ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों का चालान काटने की बजाये पुलिस काट रही ‘करोने दी पर्ची’
कोरोना महामारी के कारण लगभग सबकी आमदनी ठप है।बाजारों में दुकानदार परेशान हैं कि कोई खरीदारी करने के लिए नहीं आ रही। वहीं इस दौरान पुलिस की खूब ‘कमाई’ हो रही है।
मनीष शर्मा, जालंधर। सही मायने में आपदा में अवसर किसी ने ढूंढ़ा है तो वह पुलिस है। ऐसे वक्त में जब कोरोना से सबकी आमदनी ठप है, दुकानदार परेशान हैं कि बिक्री नहीं हो रही और ग्राहक परेशान हैं कि कमाई ही नहीं हो रही तो खरीदे कहां से, पुलिस की खूब ‘कमाई’ हो रही है। जबसे आदेश हुआ कि मास्क नहीं पहना तो जुर्माना होगा, कमिश्नरेट पुलिस लोगों पर लगभग ‘टूट’ पड़ी है। बिना मास्क वालों के चालान कट रहे हैं।
संक्रमितों का आंकड़ा 38 हजार से ऊपर पहुंच चुका है और कमाई भी दो करोड़ पहुंचने वाली है। वैसे तो आप सोचेंगे कि ठीक ही तो कर रही है पुलिस, कोरोना से कैसे बचेंगे फिर, लेकिन मंशा पर शक तब हो जाता है जब पुलिस सीट बेल्ट या हेलमेट न पहनने या रेड लाइट जंप करने वाले लोगों का भी बिना मास्क का चालान यानि ‘करोने दी पर्ची’ काट देती है।
फेसुबक पर भी खरी-खोटी
यूं तो नेताओं का मकसद होता है कि रूबरू उनका सम्मान हो, लेकिन बात जब निगम और उस पर मेयर की हो तो शहर की टूटी सड़कें ऐसा होने नहीं दे रही। शहरियों को तो छोड़ेंं, कांग्रेस पार्टी के ही पार्षद व विधायक तक मेयर जगदीश राजा के कामकाज से संतुष्ट नहीं। अब मेयर ने इसका तोड़ निकाला और फेसबुक पेज बना लिया। उद्घाटन के नाम पर जितने भी ‘अच्छे’ काम किए, सब पेज पर डालते गए, लेकिन लाइक व कमेंट नहीं आए। चिंता हुई तो देखा कि जब पेज पर फॉलोअर्स नहीं है तो कहां से लाइक-कमेंट आएंगे।
फिर फेसबुक लाइक बटोरने के लिए पैसे देकर विज्ञापन चलाया। शहर का मेयर देख कुछ लोग जुड़े भी लेकिन अब उनके ‘अच्छे’ काम पर भी लोग खरी-खोटी सुना रहे हैं। करीबी भी बोल रहे हैैं - ‘मेयर साब, जमीन ते कम्म करणा पैणा, नइं तां लोकां ने किते वी साड्डा खैड़ा नीं छड्डणा’।
दफ्तर में सैनिटाइजर की चिंता
जिला प्रशासकीय कांप्लेक्स में सैनिटाइजर की टेंशन खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही है। परिसर में आम जनता के लिए ऑटोमैटिक सैनिटाइजर मशीनें लगवाईं गईं थी लेकिन अब खाली बोतलें आने-जाने वालों को मुंह चिढ़ा रही हैं। जिसके अंदर सैनिटाइजर है भी, उसका बिजली का प्लग निकालकर साइड में रख दिया गया है। सिर्फ कर्मचारी ही उसका इस्तेमाल कर पा रहे हैं। कोई प्लग जोड़ने की कोशिश करता है तो सामने बैठा पुलिस वाला घूर देता है।
बड़ी चिंता अब डीसी दफ्तर के मीटिंग हॉल के सैनिटाइजर की है। यहां नोटिस लगाना पड़ा कि मीटिंग हाल का सैनिटाइजर सिर्फ अंदर के लिए है। लोग नहीं माने और इस्तेमाल करने लगे। अब पहले से लगाए गए नोटिस के नीचे एक लाइन और जोड़ दी गई कि आप सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में हैं। अब सैनिटाइजर के चक्कर में कोई भी ‘चोर’ न कहलाए, इसलिए सब दूर ही रहते हैं।
डिप्टी कमिश्नर का ‘मास्टरस्ट्रोक’
दीनदयाल उपाध्याय नगर में बाइक सवार लुटेरे को पटखनी देनी वाली 15 साल की बहादुर बिटिया कुसुम की तारीफ सबने की। रविवार को सख्त लॉकडाउन के बाद भी घटना हो गई तो किरकिरी से बचने के लिए पुलिस ने कुसुम का नाम राज्य व राष्ट्रीय बहादुरी पुरस्कार के लिए भेजने की बात कह दी। लड़की की बहादुरी की बात जब डिप्टी कमिश्नर घनश्याम थोरी तक पहुंची तो बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ मुहिम के तहत उन्होंने कुसुम का शुभंकर बनाने की घोषणा तो की ही, साथ ही उसे 51 हजार रुपये का नकद इनाम भी घोषित कर दिया गया।
फिर इसका पता जब देहात पुलिस के एसएसपी सतिंदर सिंह को चला तो वो भी मदद में कहां पीछे रहने वाले थे। खास बात यह है कि कमिश्नरेट पुलिस को फरार लुटेरा पकड़ने में कई दिन बीत गए और लड़की की बहादुरी को पुरस्कृत करने में भी वो दिल ‘बड़ा’ नहीं कर सके।