स्कै¨नग मशीन और रिकॉर्ड ले गई हरियाणा टीम, सेहत विभाग के हाथ खाली
भोगपुर के बाघा अस्पताल एंड मेटरनिटी होम में कोख में पल रहे भ्रूण की ¨लग जांच मामले को लेकर सोमवार को सेहत विभाग जालंधर के हाथ फिर खाली रहे।
जागरण संवाददाता, जालंधर : भोगपुर के बाघा अस्पताल एंड मेटरनिटी होम में कोख में पल रहे भ्रूण की ¨लग जांच मामले को लेकर सोमवार को सेहत विभाग जालंधर के हाथ फिर खाली रहे। अंबाला की सेहत विभाग की टीम और पुलिस बाघा अस्पताल की अल्ट्रासाउंड स्कै¨नग मशीन व पूरा रिकार्ड सील करके साथ ले गई। टीम जालंधर के अधिकारियों को कार्रवाई की फोटो स्टेट कॉपियां थमा गई।
ऐसा माना जा रहा है कि सेहत विभाग ने अस्पताल प्रशासन को बचने का मौका दिया, नतीजतन सोमवार को अल्ट्रासाउंड स्कै¨नग मशीन और रिकार्ड में 11 सितंबर को हरियाणा से कोख में पल रहे भ्रूण के ¨लग की जांच करवाने आई डिकोय गर्भवती महिला की कहीं भी एंट्री नहीं मिली। अंबाला पुलिस ने आरोपितों तक पहुंचने के लिए जांच पड़ताल शुरू कर दी है। महिला एजेंट हरजीत कौर अंबाला जेल में है और शेष दो आरोपित महिलाएं फरार हैं। हालांकि डॉ. हरजीत ¨सह कंग ने जमानत ले ली है।
अंबाला से सेहत विभाग व पुलिस तथा लोकल सेहत विभाग व पुलिस की टीम आईएमए व स्वयं सेवी संगठन के प्रतिनिधि के साथ बाघा अस्पताल भोगपुर में दो बजे पहुंचे। टीमों ने एक-एक करके सील किए तीनों कमरों की सील खोलकर रिकार्ड की जांच की। डॉ. म¨हदर प्रताप ¨सह व टीम के सदस्यों ने अल्ट्रासाउंड स्कै¨नग मशीन को चलाकर उसमें से 11 ¨सतबर को महिलाओं की हुई अल्ट्रासाउंड स्कै¨नग मशीन का रिकार्ड खंगाला। इसके अलावा ओपीडी रजिस्टर, रसीदें व अन्य रिकार्ड की गहन जांच पड़ताल की।
इस दौरान टीमों को गर्भवती महिला डिकोय से संबंधित रिकार्ड न मिलने से निराशा हाथ लगी। टीम ने अस्पताल के डॉ. हरजीत ¨सह कंग की मौजूदगी में शाम पांच बजे तक अस्पताल का रिकार्ड खंगाला। इसके बाद अंबाला के सेहत विभाग व पुलिस की टीम अल्ट्रासाउंड मशीन व पूरा रिकार्ड सील करके साथ ले गई। सेहत विभाग जालंधर के हाथ कुछ नहीं लगा। मशीन सील करने के लिए नहीं था विभाग के पास कपड़ा
दो राज्यों की सेहत विभाग व पुलिस की चार टीमें बाघा अस्पताल में मामले की जांच करने पहुंची। मशीन सील करने के लिए किसी के पास भी सामान नहीं था। आनन फानन में टीमों ने अस्पताल की चादरों के साथ ही मशीन को सील किया। वहीं मशीन को जीप में ठूंसकर रखा गया है। रेडियोलाजिस्ट डॉ. म¨हदर प्रताप ¨सह के अनुसार मशीन काफी संवेदनशील होती है और हल्की ठोकर लगने से खराब हो सकती है। अस्पताल के डॉ. हरजीत ¨सह कंग का कहना है कि तीन साल पहले उन्होंने जीई कंपनी की अल्ट्रासाउंड स्कै¨नग मशीन करीब 16 लाख में खरीदी थी। उन्होंने अंबाला की टीम से लिखित में ले लिया है कि उन्हें मशीन चलती हालत में दी गई है। भविष्य में कोई खराबी होगी, सील कर ले जाने वाले जिम्मेवार होंगे। गर्भ गिराने के लिए पकड़ी गोलियों को किया दरकिनार
सेहत विभाग अंबाला के डॉ. संजीव गर्ग ने जांच पड़ताल में गर्भ गिराने के लिए इस्तेमाल होने वाली 26 के करीब गोलियां मौके पर बरामद कर स्थानीय सेहत विभाग की टीम को दी। हालांकि मौके पर अस्पताल का डॉ. हरजीत ¨सह कंग दवाई का रिकार्ड नहीं दिखा सका। बावजूद स्थानीय सेहत विभाग की टीम ने मामले को दरकिनार कर गोलियां वहीं छोड़ दी। डॉ. गुरमीत कौर का कहना है कि अंबाला टीम के साथ विचार-विमर्श करने के बाद इसे स्पॉट मीमो में दर्ज करवा दिया था। पीसीपीएनडीटी एक्ट को लेकर डॉक्टरों में गहमागहमी
