हरसिमरत बोलीं- बाढ़ के लिए कैप्टन सरकार जिम्मेदार, नहीं किए गए निपटने के पूरे इंतजाम
हरसिमरत कौर बादल ने शुक्रवार को जालंधर व लुधियाना के बाढ़ग्रस्त इलाकोंं का दौरा किया। हरसिमरत ने राज्य में आई बाढ़ के लिए कैप्टन सरकार को जिम्मेदार ठहराया।
जेएनएन, जालंधर/लुधियाना। केंद्रीय मंत्री व शिअद नेत्री हरसिमरत कौर बादल ने शुक्रवार को जालंधर व लुधियाना के बाढ़ग्रस्त इलाकोंं का दौरा किया। हरसिमरत ने राज्य में आई बाढ़ के लिए कैप्टन सरकार को जिम्मेदार ठहराया। कहा कि केंद्र सरकार द्वारा दरिया के किनारों पर बने बांध को मजबूत करने और ड्रेन की सफाई के लिए करोंडों रुपये दिए जाते हैं, लेकिन राज्य सरकार ने कोई काम नहीं किया। हरसिमरत ने कहा कि बादल सरकार बरसात से पहले ही पूरी तैयारी रखती थी जिस कारण बाढ़ नहीं आई। हरसिमरत ने बाढ़ प्रभावित लोगों से भी बातचीत की।
शनि गांव व फिल्लौर में पत्रकारों से बातचीत में हरसिमरत ने कहा कि राज्य सरकार बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने में पूरी तरह विफल साबित हुई है। राज्य सरकार द्वारा बरसात की सीजन से पहले पुख्ता प्रबंध नहीं किए गए। इस कारण बाढ़ के कारण बाढ़ जैसे हालात का सामना करना पड़ा और लोगों को नुकसान हुआ। गत दिवस शिअद प्रधान व हरसिमरत कौर बादल के पति सुखबीर सिंह बादल भी राज्य सरकार पर लापरवाही का आरोप लगा चुके हैं।
सुखबीर बादल ने कहा कि पंजाब सरकार ने राज्य में बाढ़ से हुए नुकसान की प्रपोजल केंद्र सरकार को नहीं भेजी है। आपदा से निपटने के लिए विशेष फंड की व्यवस्था की गई है। अगर पंजाब सरकार केंद्र सरकार को जरूरी मांग भेजे तो वित्तीय सहायता जरूर मिलेगी। उन्होंने बाढ़ से हुए नुकसान पर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा। कहा कि किसानों की हजारों एकड़ फसल की बर्बादी के लिए अवैध खनन जिम्मेदार है। सरकार अवैध खनन रोकने में विफल साबित हुई है जिसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है। सुखबीर ने गांव आहली खुर्द, आलूवाल, सरुपवाल का दौरा भी किया।
पूर्व उपमुख्यमंत्री बादल ने कहा कि पंजाब सरकार ने ढाई साल में दरियाओं के बांधों की मजबूती के लिए कुछ नहीं किया। रेत माफिया ने मनमाने ढंग से दरियाओं से रेत निकाली जिससे धुस्सी बांधों को नुकसान पहुंचा और हजारों एकड़ फसल बर्बाद हुई। सुखबीर ने कहा कि मुख्यमंत्री विश्व बैंक को राज्य में बाढ़ के स्थायी हल के लिए प्रोजेक्ट भेजे जाने की बयानबाजी करने के बजाय बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को मुश्किलों से निकालें। सरकार को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के किसानों को 25 हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा देना चाहिए। आम लोगों को जो भी नुकसान हुआ है उसकी भरपाई भी करनी चाहिए।
हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें