आदमपुर यूको बैंक लूट कांडः प्रत्यक्षदर्शी बोले- लुटेरों ने सबको गन प्वाइंट पर लेकर हाथ खड़े करवा दिए थे
पहले लुटेरे मैनेजर के कमरे में आए। मैनेजर ने उन्हें बैठने को कहा। चारों के पास हथियार थे। एक ने गार्ड की बंदूक छीन ली और उसमें से गोलियां निकाल दी। इसके बाद लुटेरों व गार्ड में हाथापाई होने लगी।
जालंधर, जेएनएन। आदमपुर में वीरवार को दिनदहाड़े सिक्योरिटी गार्ड की हत्या कर यूको बैंक से छह लाख बीस हजार की नकदी लूटने के मामले में प्रत्यक्षदर्शियों ने बड़ा खुलासा किया है। बैंक से लुटेरे नकदी से भरा ट्रंक व गार्ड की बंदूक लेकर मोटरसाइकिल व स्कूटी पर भागे थे। यह घटना सीसीटीवी फुटेज में कैद हो गई है। लुटेरे दोपहर 1.34 बजे बैंक में घुसे और 1.42 बजे वारदात को अंजाम दे निकल गए।
प्रत्यक्षदर्शी की जुबानी, लूट की कहानी
गांव कालड़ा के प्यारा सिंह ने कहा कि वह बैंक मैनेजर संजय चोपड़ा के कमरे में ही बैठे थे। पहले लुटेरे मैनेजर के कमरे में आए। मैनेजर ने उन्हें बैठने को कहा। चारों के पास हथियार थे। एक ने गार्ड की बंदूक छीन ली और उसमें से गोलियां निकाल दी। इसके बाद लुटेरों व गार्ड में हाथापाई होने लगी। लुटेरों ने गोलियां मार गार्ड की हत्या कर दी। फिर सबको गन प्वाइंट पर लेकर हाथ खड़े करवा दिए और एक कमरे में इकट्ठा कर दिया। नकाबपोश दूसरी तरफ गए। पहले वो पासबुक पर एंट्री करने वाले कर्मचारी के पास गए और सेफ की चाबी मांगी। उसने कहा कि उसके पास चाबी नहीं है। फिर वो कैशियर के पास गए और उसे नकदी देने को कहा। डरकर कैशियर ने कहा कि नकदी पीछे पड़ी हुई है तो उन्होंने नकदी से भरा ट्रंक उठाया और भाग निकले।
सीसीटीवी में दिखी गार्ड की बहादुरी
फौज से रिटायर हुए बैंक के गार्ड सुरिंदर सिंह की बहादुरी सीसीटीवी कैमरे में भी कैद हो गई। लुटेरे जब बैंक के अंदर आए तो सुरिंदर उनसे भिड़ गए। लुटेरों ने लड़ते हुए उसकी पगड़ी उतार दी, लेकिन वो फिर भी उनसे लड़ता रहा। एक लुटेरे ने पिस्टल निकाली तो सुरिंदर ने उसकी पिस्टल छीनने की कोशिश की।
लुटेरों को पुलिस का नहीं, कोरोना का था डर
लुटेरों को पुलिस का बिल्कुल भी डर नहीं था। गार्ड की हत्या करने पर भी उनके हाथ नहीं कांपे, लेकिन उनको कोरोना का डर था। बैंक के अंदर आकर खड़े हुए लुटेरों से जब गार्ड ने बात की तो चारों ने पहले वहां पर पड़े सैनिटाइजर से अपने हाथ साफ किए थे।
वारदात से पहले की गई थी रेकी
सीसीटीवी में कैद हुए लुटेरे जिस तरह से अंदर आए और वारदात को अंजाम दिया, उससे साफ पता था कि वो रेकी करने के बाद ही बैंक लूटने आए हैं। उनको पता था कि बैंक में किस समय पैसा ट्रंक में पड़ा होता है और किस समय कैश वैन आती है। उसी समय के दौरान ही बैंक लूटा गया।
पहले भी लुट चुका है बैंकों में पड़ा पैसा
आदमपुर में बैंक लूटे जाने की घटना पहली नहीं है, बल्कि पहले भी ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं। 19 जनवरी 2013 को पंजाब एंड ङ्क्षसह बैंक, रेरू ङ्क्षपड में चोरों ने चालीस लाकर तोड़कर अंदर पड़ा सारा कैश और गहने निकाल लिए थे। बैंक में करीब 255 लाकर थे। बैंक में न सीसीटीवी कैमरे थे और न ही रात का सुरक्षा कर्मी था। आज तक यह मामला ट्रेस नहीं हो पाया है। वहीं 10 नवंबर 2017 को भोगपुर के गांव मानक राय में लुटेरों ने जालंधर के बीएमसी चौक स्थित एचडीएफसी बैंक से 1.20 करोड़ रुपये लेकर निकली वैन को रोका। गार्ड व ड्राइवर को गन प्वाइंट पर लेकर लुटेरे पैसा लेकर फरार हो गए। इस मामले में पुलिस ने कुछ लुटेरों को पकड़ा था, लेकिन पूरा पैसा आज तक नहीं मिल पाया है। इसके अलावा जालंधर में एटीएम लूटे जाने की भी दर्जनों घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें से कुछ मामले तो पुलिस ने ट्रेस कर लिए हैं, जबकि कुछ अभी भी अनट्रेस हैं।