबारा दिए मनरेगा जॉब कार्ड, सिर्फ 10 दिन करवाया काम
खानापूर्तिः पहले से लाभ पा रहे लोगों को दोबारा दिए मनरेगा जॉब कार्ड, सिर्फ 10 दिन करवाया काम

जालंधर [सत्येन ओझा] पठानकोट रोड स्थित गांव व्यास में बुधवार को महात्मा गांधी सरबत विकास योजना के तहत लगाया गया मेगा कैंप एक बार फिर छलावा साबित हुआ। प्रभारी मंत्री ओपी सोनी की गैर मौजूदगी में सांसद संतोख चौधरी ने कैंप का उद्घाटन किया। उन्होंने मनरेगा योजना के तहत उन्हीं लोगों को दोबारा जॉब कार्ड देकर अपनी पीठ थपा-थपा ली जिनके जॉब कार्ड पहले से ही बने हुए थे। पिछले साल उन्हें सरकार 100 दिन के बजाय मात्र 10 दिन का रोजगार ही दे पाई थी। वैसे भी, कैंप सिर्फ एप्लीकेशन लेने तक  सीमित रहा। किसी भी विभाग के स्टॉल पर कोई अधिकारी मौजूद नहीं था। मुलाजिम भी राहत की उम्मीद लेकर दूर-दराज गांवों से आए लोगों के साथ सरकारी अंदाज में पेश आते रहे।

loksabha election banner

महेंद्र कौर निवासी गांव सद्दाचक ने बताया कि उनका जॉब कार्ड को पहले भी बना था, लेकिन पिछले कार्ड पर उन्हें 10 दिन ही काम मिला था। अब फिर कार्ड बनाकर दिया है, कह रहे हैं कि अब मिल जाएगा।

दलबीर कौर ने बताया कि जॉब कार्ड तो उनका पहले भी बना था, लेकिन काम तो कोई देता ही नहीं है। सरपंच ने फिर से तीन दिन पहले कार्ड बनवा दिया था, जो आज उन्हें दिया है। कहा है कि सड़क बन रही है, उसमें काम देंगे।

कृष्णा अपने पति के नाम पर बना जॉब कार्ड लेने पहुंची थी। उनकी बेटी दिव्यांग है। पहले बने जॉब कार्ड पर पर कोई काम नहीं मिला, अब फिर से बनाया है। पता नहीं काम मिलेगा या नहीं, घर का गुजारा मुश्किल से हो पा रहा है।

शिकायत करने से रोका


जॉब कार्ड लेने पहुंची एम्ब्रोयडरी टीचर गीता रानी ने बताया कि उन्हें 18 नवंबर को सीटी इंस्टीट्यूट में हुए जॉब फेयर में रोजगार देने के लिए कॉल करके बुलाया गया था। मेले में वे गांव की 7-8 अन्य लड़कियों के साथ खुद भी पहुंची थी। वहां पहुंचने पर बताया गया कि उनके लायक कोई काम नहीं है, सिर्फ एलआईसी कंपनी ने उन्हें पांच हजार रुपये महीने व कमीशन पर जॉब देने को कहा था। लगभग साढ़े पांच सौ रुपये आने-जाने में किराए में खर्च करके कुछ भी नहीं मिला। इस बात की शिकायत वे मंच पर करना चाहती थीं, लेकिन उन्हें शिकायत करने का मौका ही नहीं दिया। जॉब कार्ड मिलने के बाद फोटो खिंचवाकर उन्हें मंच से उतार दिया गया।

मेगा कैंप लाइव

व्यास गांव के एक मैरिज पैलेस में लगे कैंप में सभी सरकारी विभागों ने अपने-अपने कैंप लगा रखे जहां सबसे ज्यादा भीड़ नीले कार्ड, राशन कार्ड, पेंशन को लेकर उमड़ी थी, इन तीनों स्टॉल पर काफी भीड़ थी, जहां पूरे समय मुलाजिम सिर्फ उनके एप्लीकेशन लेकर विदा करते रहे। सभी स्टॉल पर पूरे दिन 1726 आवेदन लेकर कैंप समाप्त घोषित कर दिया गया।

पेंशन वाले स्टॉल के निकट थककर बैठी गढ़ी बख्शी निवासी ध्यान कौर ने बताया कि डेढ़ साल पहले तक उन्हें व उनके पति को बुढ़ापा पेंशन मिल रही थी, डेढ़ साल से उनकी पेंशन बंद कर दी गई है, उन्हें दोबारा डॉक्यूमेंट देने के लिए कहा गया था, सभी डॉक्यूमेंट जालंधर पेंशन ऑफिस में दो महीने पहले जमा करा चुके हैं। सुविधा सेंटर में भी उनका फोटो हो चुका है, लेकिन जालंधर से उन्हें भोगपुर भेज दिया जाता है, भोगपुर से कहा जाता है जालंधर जाकर पता करो, कैंप में सुबह से आए हैं, लेकिन यहां कोई सुनवाई करने को तैयार नहीं है।

ये रहे मौजूद

कैंप में उद्घाटन के समय डीसी वरिंदर कुमार शर्मा, पूर्व मंत्री मोहिंदर सिंह केपी, एडीसी जतिन्दर जोरवाल, एसपी बलकार सिंह, सब डिविजनल मजिस्ट्रेट संजीव शर्मा, डीएसपी सुरिन्दर कुमार, जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी अजय कुमार, जिला शिक्षा अधिकारी सतनाम सिंह और राम पाल सिंह, उप जिला शिक्षा अधिकारी गुरप्रीत कौर, जिला प्रोग्राम अधिकारी नरिन्दर सिंह आदि मौजूद थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.