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अंबाला में मामला दर्ज होने के बावजूद भी सेहत विभाग बाघा अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई करने में असमर्थ

भ्रूण लिंग जांच करने वाले भोगपुर के बाघा अस्पताल पर रेड के दौरान सेहत विभाग हरियाणा की टीम को सिविल सर्जन जालंधर की ओर से सहयोग न देने का मामला तूल पकड़ने लगा है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 14 Sep 2018 02:38 PM (IST)Updated: Fri, 14 Sep 2018 04:34 PM (IST)
अंबाला में मामला दर्ज होने के बावजूद भी सेहत विभाग बाघा अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई करने में असमर्थ

जागरण संवाददाता, जालंधर : भ्रूण लिंग जांच करने वाले भोगपुर के बाघा अस्पताल पर रेड के दौरान सेहत विभाग हरियाणा की टीम को सिविल सर्जन जालंधर की ओर से सहयोग न देने का मामला तूल पकड़ने लगा है। पंजाब व हरियाणा सरकार की ओर से मामला गंभीरता से लेने के बाद सिविल सर्जन डॉ. जसप्रीत कौर सेखों और उनकी टीम पर कार्रवाई की तलवार लटक गई है। डिप्टी कमिश्नर व¨रदर कुमार शर्मा ने मामले का कड़ा संज्ञान लेते हुए एडीसी जनरल को जांच के आदेश जारी कर दिए हैं। एडीसी दो दिन में अपनी रिपोर्ट डीसी को देंगे।

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इधर, कार्रवाई से बचने के लिए सिविल सर्जन व उनकी टीम हाथ पैर मारने लगी है। वीरवार को पूरे दिन सिविल सर्जन व उनकी टीम अपना जवाब तैयार करने के लिए कानूनी सलाह लेने में व्यस्त रही। हालांकि अंबाला में मामला दर्ज होने के बाद स्थानीय सेहत विभाग बाघा अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई करने में असमर्थ है। एडीसी ने अंबाला की टीम से रिपोर्ट मांगी

डीसी के आदेश के बाद एडीसी जनरल जसबीर ¨सह ने तुरंत सिविल सर्जन अंबाला को पत्र जारी किया। उन्होंने पूछा है कि डिप्टी सीएमओ डॉ. संजीव ¨सगला की अगुवाई में 10 सितंबर को बाघा अस्पताल में छापामारी को लेकर क्या समस्या आई। उन्होंने सिविल सर्जन की ओर से सहयोग न देने पर विस्तृत रिपोर्ट देने की बात कही है।

हरजीत कौर को जेल भेजा, डॉ. कंग और डॉ. पुरी फरार

अंबाला में मामला देख रहे सब इंस्पेक्टर विश्वजीत ¨सह ने कहा कि मामले में एजेंट हरजीत कौर को एक दिन के रिमांड के बाद वीरवार को 27 सितंबर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। उन्होंने बताया कि हरियाणा पुलिस की टीम गत दिन हरजीत कौर को लेकर भोगपुर गई थी। वहां थाना भोगपुर के एसएचओ सुरजीत ¨सह के साथ हरजीत कौर की निशानदेही पर वहबाघा अस्पताल पहुंचे थे। इसके बाद ¨लग की जांच करने वाले डॉ. हरजीत ¨सह कंग व दसूहा की डॉ. निरोत्तम पुरी को भी मामले में नामजद कर लिया गया है। दोनों आरोपित फरार हैं। हरियाणा पुलिस उनकी गिरफ्तारी के लिए जल्द छापामारी करेगी। सेहत विभाग के हाथ से फिसला मामला

अंबाला में मामला दर्ज होने के बाद बाघा अस्पताल एवं मेटरनिटी होम के खिलाफ सेहत विभाग जालंधर अकेले कार्रवाई नहीं कर सकेगा। एक्ट के मुताबिक आरोपितों के खिलाफ एक ही मामला दर्ज हो सकता है। अब सेहत विभाग के लिए अंबाला की टीम के बिना एक्शन लेना मुश्किल हो गया है। जालंधर की टीम का सहयोग मिलता तो डॉ. पुरी हिरासत में होती

सेहत विभाग अंबाला के नोडल अफसर डॉ. अरविंदर जीत ¨सह ने बताया कि जालंधर टीम के सहयोग के अभाव में बाघा अस्पताल में स्कै¨नग करने वाले डॉ. हरजीत ¨सह कंग मौके से फरार हो गया। वहीं, उनकी टीम एजेंट हरजीत कौर का सहयोग करने वाली डॉ. निरोत्तम पुरी को सिविल सर्जन ऑफिस, जालंधर में अधिकारियों को सौंप कर आए थे। विभाग के अधिकारियों ने मामले को गंभीरता से नहीं नहीं लिया और उसे वापस भेज दिया। वह अब फरार है। सिविल सर्जन, जालंधर ने मौके पर पुलिस में मामला दर्ज करवाया होता तो सभी आरोपित व स्कै¨नग मशीन व रिकार्ड पुलिस के कब्जे में होता। सेहत विभाग और डीसी को रिपोर्ट सौंपी

सिविल सर्जन डॉ. जसप्रीत कौर सेखों ने बताया कि मामले को लेकर डीसी व¨रदर कुमार ने जवाब मांगा था। अंबाला की टीम ने जो एफआइआर दर्ज की है, उसके आधार पर भी उन्हें पूरा सहयोग दिया गया। इसकी रिपोर्ट डीसी को सौंप दी गई है। पीसी पीएनडीटी एक्ट से जुड़े सेहत विभाग के अधिकारियों को भी रिपोर्ट भेजी दी गई है। मामले को लेकर वीरवार को जिला एप्रोप्रिएट अथॉरिटी की बैठक में तय किया गया कि बाघा अस्पताल के खिलाफ जालंधर व अंबाला की टीम संयुक्त कार्रवाई करेगी। इस संबंध में सिविल सर्जन अंबाला से बात चल रही है।


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