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इस बार नहीं हो रही संगीत प्रतियोगिताएं, संगीत प्रेमी हुए निराश

हरिवल्लभ संगीत सम्मेलन में इस बार बचों की संगीत प्रतियोगिताएं नहीं हो रही है। इसे लेकर संगीत प्रेमी एवं संगीत प्रतिभागियों में निराशा है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 02 Dec 2020 07:03 AM (IST)Updated: Wed, 02 Dec 2020 07:03 AM (IST)
इस बार नहीं हो रही संगीत प्रतियोगिताएं, संगीत प्रेमी हुए निराश
इस बार नहीं हो रही संगीत प्रतियोगिताएं, संगीत प्रेमी हुए निराश

संवाद सहयोगी, जालंधर: हरिवल्लभ संगीत सम्मेलन में इस बार बच्चों की संगीत प्रतियोगिताएं नहीं हो रही है। इसे लेकर संगीत प्रेमी एवं संगीत प्रतिभागियों में निराशा है। कोरोना के फिर से तेजी से बढ़ते प्रभाव को देखते हुए इस बार श्री देवी तालाब मंदिर में बाबा हरिवल्लभ की याद में होने वाला संगीत सम्मेलन केवल एक दिन का होगा। इसमें सभा के मेंबर व शहर के कुछ कलाकार ही शामिल होंगे। पहले इसका आयोजन तीन तीन दिन का होता था।

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कार्यक्रम में पहले तीन दिन बच्चों की अंतरराष्ट्रीय संगीत प्रतियोगिताएं होती थी और बाद के तीन दिन दूर-दूर से आए कलाकार अपनी प्रस्तुति देते थे। इस बार संगीत प्रतियोगिताएं कोरोना के चलते रद कर दी गई हैं। हरिवल्लभ संगीत सम्मेलन में शास्त्रीय संगीत के कलाकारों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी कला को पेश करने का मौका दिया जाता था। आयोजक इस प्रतियोगिता को 27 दिसंबर को करवाने पर अभी विचार कर रहे हैं।

क्या कहते हैं कलाकार

धरा खरे : चंडीगढ़ से हर बार संगीत प्रतियोगिता में भाग लेने वाली धरा खरे का कहना है कि संगीत प्रतियोगिता नहीं होने के बारे में जानकारी मिलने पर काफी दुख हुआ। बच्चे हर वर्ष इस प्रतियोगिता के लिए बड़े मन से तैयारी करते हैं। मगर ये प्रतियोगिता कैंसिल हो गई है, ये जानकर बच्चे बहुत निराश हो गए हैं। आयुष द्विवेदी : कानपुर से ध्रुपद गायक आयुष द्विवेदी का कहना है कि यह सम्मेलन भारत ही नहीं अपितु संपूर्ण विश्व में अपने आप में एक अनोखा संगीत समारोह है। संगीत सम्मेलन एवं प्रतियोगिता के माध्यम से देश के प्रतिष्ठित कलाकारों को सुनने का एवं युवा कलाकारों को मंच द्वारा अपनी कला का प्रदर्शन करने मौका मिलता है। हरिदास संजय उमाटे : नांदेड़ (महाराष्ट्र) से पखावज कलाकार हरिदास संजय उमाटे ने बताया कि वो पिछले साल इस प्रतियोगिता में तीसरे स्थान पर रहे थे। इस वर्ष कड़ी मेहनत करके फिर से इस प्रतियोगिता में भाग ले कर प्रथम स्थान प्राप्त करना चाहते थे। उनका कहना है कि मुझे लगता है कि यह हर प्रतियोगी के लिए एक बहुत बड़ा नुकसान है। मनोज सुलंकी : पिछली वार प्रतियोगिता के पखावज में विजेता रहे उत्तराखंड के पखावज कलाकार मनोज सुलंकी ने बताया कि कोरोना के कारण कलाकारों को मंच ना मिलने से उनका काफी नुकसान हो रहा है। हमें उम्मीद थी कि हरिवल्लभ संगीत प्रतियोगिता जालंधर में जरूर होगी, जिसमें हम भाग ले सकेंगे। पर यह भी इस बार नहीं हो रहा है। वैष्णव : मुंबई के कलाकार वैष्णव ने कहा कि बाबा हरिवल्लभ संगीत समारोह जालंधर में काफी सालों से हो रहा है। इस समारोह से पहले यहां अंतरराष्ट्रीय संगीत प्रतियोगिता का आयोजन होता है। कोरोना के कारण प्रतियोगिता होना मुमकिन नहीं है। हम सभी प्रतियोगियों को इस बात का खेद है कि वह अपने प्रतियोगी मित्रों से नहीं मिल पाएंगे।


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