कैसा खेल दिवस? जालंधर में हॉकी विंग बंद, एथलेटिक्स ट्रैक वर्षों से फटेहाल Jalandhar News
वर्ष 1996 में स्पोर्ट्स कॉलेज के मैदान में एथलेटिक्स का सिंथेटिक ट्रैक बिछाया गया था। इसकी मियाद आठ साल होती है। इसे वर्ष 2004 में बदलना था पर 15 साल बाद भी नहीं बदला गया।
जालंधर, [कमल किशोर]। जालंधर में खेल सुविधाएं लगभग न के बराबर है। हॉकी विंग बंद कर दिया गया है। एथलेटिक्स ट्रैक फटेहाल है और स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर न के बराबर हैं। जिम्नास्टिक इंडोर स्टेडियम में इंफ्रास्ट्रक्चर आधुनिक तकनीक का नहीं है। जब खिलाड़ियों को बेहतर सुविधाएं नहीं मिलेंगी तो उनसे पदकों की आस भी धूमिल हो जाएगी। आइए, राष्ट्रीय खेल दिवस 29 अगस्त पर एक नजर डालते हैं जालंधर में मौजूद खेल सुविधाओं पर।
स्पोर्ट्स कॉलेज में नहीं बदला गया एथलेटिक्स ट्रैक
वर्ष 1996 में स्पोर्ट्स कॉलेज के मैदान में एथलेटिक्स का सिंथेटिक ट्रैक बिछाया गया था। इसकी मियाद आठ साल होती है। नियमानुसार इसे वर्ष 2004 में बदलना चाहिए था लेकिन 15 साल बाद भी इसे बदला नहीं गया है। ट्रैक बदलने में 2.50 करोड़ का खर्च आना है लेकिन सरकार अब तक इसे बदलवा नहीं पाई है। हालांकि इसी ट्रैक में अभ्यास कर जालंधर के खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नाम रोशन किया है।
जिम्नास्टिक इंडोर स्टेडियम में इंजरी का खतरा
जिम्नास्टिक के इंडोर स्टेडियम में 15 वर्ष से अधिक समय से देसी किस्म का वॉल्ट टेबल लगा रखा है। सप्लीमेंटरी मैट के साथ-साथ दस इंच व बीस इंच के मैट की जरूरत है लेकिन विभाग की तरफ से अभी तक ये मैट मुहैया नहीं करवाए गए हैं। अगर खिलाड़ी अभ्यास करते समय चोटिल हो जाता है तो कौन जिम्मेवार होगा, इसका जवाब किसी के पास नहीं है।
सरकारी सीसे स्कूल हॉकी खेल विंग हुआ बंद
15 साल से लड़कियों का हॉकी विंग सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल, नेहरू गार्डन स्कूल में चल रहा था। हॉस्टल की बिल्डिंग खस्ताहाल में होने से पिछले माह विंग को बंद करके मोहाली शिफ्ट कर दिया गया। बिल्डिंग के गिरने का खतरा है। इसी कारण इसे बंद करना पड़ा था। इसकी मरम्मत करवाकर दोबारा से विंग शुरू किया जा सकता है।
हंसराज स्टेडियम टेबल टेनिस इंडोर स्टेडियम की टूट रही सीलिंग
हंसराज स्टेडियम में टूटी सीलिंग के नीचे कोचिंग लेते हुए खिलाड़ी सिर के ऊपर मंडराते खतरे से अनजान हैं।
हंसराज स्टेडियम में मौजूद टेबल टेनिस इंडोर स्टेडियम की सीलिंग टूटी हुई है। खिलाड़ी खतरे के बीच टेबल टेनिस की कोचिंग ले रहे हैं। सीलिंग कभी भी टूटकर नीचे गिर सकती है। वहीं, खेल विभाग कार्यालय बरसात के दिनों में पानी में डूबा होता है। ट्रेनिंग करने आने वाले खिलाड़ियों को उन दिनों समस्याओं से जूझना पड़ता है।
एथलेटिक्स ट्रैक व जिम्नास्टिक स्टेडियम में फटे हुए मैट चेंज करने को लेकर खेल डायरेक्टर को कह चुके हैं। हॉकी विंग बंद होने का कारण हॉस्टल बिल्डिंग खस्ताहाल थी। विंग मोहाली में शिफ्ट कर दिया गया है।
-बलविंदर सिंह, जिला खेल अधिकारी।