World Heart Day 2020 : कोरोना काल में दिल की फिटनेस हुई बेहतर, मरीजों की संख्या में 10-15 फीसद आई गिरावट
World Heart Day 2020 कोरोना काल में लोगों ने घरों में रहकर योग व मेडिटेशन से खुद को फिट रखा। यही कारण है कि पिछले साल की अपेक्षा इस साल अस्पतालों में दिल का इलाज करवाने के लिए आने वाले मरीजों में 10-15 फीसद तक गिरावट आई।
जालंधर, [जगदीश कुमार]। World Heart Day 2020 : कोरोना की दस्तक के साथ लोगों की जीवन शैली में सुधार होने से दिल की बीमारियों के मरीजों में 10-15 फीसद गिरावट आई है। हालांकि दिल की बीमारियों का ईलाज करवा रहे व बुजुर्ग लोगों को परहेज करने की जरूरत है। टैगोर हार्ट केयर के डॉ. निपुण महाजन कहते है कि सादा खाना, आराम और तनावमुक्ति का हृदय रोगियों के जीवन में काफी महत्व है। कोरोना काल में लोगों ने घरों में रहकर योग व मेडिटेशन से खुद को फिट रखा। यही कारण है कि पिछले साल की अपेक्षा इस साल अस्पतालों में दिल का इलाज करवाने के लिए आने वाले मरीजों में 10-15 फीसद तक गिरावट आई।
केयरमेक्स अस्पताल के एमडी डॉ. रमन चावला का कहना है कि पिछले तीन माह की बात करें तो इलाज करवाने वाले मरीजों में 30 फीसद तक गिरावट दर्ज की गई है। हालांकि कोरोना का कहर कम होने पर मरीज घरों से निकलने लगे हैं, लेकिन फिर भी ओपीडी 15 फीसद तक कम ही है। उन्होंने कहा कि सेहतमंद हृदय चाहिए तो कम सोडियम वाली डाइट लें, ट्रांस वसा की खपत कम करें, कार्बोहाइड्रेट जैसे ब्रेड, पास्ता व चीनी से बचें। उन्हें पूरे अनाज के अंकुरित अनाज, स्वस्थ हरे अनाज और दलिया जैसे विकल्पों से बदलें। दिन में कम से कम 30 मिनट के लिए नियमित रूप से व्यायाम करें।
दिल के लिए भी खतरनाक है कोरोना
ग्लोबल अस्पताल के डॉ. अंकित शर्मा कहते है कि कोरोना काल में कोरोना से संक्रमित होने पर हृदय रोग से पीड़ित रोगियों का परिणाम बद्तर होता है। कोरोना दिल के दौरे, पैरों और मस्तिष्क में थक्के के साथ-साथ दिल की दर में उतार-चढ़ाव के कारण रक्त वाहिकाओं में थक्के का कारण बन सकता है। इन उतार-चढ़ाव से चक्कर आना और धड़कन बढ़ने जैसे लक्षण हो सकते हैं।
कोताही बरतने वाले को हो सकता है नुकसान
ग्लोबल अस्पताल के डायरेक्टर डॉ. धीरज भाटिया ने कहा कि वायरस हमारे शरीर में प्रवेश कर फेफड़ों को नुकसान पहुंचाना शुरू कर देता है। कोरोना हृदय प्रणाली पर बहुत अधिक तनाव का कारण बनता है। फेफड़ों के संक्रमण के कारण शरीर में रक्त ऑक्सीजन का स्तर गिर जाता है, जो दिल की कार्यप्रणाली को प्रभावित करता हैं। कोरोना काल में ईलाज में कोताही बरतने वाले वाले दिल के मरीजों को नुकसान झेलना पड़ रहा हैं। महिलाओं में दिल की बीमारी का खतरा - कम और बार्डर लाइन एचडीएल और गुड कॉलेस्ट्रोल से तीन फीसद - हाई टोटल कॉलेस्ट्रोल से तीन फीसद - धूम्रपान करने वाली महिलाओं को चार फीसद - मधुमेह से छह फीसदी -मोटापा व अत्याधिक भार से 72 फीसद