कोरोना ने बढ़ाए ठगी के मामले, लोग पुलिस के पास जाने से भी कतराने लगे
कोरोना काल में आर्थिक तंगी से गुजर रहे लोगों की मुसीबत ठगों व लुटेरों ने और बढ़ा दी है। आलम यह है कि पीड़ित लोग अब पुलिस के पास जाना भी सही नहीं समझते।
जालंधर, [सुक्रांत]। कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के कारण शहर के लोगों को मानसिक और आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसके साथ ही शहर के थानों में आने वाली शिकायतों में अब ठगी की शिकायतों का ग्राफ बढऩे लगा है। बीते दिनों थाना आठ के अधीन आते कन्या महाविद्यालय के बाहर बैंक में पैसे जमा करवाने आए युवक से दो व्यक्ति हजारों रुपये छीनकर फरार हो गए। इसके बाद लूट का शिकार हुआ व्यक्ति थाना आठ की पुलिस के पास पहुंचा तो थाना प्रभारी सुखजीत ने तुरंत कार्रवाई करते हुए वारदात स्थल पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज निकलवा ली। थाने में मौजूद पुलिस कर्मियों ने पीड़ित को दिलासा दिया और बोले, 'कोरोना वायरस ने वधा दित्तियां ठग्गी ठोरियां। एहना दिनां च ठग्गी दे शिकार तां बड़े लोक आए, पर केस घट्ट लोक ही करवा रहे। ओह पैहलां ही खज्जल-ख्वार होए पए ने, हौर किन्ना खज्जल होना वेचारेयां ने।
बस एह सबक ही सिखाना सी
पुलिस के नियम नहीं मानने वालों को सबक सिखाने के लिए पुलिस के पास बहुत से तरीके होते हैं। ऐसा ही तरीका पिछले दिनों देखने को मिला, जब थाना सात के प्रभारी ने अपने इलाके के एक कद्दावर व्यक्ति को नियम तोड़ते हुए पकड़ा। रात को उसने अपनी खाने-पीने की दुकान खोली हुई थी। पुलिस ने मना किया तो वह अपनी ऊंची पहुंच का रौब दिखाने लगा। यह सब देख थाना प्रभारी कमलजीत सिंह ने उसे सबक सिखाने की ठानी। पुलिस ने जहां उसका चालान काटा, वहीं मामला दर्ज करने के नाम पर सभी के सामने ही उसे अपनी गाड़ी में बिठाकर ले गए। थाने के बाहर ही नेता जी की हेकड़ी निकल गई और दोबारा ऐसा न करने की बात कही। इस पर थाना प्रभारी ने उसे जाने दिया और बोले, 'आपणे आप नूं वड्डा दिखा रेहा सी, कानून तों वड्डा तां कुझ नहीं। बस एह सबक सिखाना सी। '
जेब च हत्थ तां ना पाओ
परेशान लोगों को थोड़ी राहत देने के लिए कई बार पुलिस वाले छोटी-मोटी बातों को नजरंदाज कर देते हैं। हालांकि कई बार मुलाजिम कुछ गलत काम भी कर जाते हैं, लेकिन ये काम किसी को दिखाई नहीं देते। बीते दिनों मॉडल टाउन के पास खड़े कुछ पुलिस कर्मियों ने एक साइकिल सवार को रोका, जिसने मास्क नहीं लगाया था। इस पर पुलिस मुलाजिम बोले कि वे उसका चालान काट रहे हैं, इसका पांच सौ रुपये जुर्माना लगेगा। इस पर युवक बोला कि वह तो दिहाड़ीदार है और उसके पास इतने पैसे नहीं हैं। इस पर एक पुलिसकर्मी ने उसकी जेब में हाथ डाला और पर्स निकाल लिया। यह देख वहां पर खड़े एक युवक से रहा नहीं गया और पुलिसवालों के पास जाकर बोला, 'भाजी गरीब बंदे दी जेब च हत्थ ते ना पाओ, अग्गे ही गरीब मरेया पेया है।Ó यह सुन मुलाजिम शर्मिंदा हुआ और युवक को जाने दिया।
कैश दा ही चालान कटवा लो
शहर की पुलिस कोरोना वायरस से लोगों को बचाने के लिए उनके चालान काटकर घरों पर बिठाने का प्रयास कर रही है। यह प्रयास सिर्फ लोगों को बचाने के लिए है, सरकारी खजाना भरने के लिए है या फिर कुछ और? इसकी किसी को भी समझ नहीं आ रही। कारण, चालान काट रहे पुलिसकर्मी अब सिर्फ कैश पर ही जोर दे रहे हैं। नकोदर चौक के पास अपनी बेटी के साथ जा रही महिला को पुलिस कर्मियों ने रोका और महिला के हेलमेट न पहनने पर उसका चालान काटने की बात कही। महिला बोल पड़ी कि मास्क लगाया है, दस्तावेज भी पूरे हैं। हेलमेट का चालान न करें, अगली बार पहन लेंगे। इस पर ड्यूटी पर मौजूद मुलाजिम धीमे से बोल पड़ा, 'चालान ता होऊगा हीं। तुसीं ऐदा करों, कोर्ट च जान दी लोड नहीं, कैश दा ही चालान कटा लो। मास्क न लगान दा चालान ही कट्ट दिन्नें हां।'