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भारतीय हाकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह खेल रत्न नवाजे जाने पर पूर्व ओलंपियन खुश, बोले- कड़ी मेहनत का है फल

टोक्यो ओलंपिक कांस्य पदक विजेता भारतीय पुरुष हाकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह को मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार से नवाजा जा रहा है। मनप्रीत को अवार्ड मिलने से जालंधर में खुशी की लहर है। ओलंपियन के साथ-साथ मां मनजीत कौर को भी बेटे पर गर्व है।

By Vinay KumarEdited By: Published: Sun, 07 Nov 2021 06:53 AM (IST)Updated: Sun, 07 Nov 2021 06:53 AM (IST)
भारतीय हाकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह खेल रत्न नवाजे जाने पर पूर्व ओलंपियन खुश हैं।

कमल किशोर, जालंधर। टोक्यो ओलंपिक कांस्य पदक विजेता भारतीय पुरुष हाकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह को मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार से नवाजा जा रहा है। मनप्रीत को अवार्ड मिलने से जालंधर में खुशी की लहर है। ओलंपियन के साथ-साथ मां मनजीत कौर को भी बेटे पर गर्व है। मनप्रीत सिंह के नाम पहले भी कई अवार्ड है। टोक्यो ओलंपिक में टीम ने शानादर प्रदर्शन करते हुए कांस्य पदक अपने नाम किया है। पूर्व ओलंपियन हरप्रीत मंडेर, ओलंपियन वरिंदर सिंह, ओलंपियन संजीव कुमार, ओलंपियन गुनदीप ने कहा कि मनप्रीत सिंह को मिलने वाले खेल रत्न अवार्ड से देश के साथ-साथ जालंधर का नाम रोशन किया है। ओलंपिक में मनप्रीत की अगुवाई में टीम ने शानदार प्रदर्शन करतs हुए कांस्य पदक अपने नाम किया था। मनप्रीत सिंह को अवार्ड राष्ट्रपति भवन में आयोजित होने वाले खेल कार्यक्रम में दिया जा रहा है।

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मनप्रीत के नाम कई पदक

वर्ष 2014 में इंचयोन में हुई एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक, वर्ष 2018 जकार्ता में हुई एशियन गेम्स में कांस्य पदक, वर्ष 2016 लंदन में  चैंपियनस ट्राफी में रजत पदक, वर्ष 2018 में ब्रेडा में चैंपियनय ट्राफी में रजत पदक, वर्ष 2011 में एशियन चैंपियनय ट्राफी में स्वर्ण पदक, वर्ष 2018 मस्कट में ट्राफी में स्वर्ण पदक जीता। वर्ष 2014 में कामनवेल्थ गेम्स में रजत पदक, वर्ष 2016 में साउथ एशियन गेम्स में रजत पदक जीता। वर्ष 2017 छाका में स्वर्ण पदक जीता। अंतरराष्ट्रीय हाकी महासंघ ने वर्ष 2019 का सर्वश्रेष्ठ हाकी खिलाड़ी के खिताब से नवाजा था। वर्ष 2014 में एशिया के जूनियर प्लेयर आफ द ईयर के खिताब से भी नवाजा जा चुका है।

भाई को देखकर हाकी खेलना शुरु किया था

जालंधर से निकले यह खिलाड़ी के मुकाम पर पहुंचने के लिए कड़ी मेहनत सामने नजर आती है। मनप्रीत के दो बड़े भाई अमनदीप सिंह व सुखराज सिंह हाकी खेलते थे। मनप्रीत अपने भाईयों को खेलते हुए देखने के लिए खेल मैदान में पहुंच जाता था। पारिवारिक सदस्यों को चिंता सताती थी कि मैदान में मनप्रीत को किसी प्रकार की चोट ना लग लाए। इसलिए मैदान से दूर रखने की कोशिश की गई। कई बार उनको कमरे में बंद रखने की कोशिश की गई लेकिन घर की दीवार फांद कर मैदान में पहुंच जाता था।

मां मनजीत बोली, बेटे ने देश का नाम किया रोशन, खेल रत्न अवार्ड मिलने से खुश

खेल रत्न अवार्ड से नवाजे जाने पर मां मनजीत कौर ने कहा कि बेटे मनप्रीत सिंह ने देश का नाम रोशन किया है। जब ओलंपिक में टीमों के साथ मैच होते थे तो रोजाना फोन करता था, बस यहीं कहता था कि इस बार देश के लिए पदक जीतकर लाना है। बेटे के नाम कई खिताब है। पेरिस में होने वाली ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने की लालसा है। बेटे का हाकी के प्रति जुनून है। रिश्तेदारों के घर में होने वाले कार्यक्रम में भी कम जाता था जिससे वह नाराज हो जाते थे।


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