पराली जलाने से बाज नहीं आ रहे किसान, 105 और किसानों पर केस; 28 गिरफ्तार
बेशक पराली को आग लगाने वालों पर प्रशासन ने सख्ती की है लेकिन किसान इससे बाज नहीं आ रहे हैं। सरकार ने पुलिस प्रशासन को उक्त मामले में सख्त कार्रवाई के आदेश जारी किए हैं।
जेएनएन/एएनआइ, जालंधर। बेशक पराली को आग लगाने वालों पर प्रशासन ने सख्ती की है, लेकिन किसान इससे बाज नहीं आ रहे हैं। सरकार ने पुलिस प्रशासन को उक्त मामले में सख्त कार्रवाई के आदेश जारी किए हैं। पुलिस की ओर से कई जिलों में किसानों पर केस दर्ज किए गए।
गत दिवस बरनाला में आठ किसानों पर केस दर्ज कर छह किसानों को गिरफ्तार किया गया। संगरूर में 27 केस दर्ज कर व 22 किसानों को गिरफ्तार किया गया है। बठिंडा में 18, मोगा में 14, फिरोजपुर में 15, लुधियाना जिले में 20 और किसानों पर केस दर्ज किए गए हैं, लेकिन कोई गिरफ्तारी नहीं है। तरनतारन पुलिस ने पराली को आग लगाने वाले तीन किसानों गांव पखोके निवासी हरपाल सिंह, मंजीत सिंह और गुरप्रीत सिंह निवासी बोपाराय पर केस दर्ज किया।
केस दर्ज करने के विरोध में किसान भी धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। बठिंडा में डीसी दफ्तर के समक्ष किसान पराली लेकर पहुंचे, लेकिन इसे जलाया नहीं। हालांकि प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की तथा धान की फसल पर 200 रुपये प्रति क्विंटल सहायता की मांग की। मुक्तसर में थाने के सामने नियमित धरना शनिवार को भी जारी रहा।
संगरूर के लोंगोवाल में कंबाइन में बिना सुपर एसएमएस सिस्टम लगाए खेतों में धान की कटाई करने पर पुलिस ने शुक्रवार को कंबाइन मालिक को दो लाख रुपये जुर्माना लगाया गया तथा कंबाइन को थाने ले जाया जा रहा था। किसानों ने कंबाइन को रास्ते में रोक लिया तथा थाने के सामने प्रदर्शन किया। बालियां में पुलिस द्वारा कंबाइन जब्त करने के विरोध में डीसी दफ्तर में शनिवार को डीसी दफ्तर के सामने तीन घंटे तक प्रदर्शन किया।
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