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सांसद ने बताया गुड-गुड, हकीकत सिर्फ बैड-बैड

सोमवार को सांसद चौधरी संतोख सिंह की सेहत विभाग व जिला प्रशासन के साथ इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट के ऑफिस में हुई बैठक के दौरान नीतियों की धज्जियां उड़ने के अलावा तमाम दावे भी हवा हवाई हुए।

By JagranEdited By: Published: Tue, 28 Jul 2020 07:18 AM (IST)Updated: Tue, 28 Jul 2020 07:18 AM (IST)

सांसद ने बताया गुड-गुड, हकीकत सिर्फ बैड-बैड
सांसद ने बताया गुड-गुड, हकीकत सिर्फ बैड-बैड

जागरण संवाददाता, जालंधर

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सोमवार को सांसद चौधरी संतोख सिंह की सेहत विभाग व जिला प्रशासन के साथ इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट के ऑफिस में हुई बैठक के दौरान नीतियों की धज्जियां उड़ने के अलावा तमाम दावे भी हवा हवाई हुए। सांसद की ओर से दावा किया गया कि सेहत विभाग के पास पर्याप्त मात्रा में एम्बुलेंस मौजूद हैं और कमी को पूरा करने के लिए निजी अस्पतालों की एम्बुलेंस भी कोरोना मरीजों की शिफ्टिग के लिए इस्तेमाल की जार रही हैं। वहीं हकीकत यह है कि मरीज कोरोना पॉजिटिव आने के बाद 72 घंटे बाद ही अस्पताल नहीं पहुंच पा रहे और न ही सेहत विभाग की टीमें उनके साथ संपर्क साध रही हैं। सांसद चौधरी संतोख सिंह ने इस संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि बिना लक्ष्ण वाले मरीज खुद भी आ सकते हैं और अपना निजी वाहन भी इस्तेमाल कर सकते हैं। हालांकि यह नीतियों के खिलाफ है। बावजूद इसके सांसद ने कहा कि सेहत विभाग कोरोना की जंग में पूरी तरह सक्षम है और निजी वाहनों का इस्तेमाल भी कर रहा है। इसके अलावा उन्होंने सिविल अस्पताल में मरीजों के इलाज के लिए पूरी तैयारी का दावा किया जबकि सेहत विभाग स्टाफ की कमी व मूलभूत सुविधाओं से जूझ रहा है। उधर, कोरोना के अलावा अन्य बीमारियों से मरीज सुविधाओं के लेकर स्वास्थ्य सेवाओं पर सवालिया निशान उठा रहे हैं। जबकि मरीजों को ईएसआइ में शिफ्ट करने के लिए परिजन खुद स्ट्रेचर डाल कर ले जा रहे हैं। वहीं ईएसआइ अस्पताल में मरीजों को मिलने वाली स्वास्थ्य सुविधाएं कम और समस्याएं ज्यादा हैं। इससे पहले मीटिंग में सांसद चौधरी संतोख सिंह ने बताया कि ईएसआइ अस्पताल में नॉन कोविड मरीजों को आने वाली समस्याओं का विधायक राजिदर बेरी के सहयोग से तुरंत प्रभाव से समाधान किया जा रहा है। एमपी लैड फंड से लोगों के कोरोना जांच के लिए मोबाइल वैन , मरीजों के जरूरी टेस्ट करने के लिए उपकरण तथा तीनों सीएचसी में सीबीसी जांच करने वाली मशीनें देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि मरीजों को शिफ्ट करने के लिए सेहत विभाग, इमरजेंसी एंबुलेंस 108 तथा निजी अस्पतालों की एंबुलेंसों को शामिल किया गया है। उन्होंने पहली अगस्त से आरडीडीएल में कोरोना के मरीजों के सैंपलों की जांच करने की बात कही। इस मौके पर उनके साथ ट्रस्ट के चेयरमैन दलजीत सिंह आहलुवालिया, विधायक राजिदर बेरी, एमएस डॉ. हरिदर पाल सिंह, डॉ. कश्मीरी लाल, डॉ. ज्योति शर्मा, डॉ. सीमा, डॉ.सतिदर कौर पवार, डॉ. परमजीत सिंह के अलावा सेहत विभाग के अधिकारी शामिल थे।

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राजनेताओं और मुलाजिमों के लिए नीतियां अलग-अलग

जालंधर: कोरोना संकट को टालने के लिए राजनेताओं और मुलाजिमों के लिए नीतियां अलग-अलग है। सिविल सर्जन ऑफिस में ठेके पर तैनात मल्टी परपज हेल्थ वर्कर भूख हड़ताल पर बैठी थीं। वहां मौके पर पुलिस ने पहुंच कर पांच सदस्यों को धरने पर बैठने की बात कही और शेष को वहां उठा दिया और साथ ही उन्हें धारा 144 का उल्लंघन करने पर मामला दर्ज कर की चेतावनी दी। वहीं सांसद चौधरी की बैठक पहले सिविल सर्जन ऑफिस में होनी थी और धरने को देखते हुए उन्होंने इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के आफिस में की। इस दौरान एक ही कमरे में सेहत विभाग के अधिकारी, विधायक तथा सांसद सहित डेढ़ दर्जन के करीब व्यक्ति मौजूद थे। जहां शारीरिक दूरी को बनाएं रखने की नीतियों की जमकर धज्जियां उड़ीं और पुलिस अधिकारी मूक दर्शक बने रहे।


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