हमें इंदौर पढ़ाएगा सफाई का पाठ
जागरण संवाददाता जालंधर नगर निगम जालंधर अब इंदौर से सफाई का तरीका सीखेगा। इंदौर स्वच्छता
जागरण संवाददाता, जालंधर
नगर निगम जालंधर अब इंदौर से सफाई का तरीका सीखेगा। इंदौर स्वच्छता सर्वेक्षण में लगातार चौथी बार देश में पहले नंबर पर आया है। पार्षदों और अफसरों पर आधारित टीम दिवाली से पहले इंदौर का दौरा करेगी। मेयर जगदीश राज राजा ने इसके लिए हरी झंडी दे दी है। टीम नवरात्र से पहले ही इंदौर जाने की प्लानिग कर चुकी थी, लेकिन अब इसमें बदलाव कर दिया गया है। इस टीम में नगर निगम की हेल्थ एंड सैनिटेशन एडहाक कमेटी के चेयरमैन बलराज ठाकुर, पार्षद जगदीश समराय, पार्षद अवतार सिंह व पार्षद रोहन सहगल के नाम तय किए गए हैं। इनके साथ तीन से चार अधिकारी भी टीम में रहेंगे।
शहर में सफाई व्यवस्था और वेस्ट मैनेजमेंट में सुधार का काम देखने वाली हेल्थ एंड सैनिटेशन कमेटी इंदौर नगर निगम की कार्यशैली और योजनाओं का अध्ययन करेगी। जो काम जालंधर में हो सकते हैं, उसपर पार्षद और अधिकारी रिपोर्ट देंगे। इस दौरे का खर्च स्वच्छ भारत मिशन फंड से किया जाना है। इंदौर में यह टीम तीन दिन तक रुकेगी। हाल ही में लुधियाना नगर निगम की एक टीम भी इंदौर गई थी। लुधियाना की टीम ने सफाई के साथ ही कूड़ा प्रबंधन प्रणाली को भी देखा है। मेयर जगदीश राज राजा ने लुधियाना नगर निगम से इसकी रिपोर्ट मंगवाई है।
इससे पहले पूर्व मेयर सुनील ज्योति के कार्यकाल के दौरान भी वेस्ट मैनेजमेंट और सफाई व्यवस्था को लेकर जालंधर से पार्षदों और अधिकारियों की टीमें देश के कई शहरों में गई थीं। मुंबई से बायोमाइनिग प्रोजेक्ट, साउथ से अंडरग्राउंड डस्टबिन और स्टैंडिग कंपैक्टर प्रोजेक्ट का कंसेप्ट लाए गए थे। हालांकि बायोमाइनिग प्रोजेक्ट को छोड़ दिया जाए तो बाकी प्रोजेक्ट राजनीतिक कारणों से रोक दिए गए थे। इंदौर का सफाई माडल
- शहर से सभी डस्टबिन हटाए गए
- एनजीओ के माध्यम से खुले में कूड़ा न फेंकने के लिए लोगों को जागरूक किया
- गीला और सूखा कूड़ा अलग-अलग करने की योजना लागू की
- कूड़ा फैलाने वालों पर मौके पर ही जुर्माना लगाया
- रैली व सार्वजनिक कार्यक्रमों में कूड़ा फैलाने वालों पर लगाम कसा वेल्लोर से लाए गए थे कंपोस्ट पिट्स प्रोजेक्ट
नगर निगम इससे पहले वेस्ट मैनेजमेंट के लिए कंपोस्ट पिट्स प्रोजेक्ट तमिलनाडु के वेल्लोर से जालंधर ले आया था। प्रोजेक्ट पर इस समय तेजी से काम चल रहा है। पार्षद जगदीश समराय तब इस टीम का हिस्सा थे। उन्होंने कहा कि घरों से गीला और सूखा कूड़ा अलग-अलग इकट्ठा करने का तरीका वेल्लोर से ही सीखा था। अब जालंधर में हर घर से गीला और सूखा कूड़ा अलग-अलग रखने के प्रोजेक्ट पर काम चल राह है। यह प्रोजेक्ट न सिर्फ सस्ता है, बल्कि बेहद कारगर भी है। अगले छह महीने में यह प्रोजेक्ट पूरी तरह से लागू हो जाएगा। कांग्रेस ने रोके सुनील ज्योति के वेस्ट मैनेजमेंट-सफाई के प्रोजेक्ट
अकाली भाजपा सरकार के समय नगर निगम की कई टीमों ने सफाई व्यवस्था और वेस्ट मैनेजमेंट को लेकर दूसरे शहरों के दौरे किए थे। खुद तत्कालीन मेयर सुनील ज्योति मुंबई से बायोमाइनिग प्रोजेक्ट का कांसेप्ट लाए थे। इसी प्रोजेक्ट से वरियाणा डंप का कूड़ा खत्म करना है। यह प्रोजेक्ट स्मार्ट सिटी के तहत किया जाना है, लेकिन इसमें बार-बार बदलाव से देरी हो रही है। इसी तरह अकाली-भाजपा सरकार के समय अंडरग्राउंड डस्टबिन का प्रोजेक्ट भी लागू किया गया था, लेकिन सत्ता में आने के बाद कांग्रेस ने इसे रद कर दिया।