हरिवल्लभ सम्मेलन में इस बार देखें हाथ से बनीं बनारसी साड़ियां, लें कश्मीर के कहवा का स्वाद
जालंधर के विश्व प्रसिद्ध हरिवल्लभ संगीत सम्मेलन में इस बार देश के अलग-अलग हिस्सों के हैंडीक्राफ्ट की भी प्रदर्शनी लगाई जाएगी।
जागरण संवाददाता, जालंधर : विश्व प्रसिद्ध हरिवल्लभ संगीत सम्मेलन इस बार सिर्फ भारतीय संगीत से ही नहीं बल्कि हस्तशिल्प (हैंडीक्राफ्ट) से पूरे देश को एक सूत्र में पिराने का काम करेगा। सम्मेलन 28 से 30 दिसंबर तक होगा। इस बार आगंतुक देश के विभिन्न हिस्सों के हाथ से बने उत्पादों जैसे बनारसी साड़ी, लखनवी कुर्ता, मुगलकानी पच्चीकारी से गढ़े मोहक उत्पाद खरीदने के साथ ही कश्मीर के लुप्तप्राय होते जा रहे प्रमुख पेय पदार्थ कहवा का भी लुत्फ उठा सकेंगे। इसके लिए नॉर्थ जोन कल्चरल सेंटर पटियाला के प्रयास से काहवा तैयार करने वाले उन्हीं पुरानी पीढ़ी के बचे चंद परिवारों के सदस्यों को यहां लाने का प्रयास किया जा रहा है।
श्री बाबा हरिवल्लभ संगीत महासभा की अध्यक्ष पूर्णिमा बेरी ने बुधवार को प्रेस क्लब में मीडिया से वार्ता करते हुए यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि संगीत सम्मेलन की लगभग सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। 40 साल के इस लंबे सफर के बाद पहली बार हरिवल्लभ संगीत सम्मेलन में कुछ नए आयाम जुड़ेंगे। संगीत के साथ भारतीय संस्कृति से जुड़े दूसरे पहलुओं खासकर हस्तशिल्प को नॉर्थ जोन कल्चरल सेंटर पटियाला के सहयोग से जोड़ा गया है। पहली बार संगीत के साथ आयोजन स्थल श्री देवी तलाब मंदिर में देश के विभिन्न प्रांतों के हस्तशिल्पियों के 15 स्टॉल लगाए जाएंगे, जहां हस्तशिल्प से तैयार बनारसी साड़ी, लखनवी कुर्ते, हिमाचल की चंबा चप्पल, हथकरघा से बने उत्पाद, कश्मीर का पशमीना आदि पूरे देश के हस्तशिल्प अपने उत्पादों का प्रदर्शन किया जाएगा। गोरखपुर में चल रहे गीता महोत्सव के समापन के साथ ही 24 दिसंबर से हस्तशिल्पियों का जालंधर पहुंचना शुरू हो जाएगा।
इस मौके पर महासचिव दीपक बाली, डायरेक्टर नोर्थ जोन कल्चरल सेंटर डॉ.सौभाग्य वर्धन, इंजी.एसएस अजीमल, ट्रेजरार राकेश दादा, नितिन कपूर आदि मौजूद थे।
क्लेरिनेट होगा पहली बार शामिल
क्लेरिनेट (प्राचीन वाद्य यंत्र) को पहली बार हरिवल्लभ का हिस्सा बनाया गया है? यह पुरानी फिल्मों के दिलकश संगीत की याद दिलाएगा। क्लेरीनेट का प्रदर्शन सम्मेलन के अंतिम दिन डॉ. नरसिम्हालु, वेदवति और वेंकटेश्वर्य वेदपति करेंगे।
ये होंगे मुख्य कलाकार
पं. राजन-साजन मिश्रा (वोकल), ग्रेमी अवार्ड विजेता विश्व मोहन भट्ट, पं. सलिल भट्ट, (मोहन वीणा), सुलोचना बृहस्पति (वोकल), उस्ताद वसीफुद्दीन डागर (ध्रुपद), पं. सुरेश तलवलकर (तबला ग्रुप परफोर्मेंस, जयतीर्थ मुवुंदी (वोकल), डॉ. पं. नगरिम्हालु वेदवति (क्लेरेनेट), इंद्राणी मुखर्जी।
ये होंगे कार्यक्रम
24 दिसंबर को संगीत प्रतियोगिता का उद्घाटन, 25 दिसंबर से 27 दिसंबर तक विभिन्न वर्गों में संगीत प्रतियोगिताएं जारी रहेंगी। 28 से 30 दिसंबर तक संगीत प्रतियोगिता होगी।