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पूर्व कैबिनेट मंत्री जोशी की केंद्रीय नेताओं तक सांठगांठ, लेकिन अब नहीं हो रही सुनवाई.. भाजपाइयों ने खोल दी पोल

पूर्व कैबिनेट मंत्री अनिल जोशी और भाजपा नेताओं के बीच गरमाई सियासत से शहर के लोगों ने खूब चटकारे लिए। अनिल जोशी की केंद्रीय नेताओं तक सांठगांठ और अब सुनवाई नहीं होने की दुहाई देने की पोल भाजपा नेताओं ने खोल दी।

By Vikas_KumarEdited By: Published: Wed, 23 Jun 2021 11:42 AM (IST)Updated: Wed, 23 Jun 2021 11:42 AM (IST)
पूर्व कैबिनेट मंत्री अनिल जोशी और भाजपा नेताओं के बीच सियासत गरमा हुई है।

अमृतसर, [विपिन कुमार राणा]। सियासत के भी अजब रंग हैं। जब गरमाती है तो उसकी गर्मी से अच्छे-अच्छों के पसीने छूट जाते हैं। पिछले दिनों पूर्व कैबिनेट मंत्री अनिल जोशी और भाजपा नेताओं के बीच गरमाई सियासत से शहर के लोगों ने खूब चटकारे लिए। अनिल जोशी की केंद्रीय नेताओं तक सांठगांठ और अब सुनवाई नहीं होने की दुहाई देने की पोल भाजपा नेताओं ने खोल दी। वहीं जोशी के कुनबे ने भी विरोधी नेताओं की पोल खोलते हुए बता दिया कि कौन सा नेता छोटी सी दुकान से फैक्ट्री का मालिक कैसे बन गया? उस नेता की पूर्व मंत्री जोशी की गाड़ी में कहां सीट होती थी, उसके बारे में बड़े विस्तार से बता दिया। कहा कि जो नेता अब बोल रहे हैं, असल में उनके पल्ले क्या है? कुछ एक को तो यहां तक ताकीद कर दी कि आजाद जीतने वाले उन्हें संगठन का पाठ न पढ़ाएं, सभी अपने-अपने गिरेबान में झांकें।

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टाइलों पर झाड़ू तो लगवा दो

शिअद-भाजपा सरकार में वाल टू वाल खूब इंटरलाकिंग टाइलें लगीं और यह आरोप लगते रहे कि पूर्व मंत्री अनिल जोशी व उनके करीबियों ने टाइलों की फैक्ट्री लगा ली है, इसलिए ऐसा हो रहा है। टाइलों की फैक्ट्री का वजूद न तो कांग्रेस और न ही जोशी विरोधी साबित कर सके। हां, अब लोगों ने इस पर ही कांग्रेसियों और सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। अब लोग कांग्रेस नेताओं को कहने लगे हैं कि उन्होंने तो टाइलें लगवा दीं, आपसे तो वह भी नहीं लगीं। कम से कम वह जो टाइलें लगवाकर गए हैं, उस पर झाड़ू ही लगवा लो, ताकि उसका रखरखाव तो आपके खाते में हो। लोग तक कह रहे हैं कि वाल टू वाल टाइलों से एरिया में डस्ट खत्म हो गई थी, पर कांग्रेस राज में उन्हीं टाइलों की सफाई का प्रबंध न होने से वहां पर गंदगी के ढेर लग गए हैं।

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कोई पार्टी को भी तवज्जो दे

राष्ट्रीय सियासी पार्टियों का हमेशा ही आधार उनका कैडर रहा है, पर पिछले कुछ समय से पार्टी नहीं व्यक्ति विशेष की दौड़ ने राजनीति में नए समीकरण खड़े कर दिए हैैं। पार्टी के बजाय व्यक्ति विशेष की परिक्रमा ज्यादा जरूरी हो गई है। पिछले दिनों शहर में कांग्रेस में शुरू हुई इसी दौड़ ने सियासी गलियारा तो गर्म किया ही, टकसाली भी इसे लेकर बिफर उठे। कोई 'कैप्टन इक ही हुंदा है' तो कोई 'पंजाब दा कैप्टन सिद्धू' के होर्डिंग्स लगा रहा है। पिछले दिनों जब कांग्रेस भवन में इस पर बहस हुई तो कुछ टकसालियों ने इन नेताओं पर कटाक्ष करते हुए कहा कि दुख की बात है कि वर्करों ने जिस पार्टी को खून पसीने से सींचा है, आज उसमें ही नेता कह रहे हैैं कि मैं फलां नेता के साथ हूं। कोई यह नहीं कह रहा कि मैं कांग्रेस के साथ हूं और कांग्रेस ही हमारी कैप्टन है।

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विरोधियों को वापसी की धमकी

पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की हाशिये पर चल रही सियासत के बीच उनका कुनबा परेशान है। आलम यह है कि कुनबे के ज्यादातर नेता सिद्धू की हां में हां मिलाने से भी कतरा रहे हैं। इस बीच सिद्धू की कोठी में हाजिरी भरने वाले अब भी पीछे नहीं है। पिछले दिनों सिद्धू के निजी सहायक का जन्मदिन था। केक कटवाने कुछ सिद्धू समर्थक भी पहुंचे। केक काटने के बाद एक ने तो वीडियो में यहां तक कह दिया कि जो सिद्धू के विरोधी बातें कर रहे हैं, उन्होंने ही बाद में कोठी में हाजिरी भरनी है। इसलिए वह समय पर ही वापस आ जाएं। आगे उन्होंने वीडियो में ही गाली निकाल दी। वीडियो के वायरल होने के बाद सियासी खेमे में चर्चा बनी हुई है कि यह कुनबे का गुस्सा ही है कि वह सभी को हाथ से जाता देखकर अब वीडियो में वापसी के लिए धमका रहे हैं।


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