शहरनामाः भाजपाइयों की खटर-पटर में खट्टर... और वह तो खाली दल का नेता है...
जालंधर शहर की सियासी गतिविधियों से जुड़ी कुछ चुटीली खबरों चर्चाओं को शहरनामा कालम के तहत संजोया जाता है। आइए डालते हैं एक नजर।
जालंधर, जेएनएन। जिले के नेता राजनीतिक गतिविधियों को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहते हैं। हालांकि कई दिलचस्प बातें लोगों तक नहीं पहुंच पाती हैं। इन्हीं में से कुछ चुनिंदा चर्चाओं को अपने चुटीले अंदाज में प्रस्तुत कर रहे हैं दैनिक जागरण के मुख्य संवाददाता मनोज त्रिपाठी। आइए, डालते हैं एक नजर।
भाजपाइयों की खटर-पटर में खट्टर
देश भर में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर चल रही बहस के बीच भाजपा ने लोगों को जागरूक करने का अभियान भी शुरू कर दिया है। पार्टी ने केंद्रीय स्तर पर बड़े नेताओं को अलग-अलग जगह पर ड्यूटी लगाई है। पंजाब में केंद्रीय कोर कमेटी ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की ड्यूटी लगाकर एक तीर से दो निशाने साधे। दरअसल, पंजाब भाजपा में आगे मैं, आगे मैं को लेकर खूब गुटबाजी है। नेता एक दूसरे को नीचा दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ते। राज्य में संगठन तो बढ़ा है पर केंद्र सरकार में शामूलियत बहुत छोटी है। राज्य सरकार में भी जब अकालियों के साथ गठबंधन में होते हैं तो हालत ऐसी ही होती है। ऐसे हालात में पार्टी में चल रही खटर-पटर को दूर करने के लिए विशेष तौर पर जागरूकता अभियान के बहाने खट्टर को भेजा गया था। फिर क्या था खट्टर साहब ने जालंधरियों को नए कानून का पाठ पढ़ाया ही साथ अपने नेताओं को भी एकजुट होने की घुट्टी पिला गए। अब देखना यह है कि इस घुट्टी का नेताओं पर असर कितना होता है।
बड़े बे-आबरू होकर तेरे कूचे से निकले...
मामला शहर के सबसे प्रतिष्ठित क्लब से जुड़ा है। बीते दिनों क्लब में न्यू ईयर सेलिब्रेशन समारोह का आयोजन किया गया। समारोह में क्लब के चार हजार से ज्यादा सदस्यों को आमंत्रित किया गया था। कड़ाके की सर्दी के कारण बहुत कम सदस्यों ने समारोह में शिरकत की। इस बार कार्यकारिणी के दो वरिष्ठ सदस्यों के साथ क्लब के स्टाफ ने ही बदसलूकी कर डाली। क्लब के तीन प्रमुख ओहदेदारों ने अपने-अपने अतिथियों को समारोह में इंट्री करवा कर बाकियों पर बैन लगवा दिया। स्टाफ ने भी बहती गंगा में हाथ धो डाला और दो ओहदेदारों को उनके अतिथियों के साथ ही बाहर खड़ा कर दिया। इनमें एक शहर के प्रसिद्ध खेल उद्योगपति हैं तो दूसरे क्लब में खेलों के आयोजनकर्ता।
वह तो खाली दल का नेता है...
मामला शिरोमणि अकाली दल से जुड़ा है। बीते दिनों शहर के अकाली दल में घुसे एक पूर्व विधायक ने जिला कार्यकारिणी के मुखिया से महिला कार्यकर्ताओं की मौजूदगी में गालीगलौज कर दी। बात इतनी बिगड़ गई कि हाथापाई तक की नौबत आ गई। पहले आदमपुर से जालंधर, फिर जालंधर से कपूरथला फिर जालंधर में घुसपैठ करके अपनी सियासी जमीन मजबूत करने की राह देख रहे पूर्व विधायक की दबंगई की शिकायत आलाकमान तक की गई। आलाकमान कोई कार्रवाई नहीं करेंगे, इसकी जानकारी भी अकालियों को थी। आलाकमान ने शिकायत करने गए वर्करों का गुस्सा मिनट में यह कहकर ठंडा कर दिया कि उसे तो हम अकाली दल का नहीं बल्कि खाली दल का मानते हैं। तभी से पूर्व विधायक का नया नामकरण खाली दल हो गया है।
इस लड़ाई से शहर का भला हो गया
मामला पुलिस व नगर निगम प्रशासन से जुड़ा है। पिछले दिनों शिकायत निवारण कमेटी की बैठक में कैबिनेट मंत्री ओपी सोनी के सामने शहर की सड़कों पर कब्जों को लेकर पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह भुल्लर व मेयर जगदीश राज राजा भिड़ गए। जमकर तू-तू-मैं-मैं हुई। मंत्री जी ने इस लड़ाई को बाद में शांत करवा दिया। लेकिन, बात कमिश्नर व मेयर की इगो की हो गई तो तत्काल प्रभाव से एक घंटे के अंदर कब्जों के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई की गई। इस कार्रवाई के चलते रोजाना सड़कों पर जाम में फंसने वाले सैंकड़ों लोगों ने थोड़ी राहत की सांस ली है। यह लड़ाई इस बात का संदेश पूरे शहर को दे गई कि अगर ऐसे कब्जों पर नेताओं व अधिकारियों की साठगांठ न हो तो हर समस्या का निपटारा हो सकता है।
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