आर्थिक तंगी से जूझ रहा पावरकॉम, सरकारी विभागों पर 171 करोड़ बकाया
नॉर्थ जोन जालंधर की डिफाल्टर लिस्ट में जालंधर, कपूरथला, होशियारपुर, नवांशहर के सरकारी विभागों के 35 से ज्यादा विभाग इस समय डिफाल्टर की सूची में हैं।
कुसुम अग्निहोत्री, जालंधर
आर्थिक रूप से जूझ रहे पावरकॉम को सबसे ज्यादा मार सरकारी विभागों की पड़ रही है। जालंधर जोन के अलग-अलग सरकारी विभागों के पास पावरकॉम का 171 करोड़ रुपये ज्यादा का बकाया है। लेकिन विभाग चेतावनी के बाद भी बकाया राशि को चुकाने को तैयार नहीं हैं। डिफाल्टर सरकारी विभागों को पावरकॉम द्वारा कई बार नोटिस भेजे गए। नॉर्थ जोन जालंधर की डिफाल्टर लिस्ट में जालंधर, कपूरथला, होशियारपुर, नवांशहर के सरकारी विभागों के 35 से ज्यादा विभाग इस समय डिफाल्टर की सूची में हैं।
इनसे वसूली करने में बिजली विभाग के पसीने छूट रहें हैं। क्योंकि पब्लिक से जुड़े होने के कारण पावरकॉम सख्त कार्रवाई नहीं कर पा रहा है। 28 फरवरी 2018 तक पावरकॉम के नॉर्थ जोन के अंदर आते जालंधर, होशियारपुर, कपूरथला व नवांशहर के सरकारी विभाग 171 करोड़ रुपये से ज्यादा के कर्जदार हैं। डिफाल्टर की सूची में होशियारपुर जिला पहले, नवांशहर दूसरे, कपूरथला तीसरे और जालंधर चौथे स्थान पर है। इन जिलों के सरकारी विभाग बिल देने में वर्षो से टालमटोल कर रहे हैं। होशियारपुर पावरकॉम सर्कल अधीन आते होशियारपुर अर्बन डिवीजन में 9.72 करोड़, होशियारपुर सब-अर्बन डिवीजन में 7.62 करोड़, दसूहा डिवीजन में 10.53 करोड़, मुकेरियां डिवीजन पर 33.42 करोड़, भोगपुर डिवीजन में 2.57 करोड़, माहिलपुर डिवीजन में 18.88 करोड़ रुपये बकाया है। यदि बात पावरकॉम के नॉर्थ जोन में पड़ते जिलों की करें तो कपूरथला सर्कल के सरकारी विभागों पर 20. 85 करोड़, जालंधर सर्कल में 11.37 करोड़ व होशियारपुर सर्कल में 82.76 करोड़ बकाया है। 35 विभाग वर्षो से नहीं चुका रहे करोड़ों के बिल
नॉर्थ जोन के 35 सरकारी विभाग पावरकॉम के डिफॉल्टर हैं। इनमें पब्लिक हेल्थ विभाग, सरकारी अस्पताल और डिस्पेंसरी, सिचाई विभाग, एमसी-लोकल बॉडी, सिविल डिफेंस, डीसी ऑफिस, पीएसटीसी, पंजाब पुलिस, म्युनिसिपल कमेटी एंड वाटर वर्क्स, एमईएस, एसडीएम ऑफिस, तहसील, पुडा, डिस्ट्रिक स्पोर्ट्स, फॉरेस्ट डिपार्टमेंट, पीडब्ल्यूडी, पीडब्ल्यूडी-बीएंडआर, सरकारी स्कूल व आइटीआइ, खेतीबाड़ी विभाग, सेंट्रल विभाग, पशुपालन विभाग, पंचायत राज, स्टेटिस्टिकल डिपार्टमेंट, फूड एंड सप्लाई, रेवन्ेयू डिपार्टमेंट, सीवरेज बोर्ड, बीडीओ ऑफिस, जिला परिषद, वेलफेयर डिपार्टमेंट, सीआइडी, सिविल कोर्ट व अन्य हैं। कोट्स
पावरकॉम ने डिफाल्टरों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए विभाग को पत्र लिख मंजूरी मांगी है। जो उपभोक्ता बार-बार चेतावनी के बाद बिल की अदायगी नहीं कर रहे हैं उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सके।
-पर¨वदर सिहं नार्थ डिप्टी चीफ इंजीनियर