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किसान बोले- काउ टैक्स का पैसा दे सरकार, हम संभालेंगे बेसहारा पशु Jalandhar News

किसान देहात क्षेत्र से 200 आवारा पशुओं को करीब 30 ट्रॉलियों में भरकर शहर की ओर आने लगे तो जिला व पुलिस प्रशासन को इसकी भनक लग गई।

By Edited By: Published: Wed, 19 Feb 2020 02:13 AM (IST)Updated: Wed, 19 Feb 2020 08:44 AM (IST)
किसान बोले- काउ टैक्स का पैसा दे सरकार, हम संभालेंगे बेसहारा पशु Jalandhar News
किसान बोले- काउ टैक्स का पैसा दे सरकार, हम संभालेंगे बेसहारा पशु Jalandhar News

नकोदर/जालंधर, जेएनएन। बेसहारा पशुओं की समस्या का समाधान नहीं होने से गुस्साए किसानों ने चार फरवरी को चेतावनी दी थी कि 18 फरवरी को डीसी दफ्तर के बाहर आवारा पशु छोड़ेंगे। इसके बावजूद प्रशासन ने चुप्पी साध रखी थी। मंगलवार को किसानों ने प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। वे देहात क्षेत्र से 200 आवारा पशुओं को करीब 30 ट्रॉलियों में भरकर शहर की ओर आने लगे तो जिला व पुलिस प्रशासन को इसकी भनक लग गई। किसान प्रतापपुरा मंडी में पहुंचे तो वहां जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन भी किसानों से बातचीत करने के लिए पहुंचे थे। प्रतापपुरा की दाना मंडी में भारती किसान यूनियन लक्खोवाल के पदाधिकारियों ने पुलिस अधिकारियों व प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मीटिंग की।

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इस दौरान यूनियन नेता गुरिंदर सिंह लक्खोवाल ने कहा कि अगर सरकार बेसहारा पशुओं को नहीं संभाल सकती तो सारा पैसा हमें दे, हम इन्हें संभालेंगे। लक्खोवाल ने कहा कि बीते छह सालों से आवारा पशुओं की समस्या गंभीर होती जा रही है। किसानों की तैयार फसल लगातार इन बेसहारा पशुओं की भेंट चढ़ रही है और किसान आर्थिक पक्ष से कमजोर होते जा रहे हैं। इस पर डीसीपी बलकार सिंह, डीसीपी एनके डोगरा, डीसीपी-2 परमिंदर सिंह ने किसानों से बातचीत की और समस्याओं के समाधान का भरोसा देते हुए बेसहारा पशु गोशाला में छोड़ने की बात कही।

इस पर गोशालाओं पर सवाल खड़े करते हुए हरिंदर सिंह लक्खोवाल, यूनियन के जालंधर के प्रधान जसवंत सिंह, हरमिंदर सिंह खैहरा, बरनाला के प्रधान जसकीरत सिंह, प्रेस सचिव सुखजीवन सिंह, नकोदर के प्रधान सुखचैन सह, सोनी संधू शंकर व अन्य नेताओं कहा कि गोशाला में इन पशुओं को कुछ दिन रखकर फिर से छोड़ दिया जाता है। यूनियन नेता ने कहा कि पहले तो हमें भरोसा दिया जाए कि गोशाला से उक्त पशु नहीं छोड़े जाएंगे, दूसरा इन पशुओं को प्रशासन अपने वाहनों में गोशाला तक पहुंचाएं। दोनों बातों को मानते हुए प्रशासन ने अपने साधनों पर पशुओं को लादकर गोशाला भेजा। इसके बाद यूनियन ने एडीसी जालंधर को मांगपत्र सौंपा। इसमें स्पष्ट कहा गया कि यदि सरकार बेसहारा पशुओं को नहीं संभाल सकती तो काउ टैक्स की राशि यूनियन को दे, यूनियन खुद ही पशुओं की संभाल कर लेगी।

इस मौके पर जगसीर सिंह छीनीवाल, गुरविंदर सिंह, जगदीप सिंह, गुरचरण सिंह, सतवंत सिंह कोटला, गुरशरण सिंह सत्तू, हरदेव सिंह सालड़ी, गुरप्रीत सिंह, हरजीत सिंह, तनवीर सिंह, कणदार सिंह, गुरमेज सिंह, हैप्पी आलोवाल, संदीप शंकर, बूटा सिंह व जालंधर जिले के अलग-अलग गांवों से किसान पहुंचे हुए थे।

स्थानीय पशुओं में मची भगदड़

किसान यूनियन के प्रधान जसवंत सिंह ने बताया कि सुबह से ही किसान ट्रालियों में बेसहारा पशु भर कर प्रतापपुरा मंडी में पहुंचने शुरू हो गए थे। किसानों व ट्रालियों की भीड़ देख स्थानीय इलाके के बेसहारा पशुओं में भगदड़ मच गई। इसके बाद पुलिस प्रशासन और किसान मंडी से थोड़ी दूरी पर खाली जगह में पहुंचे। वहां से कुछ पशु भाग गए और कुछ को पकड़कर गोशाला में भेजा गया।

किसान यूनियन के सदस्य नकोदर, शाहकोट व फिल्लौर सहित कई इलाकों से बेसहारा पशु ट्रालियों में भरकर डीसी आफिस जालंधर लेकर आ रहे थे। उन्हें प्रतापपुरा मंडी में रोका गया। यूनियन के नेताओं से बातचीत कर मामला शांत किया। बेसहारा पशु किसानों से लेकर जिले की विभिन्न गोशालाओं में भेज दिए गए। इस काम के लिए पुलिस अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई।

- एनके डोगरा, डीसीपी

करीब 30 ट्रालियों में तकरीबन 200 आवारा पशु लेकर किसान यूनियन जालंधर आ रही थी। उनके साथ प्रतापपुरा मंडी में बैठक की गई और उन्हें समस्या का समाधान करने के लिए आश्वासन दिया गया। किसान यूनियन के ज्ञापन को डिप्टी कमीश्नर के माध्यम के राज्य सरकार के पास समाधान करने की सिफारिश के साथ भेजा जाएगा।

- जसबीर सिंह, एडीसी


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