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Jagran Impact: नलबंदी के बाद महिलाओं को जमीन पर लिटाया था, Mehatpur और Nakodar के इन अफसरों पर कार्रवाई की तैयारी Jalandhar News

नलबंदी के बाद महिलाओं को जमीन पर लिटाने के मामले को दैनिक जागरण ने 14 June के अंक में प्रमुखता से प्रकाशित किया था।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Thu, 20 Jun 2019 12:14 PM (IST)Updated: Thu, 20 Jun 2019 12:14 PM (IST)
Jagran Impact: नलबंदी के बाद महिलाओं को जमीन पर लिटाया था, Mehatpur और Nakodar के इन अफसरों पर कार्रवाई की तैयारी Jalandhar News
Jagran Impact: नलबंदी के बाद महिलाओं को जमीन पर लिटाया था, Mehatpur और Nakodar के इन अफसरों पर कार्रवाई की तैयारी Jalandhar News

जासं, जालंधर। सिविल अस्पताल नकोदर में नलबंदी करने के बाद महिलाओं को जमीन पर लिटाने का मामला सेहत विभाग के आला अधिकारियों और मंत्रालय तक पहुंच गया है। सिविल सर्जन जालंधर ने जांच रिपोर्ट चंडीगढ़ से आई टीम को सौंप दी है। इसे जल्द विभाग को सौंपा जाएगा। रिपोर्ट के मुताबिक इस पूरे प्रकरण के जिम्मेदार नकोदर व महितपुर के एसएमओ पर कार्रवाई तय मानी जा रही है। विभाग ने यह कदम दैनिक जागरण में मामला मुखरता से प्रकाशित किए जाने के बाद उठाया है।

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नलबंदी के बाद महिलाओं को जमीन पर लिटाने के प्रकरण की खबर दैनिक जागरण के 14 जून के अंक में प्रमुखता से प्रकाशित की गई थी।

सिविल अस्पताल में पिछले सप्ताह सीएचसी महितपुर के अधीन आते इलाके की 33 महिलाओं की नलबंदी करने के लिए लैप्रोस्कोपी सर्जरी की गई थी। स्वास्थ्य अधिकारियों ने नलबंदी के बाद महिलाओं को जमीन पर दरी बिछाकर लिटा दिया था। 14 जून को दैनिक जागरण में समाचार प्रकाशित होने के बाद सेहत विभाग हरकत में आया। सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार बग्गा ने सहायक जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. टीपी सिंह, जिला परिवार कल्याण अधिकारी डॉ. सुरिंदर कुमार तथा डिप्टी मेडिकल कमिश्नर डॉ. हरप्रीत कौर मान की टीम गठित कर जांच करवाई।

इसके अलावा सेहत विभाग के हेडक्वार्टर से डिप्टी डायरेक्टर परिवार कल्याण डॉ. मुकेश सोंधी को मामले की जांच सौंपी गई है। सिविल सर्जन जालंधर ने जांच पूरी कर रिपोर्ट विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी सतीश चंद्रा को भेज दी है। रिपोर्ट में एसएमओ महितपुर डॉ. कुलविंदर कौर और नकोदर के एसएमओ डॉ. वरिंदर जगत को दोषी करार दिया गया है। जांच में यह भी सामने आया कि नलबंदी को लेकर नकोदर सिविल अस्पताल में पर्याप्त इंतजाम नही थे। साथ ही, एसएमओ महितपुर द्वारा नलबंदी के ऑपरेशनों की पूरी जानकारी एसएमओ नकोदर को न देने की बात सामने आई। रिपोर्ट में नलबंदी के मामले में मानवाधिकारों का हनन होने को लेकर विभाग के अधिकारियों को उचित कार्रवाई करने की सिफारिश की गई है।

महितपुर व नकोदर के एसएमओ पर होगी कार्रवाई : सिविल सर्जन

सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार बग्गा ने माना कि नकोदर में नलबंदी के केसों को लेकर मानवाधिकारों का हनन हुआ है, जिसके लिए महितपुर व नकोदर के एसएमओ जिम्मेदार हैं। विभाग को उचित कार्रवाई करने की रिपोर्ट भेजी दी है।

जांच रिपोर्ट जल्दी ही विभाग को देंगे : डॉ. मुकेश सोंधी

चंडीगढ़ से मामले की जांच कर रहे डिप्टी डायरेक्टर डॉ. मुकेश सोंधी का कहना है कि वह जांच करने के लिए नकोदर सिविल अस्पताल में गए थे। जांच रिपोर्ट तैयार कर विभाग को जल्द सौंपी जाएगी। मौके पर जो खामियां मिली हैं, उसके लिए एसएमओ पर बनती कार्रवाई होगी।


रिपोर्ट के आधार पर होगी कार्रवाई : सतीश चंद्रा

सेहत विभाग के एडिशनल सेक्रेटरी सतीश चंद्रा का कहना है कि मामले की जांच चल रही है। रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।


विभाग से कड़ी कार्रवाई की मांग

नकोदर के समाजसेवी गौरव जैन का कहना है कि सेहत विभाग के डाक्टरों ने सिविल अस्पताल नकोदर में जमकर मानवाधिकारों का हनन किया है। नियमों को ताक पर रख एक ही डॉक्टर से 33 नलबंदियां करवाई। उन्होंने विभाग के समक्ष कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है ताकि भविष्य में लोगों को परेशानियों का सामना न करना पड़े।

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