स्मार्ट बनेगी 120 फुटी रोड, जलभराव से मिलेगी निजात
120 फुटी रोड पर रहने वालों के लिए राहत की खबर है। उन्हें जल्द ही बारिश के दिनों में होने वाले जलभराव से मुक्ति मिलने वाली है। शहर में इसी इलाके में सबसे ज्यादा पानी खड़ा होता है। बरसात में यहां तीन से चार फुट तक पानी भर जाता है।
जागरण संवाददाता, जालंधर : 120 फुटी रोड पर रहने वालों के लिए राहत की खबर है। उन्हें जल्द ही बारिश के दिनों में होने वाले जलभराव से मुक्ति मिलने वाली है। शहर में इसी इलाके में सबसे ज्यादा पानी खड़ा होता है। बरसात में यहां तीन से चार फुट तक पानी भर जाता है।
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत जल्द ही इस सड़क के साथ-साथ महावीर रोड (फुटबॉल चौक से वर्कशॉप चौक) व कपूरथला रोड (बाबू जगजीवन चौक से बबरीक चौक) के भी दिन फिरने वाले हैं। इन तीनों सड़कों का लेवल निकालकर (सड़क को ऊंचा करने के लिए) नए सिरे से निर्माण किया जाएगा। बीते सप्ताह स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की बैठक के दौरान इन सड़कों को स्मार्ट रोड प्रोजेक्ट के तहत शामिल किया गया था।
इन सड़कों को स्मार्ट बनाने पर आने वाले खर्च के संबंध में चीफ एग्जीक्यूटिंग आफिसर (सीईओ) विशेष सारंगल ने बताया कि अभी इनकी डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) बनाई जा रही है। एस्टीमेट तैयार होने के बाद ही खर्च का अनुमान लगाया जा सकेगा। स्मार्ट सिटी कंस्लटेंट टीम के अनुसार इन तीनों ही सड़कों की चौड़ाई के हिसाब से सड़क के किनारे ग्रीन बेल्ट, साइकिल ट्रैक, पैडेस्ट्रेन आदि बनाने का प्रस्ताव भी है। गौरतलब है कि केंद्र सरकार करीब पांच माह पहले जालंधर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट को 200 करोड़ रुपये का फंड जारी होने के बावजूद शहर में एक प्रोजेक्ट अभी तक परवान नहीं चढ़ सका है। 15 दिन में पहले आईसीसीसी प्रोजेक्ट के टेंडर होने की संभावना
स्मार्ट सिटी के सीईओ विशेष सारंगल ने बताया कि स्मार्ट सिटी के तहत बनाए गए सबसे अहम प्रोजेक्ट आईसीसीसी (इंटिग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर) का रिक्वेस्ट फॉर प्रोपोजल (आरएफपी) को अगले कुछ दिनों में चंडीगढ़ से मंजूरी मिलने की संभावना है। उन्होंने बताया कि 15 दिन में आईसीसीसी प्रोजेक्ट के टेंडर किए जा सकते हैं। गौरतलब है कि करीब 100 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट की आरएफपी बनाकर करीब 15 दिन पहले जालंधर से चंडीगढ़ भेज दी गई थी। यहां फंसा है पेंच
सूत्रों के मुताबिक मामले में ओपन बिड करने अथवा प्रोजेक्ट को किसी विशेषज्ञ कंपनी से सीधे कांट्रैक्ट करवाने के तकनीकी पेंच को लेकर मामला फंसा है। स्मार्ट सिटी कंस्लटेंट टीम का मानना है कि शहर की आंतरिक और बाहरी सुरक्षा, ट्रैफिक व्यवस्था से लेकर सेनिटेशन व्यवस्था तक से जुड़े इस प्रोजेक्ट में गुणवत्ता और तकनीक से समझौता नहीं किया जाना चाहिए। पर चंडीगढ़ में फिलहाल टेंडर प्रक्रिया के जरिये ही प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने का दबाव डाला जा रहा है। इसके चलते ही आईसीसीसी प्रोजेक्ट में देर हो रही है। डीजीपी से मिल चुकी है एनओसी
स्मार्ट सिटी टीम के सूत्रों के मुताबिक पुलिस लाइंस में डायल 100 बि¨ल्डग के पास ही आईसीसीसी प्रोजेक्ट का कंट्रोल रूम बनाने को डीजीपी ने एनओसी जारी कर दी है। गौरतलब है कि बीते सप्ताह स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की बैठक के दौरान आईसीसीसी प्रोजेक्ट का कंट्रोल रूम पुलिस लाइंस में बनाना तय हुआ था। इस दौरान पुलिस कमिश्नर ने डीजीपी से एनओसी लाकर देने का भरोसा दिया था। बताया जा रहा है कि सीपी को डीजीपी कार्यालय से एनओसी मिल गई है। सीपी द्वारा एनओसी स्मार्ट सिटी के सीईओ को सौंप दी गई है। इन प्रोजेक्टों की भी बनाई जा रही डीपीआर
शहर के दस जंक्शनों (चौराहों), छह पार्को और तीन फ्लाईओवरों के नीचे ग्रीन एरिया डवलप करने का है प्रोजेक्ट। इसके अलावा कुल 33 सरकारी इमारतों पर सोलर प्रोजेक्ट लगाने के प्रोजेक्ट को भी आगे बढ़ाने पर काम किया जा रहा है। पर फिलहाल कुल 33 इमारतों में से सिर्फ 15 बि¨ल्डगों की ही एनओसी मिल सकी है। इसके चलते इसकी अभी डीपीआर तैयार कराई जा रही है।