लोगों की सेहत से खिलवाड़ कर रहे शहर के नामी होटल व रेस्टोरेंट, जांच में सैंपल हुए फेल
सेहत विभाग की ओर से पैडलर्स सहित शहर के पांच नामी होटलों, रेस्टोरेंट्स व मॉल्स से भरे खाद्य पदार्थों के सैंपलों में से ज्यादातर की रिपोर्ट फेल आई है।
By Sat PaulEdited By: Published: Fri, 08 Feb 2019 04:59 PM (IST)Updated: Fri, 08 Feb 2019 04:59 PM (IST)
जालंधर [जगदीश कुमार]। सेहत विभाग की ओर से पैडलर्स सहित शहर के पांच नामी होटलों, रेस्टोरेंट्स व मॉल्स से भरे खाद्य पदार्थों के सैंपलों में से ज्यादातर की रिपोर्ट फेल आई है। इनमें विशाल मेगा मार्ट, 73एमएल, होटल कंट्री इन और मेट्रो स्टोर शामिल हैं। अब सेहत विभाग ने इन संस्थानों को कटघरे में खड़ा करने का मन बना लिया है। जिला सेहत अधिकारी डॉ. बलविंदर सिंह ने बताया कि जनवरी में विशाल मेगा मार्ट से भरे गए खजूर के सैंपल की जांच रिपोर्ट में कीड़े के अंश पाए गए, जिस कारण उसे अनसेफ घोषित कर दिया है। इसके अलावा चने के सैंपल मिसब्रांडेड पाए गए हैं। पैडलर्स रेस्टोरेंट से भरे गए मूंगफली, टोमैटो सॉस तथा सूजी के सैंपल जांच में मिसब्रैंडेड पाए गए।
73 म्यूजिक लॉज (एमएल) रेस्टोरेंट से भरे सैंपलों में से रोंगी, चना व दाल मिसब्रांडेड निकले। होटल कंट्री इन से खोया व सॉस के सैंपल सबस्टैंडर्ड तथा काबुली चना मिसब्रांडेड पाया गया। मेट्रो मॉल से देसी घी के भरे दो सैंपल भी सब-स्टैडर्ड पाए गए हैं। उक्त सभी जगह से लोगों की शिकायतें मिलने के बाद सेहत विभाग के आला अधिकारियों नेविशेष मुहिम चलाकर सैंपल भरे थे। फेल पाए गए सैंपलों की रिपोर्ट तैयार कर अदालत में केस दायर करने की तैयारी की जा रही है।
मिलावटी खाद्य पदार्थ बेचने वालों को बख्शा नहीं जाएगा : सीएस
सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार बग्गा ने बताया कि मिलावटी व निम्नस्तरीय खाद्य पदार्थों से लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। बड़ी कंपनियों को खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता से खिलवाड़ नहीं करने दिया जाएगा। उक्त सैंपलों में सब स्टैंडर्ड पाए गए खाद्य पदार्थों के नकली होने की भी आशंका है। इस संबंध में भी जांच करवाई जाएगी।
पिछले पांच सालों में भरे गए सैंपलों की रिपोर्ट
साल सैंपल भरे पास सबस्टैंडर्ड व मिसब्रांडेड कुल फेल अनसेफ
2014 594 412 159 23 182
2015 768 563 182 23 205
2016 964 665 173 26 299
2017 915 646 262 07 269
2018 1040 -- -- -- 410
एक्ट में जुर्माना और सजा का प्रावधान : फूड सेफ्टी अफसर
फूड सेफ्टी अफसर राशु महाजन का कहना है कि सब स्टैंडर्ड, मिसब्रांडेड व मिसलीड सैंपलों वाले मामले एडीसी तथा अनसेफ सैंपलों के केस सीजेएम की अदालत में लगाए जाते हैं। फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड एक्ट के अनुसार, सब स्टैंडर्ड केस में 5 लाख रुपये, मिसब्रांडेड में 3 लाख रुपये तथा मिसलीडिंग सैंपलों की रिपोर्ट के मामले में 10 लाख रुपये तक जुर्माने का प्रावधान है। इसके अलावा अनसेफ मामले में कम से कम 6 माह की सजा व एक लाख रुपये तक या फिर केस के आधार पर सजा व जुर्माना हो सकता है।
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