सरकारी सेहत सेवाएं देने वाले यूथ डॉक्टरों को सेहत मंत्री का सलाम
चिकित्सा जगत में यूथ का भविष्य उज्ज्वल है।
जालंधर : चिकित्सा जगत में यूथ का भविष्य उज्ज्वल है। उन्हें देश में ही सरकारी अस्पतालों व गांवों में किसानों को सेहत सेवाएं देनी चाहिए। सरकारी अस्पतालों में सेहत सेवाएं देने वाले युवा डाक्टरों की संख्या कम है। यह बातें राज्य के सेहत मंत्री ब्रह्म मो¨हदरा ने पिम्स में वैशाखी के उपलक्ष्य में एकेटेसी 2018 फेस्ट के उद्घाटन समारोह में कहीं। उन्होंने कहा सरकारी अस्पतालों में सेहत सेवाएं देने वाले युवा डॉक्टर उन्हें अच्छे लगते हैं और वह उन्हें सलाम करते हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को डॉक्टर बनने के बाद बेहतरीन सेवाएं गरीब वर्ग तक पहुंचाने की बात कही। उन्होंने पिम्स प्रबंधन को पीजी कोर्स शुरू करने की सलाह दी और इस संबंध में उन्हें अनुमति देने में पूरा सहयोग देने की बात कही। इससे पहले उन्होंने ज्योति प्रज्ज्वलित कर फेस्ट का शुभारंभ किया। उन्होंने फेस्ट में भाग लेने वालों को राज्य के मुख्यमंत्री कैप्टन अम¨रदर ¨सह की ओर से बधाई भी दी। इसके उपरांत पिम्स की डायरेक्टर प्रि¨सपल डॉ. कुलबीर कौर ने कालेज व अस्पताल में मुहैया करवाई जाने वाली सेवाएं व उपलब्धियों की विस्तृत जानकारी दी। केवल पिम्स के ही 20 विद्यार्थी हैं जो अच्छे कॉलेजों में पीजी की पढ़ाई कर रहे हैं। रेजिडेंट डायरेक्टर अमित ¨सह ने कहा कि विद्यार्थियों के अंदर प्रतिभा निखारने पिम्स में पहली बार फेस्ट करवाया जा रहा है। विद्यार्थी आगे जाकर अपने प्रोफेशन के साथ-साथ अपनी प्रतिभा को भी बरकरार रख सकेंगे। इस अवसर पर विद्यार्थियों ने मधुर स्वरों में गायन पेश कर खूब तालियां बटौरी। पूरा फेस्ट प्रबंधन विद्यार्थी ही कर रहे है। इस मौके पर पिम्स सोसायटी के डायरेक्टर डॉ. विमल सेकरी, सांसद चौधरी संतोख ¨सह, विधायक परगट ¨सह, सुशील ¨रकू, रा¨जदर बेरी, डॉ. सचिन देव मेहता, डॉ. पुनीत गिरधर, पंकज खन्ना, जालंधर कांग्रेस अध्यक्ष दलजीत ¨सह आहलूवालिया के अलावा पिम्स के स्टाफ के सदस्य व विद्यार्थी मौजूद थे। मंत्री के समक्ष रखी समस्याएं
पिम्स सोसायटी के डायरेक्टर के आफिस में सेहत मंत्री ब्रह्म मो¨हदरा के साथ पिम्स प्रबंधन व विधायकों के साथ बैठक हुई। इस दौरान उन्होंने पिम्स में फार्मेसी व मुलाजिमों को चल रहे विवाद की समस्या सेहत मंत्री के समक्ष रखी। सेहत मंत्री ने उन्हें समाधान करवाने का आश्वासन दिया। वहीं इस बैठक को लेकर पिम्स मुलाजिम यूनियन ने खासा रोष व्यक्त किया है। यूनियन के महासिचव धर्मेंद्र कुमार का कहना है कि पिम्स दलित मुलाजिमों से धक्का कर रही है। पिम्स के अंदरूनी हालात को देखते हुए केन्द्र सरकार को खुद चलाना चाहिए।