पंजाब सरकार की पांच वोल्वो दिल्ली एयरपोर्ट पर जब्त, शक की सूई निजी बस माफिया की ओर
दिल्ली में पंजाब की छह सरकारी वोल्वो का चालान काटे जाने के बाद रोडवेज में हड़कंप मच गया है।
मनुपाल शर्मा, जालंधर। एनआरआइ यात्रियों को लेकर प्राइवेट बस माफिया और पंजाब की सरकारी बस सेवा के बीच छिड़ी जंग ने पंजाब सरकार की पांच वॉल्वो बसें इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट, दिल्ली पर जब्त करवा डालीं। इनमें तीन बसें पंजाब रोडवेज जालंधर और दो बसें पेप्सू रोड ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन (पीआरटीसी) से संबंधित है। यह कार्रवाई मंगलवार को की गई, जिसके बाद बसों को जब्त कर लिया गया और उनमें पंजाब आने वाले यात्री नहीं बैठने दिए गए। इसका पता चलते ही पंजाब रोडवेज एवं पीआरटीसी में हड़कंप मचा गया। अधिकारियों को बसें छुड़वाने को दिल्ली रवाना कर दिए गए। बुधवार बाद दोपहर बसों को 5000 रुपये प्रति बस जुर्माना भरने के बाद छोड़ दिया गया।
पंजाब रोडवेज जालंधर के जनरल मैनेजर परनीत सिंह मिन्हास ने बताया कि दिल्ली ट्रांसपोर्ट के अधिकारियों की तरफ से परमिट पर काउंटर साइन न होने को आधार बनाकर उक्त कार्रवाई की गई है। उन्होंने कहा कि हालांकि दिल्ली सरकार की तरफ से किसी भी अन्य राज्य परिवहन सेवा से पिछले कई दशकों से काउंटर साइन एग्रीमेंट नहीं किए जा रहे हैं, लेकिन बसों को बकायदा तौर पर परमिट के साथ दिल्ली एयरपोर्ट तक चलाया जा रहा है।
दूसरी तरफ सरकारी वॉल्वो को जब्त करने के पीछे निजी बस माफिया का हाथ बताया जा रहा है। पंजाब रोडवेज मुलाजिमों का कहना है कि पिछले लंबे अरसे से निजी बस ऑपरेटर एयरपोर्ट पर धक्केशाही कर रहे हैं और पंजाब रोडवेज एवं पीआरटीसी के स्टाफ को अपनी बसों में यात्री नहीं बिठाने दे रहे हैं।
सरकारी वॉल्वो में किराया कम होने से रश ज्यादा
पंजाब रोडवेज की तरफ से इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट दिल्ली तक प्रति यात्री 1085 रुपए किराया रखा गया है, जबकि निजी बस ऑपरेटर प्रति यात्री 2600 से भी ज्यादा किराया वसूल रहे हैं।
परमिट वाली बसें जब्त, निजी बसों पर कार्रवाई नहीं
हैरानीजनक है कि दिल्ली एयरपोर्ट तक चलने वाली सरकारी बसों के पास बकायदा तौर पर परमिट है और इस वजह से सरकारी बसें प्रति यात्री टिकट काटकर एयरपोर्ट तक जा सकती हैं। वहीं दिल्ली एयरपोर्ट तक चल रही निजी बसों के पास टूरिस्ट परमिट है। टूरिस्ट परमिट पर प्रति यात्री टिकट नहीं काटी जा सकती है, बल्कि यात्रियों को समूह के तौर पर ले जाया जा सकता है, लेकिन उन पर कार्रवाई नहीं की जा रही।
दिल्ली सरकार के साथ कोई एग्र्रीमेंट नहीं: जीएम
पीआरटीसी के जनरल मैनेजर सुरेंद्र सिंह ने कहा कि 1974 के बाद दिल्ली सरकार ने किसी भी अन्य राज्य परिवहन सेवा के साथ कोई एग्रीमेंट नहीं किया है। बिना एग्रीमेंट काउंटर साइन संभव ही नहीं है। दिल्ली ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन (डीटीसी) ने अपने ऑपरेशन दिल्ली से बाहर बंद कर दिए हैं और उन्हें किसी अन्य राज्य से एग्रीमेंट की जरूरत ही बाकी नहीं रह गई है। दिल्ली में राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ समेत किसी भी अन्य राज्य की बस बिना काउंटर साइन के ही प्रवेश करती हैं। पिछले दिनों में पीआरटीसी की चार बसों के चालान काटे जा चुके हैं। कभी रॉंन्ग पार्किंग का और कभी कोई अन्य कारण बताकर चालान काटे गए।