...तो फिर ऊधम सिंह के बाद 4 ओलिंपिक खेलने वाले दूसरे पंजाबी खिलाड़ी होंगे हाकी कैप्टन मनप्रीत
ओलंपियन ऊधम सिंह ने 1952 की हेलसिंस्की (गोल्ड) 1956 की मेलबॉर्न (गोल्ड) 1960 की रोम (सिल्वर) एवं 1964 की टोक्यो (गोल्ड) ओलंपिक खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व किया था। ओलंपियन ऊधम सिंह हॉकी के मक्का के नाम से विख्यात संसारपुर (जिला जालंधर) के निवासी थे।
मनुपाल शर्मा, जालंधर। अगर तीन वर्ष बाद 2024 में पेरिस में होने जा रही ओलंपिक खेलों तक मनप्रीत सिंह भारतीय हॉकी टीम में बने रहते हैं तो वह ओलंपियन स्व. ऊधम सिंह के बाद चार ओलंपिक खेलों में भाग लेने वाले दूसरे पंजाबी एवं देश के तीसरे हॉकी खिलाड़ी होंगे।
ओलंपियन ऊधम सिंह ने 1952 की हेलसिंकी (गोल्ड), 1956 की मेलबोर्न (गोल्ड), 1960 की रोम (सिल्वर) एवं 1964 की टोक्यो (गोल्ड) ओलंपिक खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व किया था। ओलंपियन ऊधम सिंह हॉकी के मक्का के नाम से विख्यात संसारपुर गांव (जिला जालंधर) के निवासी थे।
भारतीय हाकी टीम के मौजूदा कप्तान पंजाब पुलिस के डीएसपी मनप्रीत सिंह उर्फ कोरियन जिला जालंधर के गांव मिट्ठापुर के रहने वाले हैं। वह 2012 की लंदन ओलंपिक, 2016 की रियो ओलंपिक एवं 2020 की टोक्यो ओलंपिक में हिस्सा ले चुके हैं। टोक्यो ओलंपिक में मनप्रीत सिंह की कप्तानी में देश को 41 वर्ष बाद हॉकी में कोई पदक जीता है। इससे पहले 1980 में हुई मास्को ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम स्वर्ण पदक जीतने में सफल रही थी। ओलंपियन ऊधम सिंह के बाद धनराज पिल्ले ऐसे दूसरे भारतीय हॉकी खिलाड़ी थे, जिन्होंने 1992 से लेकर 2004 तक चार ओलंपिक खेलों में हिस्सा लिया था।
मां का सपना- बेटा पेरिस ओलिंपिक खेले
ओलंपियन मनप्रीत की मौजूदा परफॉर्मेंस एंड फिटनेस को देखते हुए प्रबल संभावना जताई जा रही है कि ओलंपियन मनप्रीत पेरिस ओलंपिक खेलने में भी सफल रहेंगे। ऐसा मनप्रीत की माता मनजीत कौर का भी सपना है कि मनप्रीत एक ओलंपिक और खेलें और देश के लिए गोल्ड जीतकर लाएं। मनप्रीत सिंह ने महज 19 वर्ष की आयु में भारतीय हॉकी टीम में अपनी जगह बनाई थी। बीते 10 वर्ष के अंतराल में मनप्रीत सिंह ने दुनिया भर में होने वाले तमाम हॉकी आयोजनों में भारतीय हॉकी टीम की तरफ से हिस्सा लिया है और सर्वश्रेष्ठ हॉकी खिलाड़ियों में खुद को शुमार किया है।