जांच पड़ताल के दौरान अंबाला के डॉ. अर¨वदरजीत ¨सह व जालंधर की डॉ. गुरमीत कौर में भ्रूण के ¨लग की जांच को लेकर पीसीपीएनडीटी एक्ट को लेकर खासी गहमागहमी हुई। डॉ. अर¨वदरजीत ¨सह ने कहा कि हम आपके इलाके में आकर आप का काम कर रहे हैं। क्या आपने कभी हमारे इलाके में आकर ऐसा काम किया है। उन्होंने मामला पुलिस में दर्ज करवाना सही करार दिया। जबकि डॉ. गुरमीत कौर ने पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत अदालत में केस दायर करने का तर्क दिया। मामले को लेकर गहमागहमी हुई तो डॉ. संजीव गर्ग ने दखअंदाजी कर दोनों को शांत किया। मशीन व हार्डडिस्क की होगी हाई लेवल जांच
अल्ट्रासाउंड स्कै¨नग मशीन और रिकार्ड सील कर दी है। संबंधित विभाग के इंजीनियर से मशीन व इसकी हार्ड डिस्क की गहन जांच करवाई जाएगी। सामने आए तथ्य चार्ज शीट में दर्ज किए जाएंगे। एंजेट महिला हरजीत कौर अंबाला जेल में है और डॉ. निरोत्तम पुरी व अन्य महिला फरार हैं। डॉ. हरजीत ¨सह कंग ने जमानत ले ली है। फरार आरोपितों को पकड़ने के लिए पंजाब पुलिस की मदद से छापे मारेंगे।
- संजय राणा, एसआइ अंबाला पुलिस, जांच अधिकारी। अल्ट्रासाउंड मशीन व रिकार्ड से छेड़छाड़ की संभावना
अल्ट्रासाउंड स्कै¨नग मशीन से छेड़छाड़ की संभावना है। सोमवार को टीम ने जब मशीन को स्टार्ट कर जांच की तो जांच में मशीन तारीख तो सही बता रही थी परंतु समय सही नहीं बता रही थी। जांच के वक्त मशीन साढ़े चार बजे का समय दिखा रही थी जबकि उस समय तीन बजने में कुछ मिनट बाकी थे। अल्ट्रासाउंड स्कै¨नग वाले कमरे के दरवाजे का बोर्ड भी कमजोर और हिला हुआ था। छापामारी के दिन जालंधर की टीम ने सही समय पर सहयोग दिया होता तो सभी आरोपित पुलिस की गिरफ्त में होते। स्थानीय टीम ने सात दिन का कारण बताओ नोटिस देकर आरोपित को गलती सुधारने का पूरा मौका दिया है। सात सितंबर को अमनदीप कौर व ज्योति की जच्चा-बच्चा जांच के लिए अल्ट्रा साउंड स्कै¨नग हुई थी।
- डॉ. अर¨वदर जीत ¨सह, अंबाला सेहत विभाग मैंने भ्रूण के ¨लग की जांच नहीं, बेवजह तंग कर रहे : डॉ. कंग
11 सितंबर को मैंने दो बजे तक ओपीडी की और दो महिलाओं की अल्ट्रासाउंड स्कै¨नग की। इनमें से व इससे पहले किसी भी गर्भवती की कोख में भ्रूण ¨लग की जांच नहीं की। अस्पताल का रिकार्ड गवाह है। आज की कार्रवाई का मैंने कोई विरोध नहीं किया। मेरे खिलाफ अंबाला पुलिस ने 11 सितंबर को मामला दर्ज किया था। 20 सितंबर को मैंने अंबाला में जाकर जमानत ले ली थी। मैंने सेहत विभाग द्वारा भेजे गए कारण बताओ नोटिस का जबाव 17 सितंबर को सिविल सर्जन आफिस में जमा करवाया था, जिसका डायरी नंबर भी मेरे है। बावजूद विभाग ने जवाब न मिलने की सूरत में अल्ट्रासाउंड स्कै¨नग सेंटर का रजिस्ट्रेशन सस्पेंड कर दिया।
- डॉ. हरजीत ¨सह कंग, बाघा अस्पताल अस्पताल में इनकी हुई थी स्कै¨नग
- 7 ¨सतबर को अमनजीत कौर व ज्योति (सीरियल नंबर 7301-7400)
- 10 सितंबर को मोनिका की पेट की अल्ट्रासाउंड स्कै¨नग हुई थी।
- 11 सितंबर को परमजीत कौर व अंजू बाला की जच्चा बच्चा जांच के लिए अल्ट्रासाउंड स्कै¨नग हुई थी। ये रिकार्ड सील किया गया
जीई कपंनी की निर्मित अल्ट्रासाउंड स्कै¨नग मशीन व तीन प्रोब, फार्म एफ रजिस्टर (सीरियल नंबर 1601-1700), कैश मीमो गर्भवती महिलाओं की जांच वाली (सीरियल नंबर 7301-7400), कैश मीमो जनरल स्कै¨नग वाली (सीरियल नंबर 1-100), जनरल ओपीडी रजिस्टर, पूरे पेट की अल्ट्रासाउंड स्कै¨नग रजिस्टर, गर्भवती महिलाओं की अल्ट्रासाउंड स्कै¨नग रजिस्टर, ओपीडी रजिस्टर, कैश मीमो रजिस्टर, इनडोर रजिस्टर। यह लोग शामिल थे टीम में
अंबाला से डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. संजीव ¨सगला, डॉ. अर¨वदर जीत ¨सह, डॉ. विपिन भंडारी, पुलिस का जांच अधिकारी संजय राणा व मनीश। जालंधर से डॉ. गुरमीत कौर, डॉ. तरसेम ¨सह, डॉ. मो¨हदर प्रताप ¨सह, डॉ. अलोक ललवानी, डॉ. ओपी अरोड़ा, डॉ. अमरजीत ¨सह, पंकज मेहता व दीपक।