अल्ट्रासाउंड स्कैनिंग सेंटर का मामला ठंडे बस्ते में, डॉक्टरों में रोष
पीसीपीएनडीटी एक्ट की धज्जिया उड़ाने वाले तीन मामले सामने आने के बाद उन पर तेजी से शुरू की गई कार्रवाई ठंडे बस्ते में पड़ गई है।
जागरण संवाददाता, जालंधर: जिले में कन्या भ्रूण जाच निरोधक कानून को सख्ती से लागू करने के लिए सेहत विभाग एड़ी चोटी का जोर लगा रहा है। इसके बावजूद पीसीपीएनडीटी एक्ट की धज्जिया उड़ाने वाले तीन मामले सामने आने के बाद उन पर तेजी से शुरू की गई कार्रवाई ठंडे बस्ते में पड़ गई है। सिविल सर्जन व जिला परिवार कल्याण अधिकारी के तबादले के बावजूद एक्शन को लेकर जोश ठंडा पड़ गया है।
सेहत विभाग की ओर से पिछले माह बाघा अस्पताल भोगपुर के अल्ट्रासाउंड स्कैनिंग सेंटर का पंजीकरण रद कर दिया था। इसके बाघा अस्पताल पठानकोट का अल्ट्रासाउंड स्कैनिंग सेंटर सील चल रहा है। वहीं वीएस स्कैनिंग सेंटर में भी छापामारी कर अनाधिकृत डॉक्टर की ओर से स्कैनिंग के आरोपों को लेकर उसे सील किया गया था। दोनों ही डॉक्टरों की ओर से कारण बताओ नोटिस के जबाव देने के बावजूद कार्रवाई आगे नहीं बढ़ रही है। मामले को लेकर डॉक्टरों में काफी रोष है, परंतु सेहत विभाग के दबाव होने की वजह से चुप्पी साधे हुए है।
अरोड़ा स्कैनिंग सेंटर करतारपुर में डॉ. टीपीएस मुल्तानी पर कोख में पल रहे भ्रूण की जाच करने के आरोप लगाए गए थे। मामला थाना करतारपुर में दर्ज होने के बावजूद सेहत विभाग कानूनी कार्रवाई करने के लिए हाथ पर हाथ रख कर बैठा है। हालाकि मौके पर पकड़े गए राजेश कुमार ने बयान में अरोड़ा स्कैनिंग सेंटर में पीसीपीएनडीटी एक्ट को ताक पर रख कर भ्रूण के लिंग की जाच करवाने की बात कबूली थी। वीएस स्कैनिंग सेंटर के डॉ. अमरजीत व बाघा अस्पताल के डॉ. एचएस कंग के अनुसार नोटिस के जवाब निर्धारित समय में दिए जा चुके हैं। अब इसके बाद सेहत विभाग के फैसले का इंतजार किया जा रहा है।
इस बारे में सिविल सर्जन डॉ. रमेश कुमार बग्गा का कहना है कि मैंने कुछ दिन पहले ही कार्यभार संभाला है। पूरे रिकॉर्ड की जाच करूंगा किसी के साथ अन्याय नहीं होगा। जल्द ही कानूनी सलाह की बैठक रखी है उसमें सभी मामलों पर फैसला किया जाएगा।