आयकरदाता की मौत होने पर आयकर भरने की जिम्मेवारी वारिस की नहीं
द इन्कम टैक्स बार जालंधर की एक मीटिंग स्थानीय होटल में हुई। इसमें प्रेजिडेंट सीए राजेश कक्कड़ ने इन्कम टैक्स संबंधी अहम बातों के बारे में जानकारी दी।
जागरण संवाददाता, जालंधर : द इन्कम टैक्स बार जालंधर की एक मीटिंग स्थानीय होटल में हुई। इस दौरान प्रेजिडेंट सीए राजेश कक्कड़ ने इन्कम टैक्स संबंधी अहम बातों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जब कभी भी आयकरदाता की मौत हो जाती है तो टैक्स देने वाले की जिम्मेदारी परिजनों या रिश्तेदारों पर आ जाती है, जिन्हें लीगल रीप्रेजेंटेटिव कहते हैं। यह जिम्मेदारी सिर्फ आयकरदाता की जायदाद में से ही देनी होती है और लीगल वारिस की पर्सनल जिम्मेदारी नहीं होती।
प्रवक्ता एमआर भगत ने इन्कम टैक्स लॉ के बारे में बताया कि इन्कम टैक्स विभाग इंक्वायरी करके मरने वाले व्यक्ति के लीगल रीप्रेजेंटेटिव से भी बकाया टैक्स वसूल सकता है। पूर्व प्रेजिडेंट एडवोकेट अनिल वर्मा ने बताया कि किसी टैक्सपेयर की मौत के बाद उसके पारिवारिक सदस्य को लीगल रीप्रेजेंटेटिव चुनकर इन्कम टैक्स की वेबसाइट पर रजिस्टर करें तथा अगर कोई रिफंड वगैरह हो तो लीगल रीप्रेजेंटेटिव के खाते में ही मंगवाना चाहिए। इन्कम टैक्स की अगली कार्रवाई लीगल रीप्रेजेंटेटिव के नाम पर ही चलेगी।
इस मौके पर वाइस प्रेसीडेंट केसी सुमन, सीए आनंद चोपड़ा, सीए सुनील दत्त, सेक्रेटरी एडवोकेट सर्वेश शर्मा, एडवोकेट मनीश शर्मा, एडवोकेट जीएस कालरा, एडवोकेट विकास जैरथ, सीए अनिल सिक्का, एडवोकेट दिनेश जस्सी, एडवोकेट बनवरजीत सिंह, सीएस मोहित सलूजा, एडवोकेट हरप्रताप सिंह, सीए बहल, सीए वरिंदर सिंह, एडवोकेट मनी महाजन, एडवोकेट परवीन कुमार, एडवोकेट महेश चंद्र, एडवोकेट विक्रांत नागपाल व अन्य मौजूद थे।