लड़कियों के पहले सरकारी कॉलेज के लिए 11.46 करोड़ की ग्रांट जारी Jalandhar News
पीडब्ल्यूडी ने 10.31 करोड़ का जो टेंडर ओपन किया है। इसके तहत कॉलेज के लिए चारा मंडी की जमीन में से तीन एकड़ जमीन का इस्तेमाल होगा।
जालंधर, [मनोज त्रिपाठी]। तीस साल बाद आखिरकार शहर में लड़कियों के पहले सरकारी कॉलेज के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। बूटा मंडी में प्रस्तावित लड़कियों के सरकारी कॉलेज के निर्माण को लेकर सरकार ने 11.46 करोड़ की ग्रांट जारी कर दी है। दो कंपनियों ने 10.31 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली इमारत के लिए टेंडर भी भर दिए हैं। दो सप्ताह में टेंडर फाइनल हो जाएगा। तीन सप्ताह के अंदर इमारत के निर्माण की कवायद जोरों पर है।
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इसी साल 28 फरवरी को लोकसभा चुनाव से पहले बूटा मंडी में आयोजित रैली में इसकी घोषणा की थी। उस समय सांसद चौधरी संतोख सिंह व विधायक सुशील रिंकू में इसको लेकर क्रेडिट वार भी हुआ था। हालांकि रिंकू ने इसके निर्माण को विधानसभा चुनाव में भी मुद्दा बनाया था और कैप्टन से इसकी फाइल क्लीयर करवाने को लेकर पहली बैठक भी की थी। कैप्टन ने रैली में इसकी घोषणा भी की थी और इसका क्रेडिट भी रिंकू को दिया था। उन्होंने बूटा मंडी में चारा मंडी की जमीन पर बाबा साहिब भीम राव अंबेडकर सरकारी कॉलेज का नींव पत्थर रखा था। शहर में लड़कियों के पॉलिटेक्निक कॉलेज को छोड़ कर कोई भी सरकारी कालेज नहीं है। सरकारी कॉलेज खुलने से वेस्ट, कैंट और नकोदर हलके के लोगों को बड़ा फायदा मिलेगा।
आर्ट और सांइस ब्लाक बनेगा, लैब भी होंगी
पीडब्ल्यूडी ने 10.31 करोड़ का जो टेंडर ओपन किया है। इसके तहत कॉलेज के लिए चारा मंडी की जमीन में से तीन एकड़ जमीन का इस्तेमाल होगा। यहां एडमिनिस्ट्रेटिव ब्लॉक, आर्ट एंड सांइस ब्लॉक, जूलॉजी और बॉटनी लैब, मल्टीपर्पस हॉल का निर्माण होगा। कालेज में ग्रीन एरिया और स्पोर्ट्स एक्टिविटी के लिए ग्राउंड रखी जाएगी। 11.46 करोड़ की ग्रांट में कंटीन, हेल्थ सिस्टम, बिजली, जेनरेटर, लैंड स्के¨पग का बजट भी शामिल है।
सरकारी कॉलेज में फीस कम होने का मिलेगा फायदा
शहर में एडेड और प्राइवेट कॉलेज हैं। इनमें सरकारी कालेजों के मुकाबले फीस ज्यादा है। फीस में करीब 70 प्रतिशत तक का फर्क है। ऐसे में आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की लड़कियां जो फीस ज्यादा होने के कारण आगे की पढ़ाई जारी नहीं रख सकती हैं उनको बहुत लाभ होगा।
बेअंत सिंह का वादा रिंकू ने कैप्टन से पूरा करवाया
1992 में तत्कालीन मुख्यमंत्री बेअंत सिंह ने इसका वादा किया था, लेकिन 27 साल बाद विधायक सुशील रिंकू ने इसे पूरा करवाया है। इलाके के लोग और कई संगठनों ने कॉलेज की मांग को लेकर भूख हड़ताल तक की थी। कालेज बनाने का वादा 1999 में मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और 2008 में डिप्टी सीएम सुखबीर बादल ने भी किया था। विधायक सुशील रिंकू का कहना है कि उनकी तरफ से कोशिश है कि जो वायदा लोगों से किया था वह जल्द से जल्द पूरा हो जाए।