अवैध निर्माण पर High Court की तल्ख टिप्पणी, बिल्डिंग नहीं गिरा सकते तो इस्तीफा दें अधिकारी
सुनवाई के दौरान एक्शन रिपोर्ट पर न्यायधीश ने निगम अफसरों की क्लास लगाई और कहा कि वे बिल्डिंग सील करने की बजाय गिराने पर जोर दें। अगर बिल्डिंग नहीं गिरा सकते तो इस्तीफा दे दें।
जालंधर, जेएनएन। अवैध कॉलोनियों और इमारतों के खिलाफ हाईकोर्ट में जनहित याचिका पर हुई सुनवाई के दौरान एक्शन रिपोर्ट पर न्यायधीश ने निगम अफसरों की क्लास लगाई और कहा कि वे बिल्डिंग सील करने की बजाय गिराने पर जोर दें। अगर बिल्डिंग नहीं गिरा सकते तो इस्तीफा दे दें। इसके बाद नगर निगम की अपील पर हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई 31 मार्च को तय की है। कोर्ट में निगम अफसरों ने पिछली तारीख से अब तक की गई कार्रवाई की रिपोर्ट दी।
नगर निगम के एमटीपी परमपाल सिंह ने कोर्ट में कहा कि निगम के पास मुलाजिमों की कमी है। इस कारण कार्रवाई में देरी होती है। कोर्ट ने अफसरों से कहा कि पिछली सुनवाई के बाद हुई कार्रवाई की लिखित रिपोर्ट कोर्ट में जमा करवा दें।
इससे पहले हाईकोर्ट ने 15 जनवरी को हुई सुनवाई में नगर निगम को पेंडिंग 167 इमारतों पर कार्रवाई के लिए छह महीने का समय दिया था। इसके लिए 2-2 महीने के तीन चरण तय किए थे। निगम ने हाईकोर्ट में शपथपत्र दिया था कि हर दो महीने में तय इमारतों पर कार्रवाई कर दी जाएगी। नगर निगम हर बार सुनवाई में स्टाफ, सुरक्षा और प्रशासनिक मदद में कमी का हवाला देता आ रहा है। हाईकोर्ट ने सरकार को भी आदेश दिया था कि बिल्डिंग विभाग की टीम को कार्रवाई के लिए सुरक्षा उपलब्ध करवाई जाए।
प्रॉपर्टी टैक्स पर छूट 31 मार्च तक बढ़ाने का स्वागत
सीनियर डिप्टी मेयर सुरिंदर कौर और पार्षदों ने प्रॉपर्टी टैक्स में छूट की अंतिम तिथि बढ़ाने पर सरकार का आभार जताया है। सरकार ने डिफॉल्टरों के लिए छूट सीमा अब 31 मार्च तक बढ़ा दी है। इस छूट के तहत लोगों को करीब 70 प्रतिशत तक टैक्स छूट का फायदा मिल रहा है। पार्षदों ने कहा कि सरकार की इस नीति से लोगों को लाभ मिलेगा। उन्होंने यह भी अपील की कि बिना मंजूरी बनी इमारतों को रेगुलर करने के लिए वन टाइम सेटेलमेंट पॉलिसी भी जल्द जारी की जाए। इस पॉलिसी से हजारों लोगों को राहत मिलेगी। निगम को भी रेवेन्यू मिलेगा।
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