मोबाइल एप से बुक होगी जनरल टिकट
यात्री अब अपने मोबाइल से अनरिर्जवड टिकट निकाल सकेंगे।
विनोद कुमार, जालंधर : टिकट के लिए अब आपको लंबी लाइन में लगने की जरूरत नहीं है। रेलवे ने यात्रियों को पेश आ रही परेशानियों को देखते हुए नया एप लांच किया है जिसे यात्री अपने एंड्रोयाड फोन में डाउनलोड कर आसानी से टिकट प्राप्त कर सकेंगे। एप ने काम करना शुरु कर दिया है। यात्री अब अपने मोबाइल से यूटीएस (अनरिर्जवड टिकट सिस्टम) टिकट निकाल सकेंगे। इतना ही नहीं रेलवे की इस मोबाईल एप से प्लेटफार्म टिकट भी मिलेगी। इस बात की पुष्टि पठानकोट रेलवे के चीफ कर्मशियल इंस्पेक्टर रा¨जद्र कुमार लोऊ ने की। जीपीएस से कनेक्टेड होगी यह एप
इस मोबाईल एप को तैयार करते समय रेलवे ने सुरक्षा का खास ख्याल रखा है। कोई व्यक्ति ट्रेन में बैठने के बाद टिकट न बुक कर सके। इसके लिए इस मोबाईन एप को जीपीएस यानि गलोबल पॉजिश¨नग सिस्टम से कनेक्टेड रखा गया है। इस एप का प्रयोग करते समय आपकी लोकेशन एप को पता होगी। ऐसे में ट्रेन में बैठने के बाद कोई भी व्यक्ति टिकट बुक नहीं कर सकेगा। यह तकनीक रेलवे ने खास तौर पर उन लोगों के लिए बनाई है जो बिना टिकट के सफर करते हैं और ऐसी सुविधाओं का भी दुरूपयोग करने की कोशिश करते हैं। लेकिन, जीपीएस से जुड़ा होने के कारण इस एप को चला रहा व्यक्ति ट्रेन में टिकट बुक नहीं कर सकेगा। रेलवे स्टेशन से 5 किलोमीटर की दूरी तक इस एप से टिकट बुक हो सकेगी। तरीका : ऐसे उठाएं रेलवे की सुविधा का लाभ
रेलवे की इस मोबाईल एप का फायदा उठाने के लिए आप को इसे अपने मोबाईल में इंस्टाल करना होगा। एंड्रायड मोबाईल यूजर इसे गूगल प्ले स्टोर और आईफोन यूजर इसे एपल स्टोर से डाऊनलोड कर सकते हैं। डाऊनलोड और इंस्टालेशन करने के बाद इस एप में अपना मोबाईल नंबर रजिस्टर करना होगा। इसके लिए आपको साईन-अप ऑप्शन पर जाना होगा। इसके बाद मोबाईल नंबर, नाम, अपना शहर और आईडी प्रूफ आदि की जानकारी देनी होगी। इसके बाद एक ओटीपी यानि वन टाईम पासवर्ड आपके रजिस्टर्ड मोबाईल नंबर पर एसएमएस द्वारा भेजा जाएगा। उस ओटीपी को एप में डालने के बाद आपका नंबर सफलतापूर्वक रजिस्टर हो जाएगा। इसके बाद आप इसमें टिकट बुक कर सकेंगे। स्क्रीनशॉट से नहीं चल पाएगा काम
रेलवे की इस एप में एक नियम ऐसा है जिससे लोगों को दिक्कत भी हो सकती है। इस मोबाइल एप में बुक की गई टिकट के स्क्रीनशॉट को टिकट के तौर पर मान्य नहीं माना जाएगा। ऐसे में आप किसी अन्य व्यक्ति के लिए अपने फोन से टिकट बुक नहीं कर सकते क्योंकि जिस फोन से टिकट बुक हुई है उस फोन का ट्रेन में टिकट चे¨कग के समय मौजूद रहना जरूरी है। आप अपने फोन से टिकट बुक करके उसका स्क्रीनशॉट किसी दूसरे को नहीं भेज सकते। क्योंकि दूसरा व्यक्ति उस स्क्रीनशॉट को टिकट के तौर पर प्रयोग नहीं कर सकेगा। ऐसे में आप अपने परिवार के किसी सदस्य के लिए टिकट नहीं बुक कर सकेंगे। विकल्प : ¨प्रट टिकट से स्क्रीनशॉट का हल
स्क्रीनशॉट को टिकट न मानने के रेलवे के फैसले से काफी परेशानी लोगों को आ सकती है। लेकिन, इस परेशानी के हल के लिए एक विकल्प भी रेलवे ने दिया है। यह विकल्प ¨प्रट टिकट का है। इसमें आप अपने मोबाईल फोन से किसी दूसरे के लिए टिकट बुक कर सकेंगे। आपको उस टिकट के स्क्रीनशॉट की बजाये ¨प्रट (हार्ड कॉपी) निकाल कर दूसरे व्यक्ति को देनी होगी। मोबाइल में टिकट बु¨कग के बाद एप में टिकट का एक क्यूआर (क्विक रिस्सपांस) कोड मिलेगा। उस कोड द्वारा आप रेलवे स्टेशन पर लगी ऑटोमैटिक टिकट वें¨डग मशीन से टिकट का ¨प्रट हासिल कर सकेंगे। यह टिकट आप किसी दूसरे को दे सकेंगे। ¨प्रट के अलावा पेपर लेस टिकट होगी जो फोन में मैसेज के माध्यम से मिलेगी। इसके अलावा एप में टिकट बु¨कग की हिस्ट्री में हर टिकट की बु¨कग सेव होगी।
लोगों को मिलेगी एप की सुविधा : सीएमआई रा¨जदर कुमार
पठानकोट रेलवे के चीफ कर्मशियल इंस्पेक्टर रा¨जद्र कुमार लोऊ ने बताया कि यूटीएस के तहत इस मोबाईल एप को यात्रियों की सुविधा के लिए बनाया गया है। पठानकोट के लिए भी यह एप लांच हो चुकी है। इस मोबाईल एप से यात्रियों के समय की बचत होगी। इसमें जनरल और प्लेटफार्म टिकट के साथ-साथ एमटीएस भी मिलेगी। ¨प्रट और पेपरलेस माध्यम से टिकट हासिल की जा सकती है। लोगों को इस मोबाईल एप का अधिक से अधिक प्रयोग करना चाहिए।
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