Move to Jagran APP

नकोदर के बाबा मुराद शाह दरबार में हर वर्ष सजता है दो दिवसीय मेला, जानिए यहां का इतिहास

डेरे का इतिहास देश की आजादी से पहले का है। जहां पर हर वर्ष दो दिवसीय मेला सजाया जाता है। इसके अलावा वर्ष भर यहां पर सभी धर्मों के लोग नतमस्तक होने पहुंचते है तथा मन्नतें मांगते है। जो पूरी होने पर बैंड-बाजों के साथ माथा टेकने आते है।

By Vinay KumarEdited By: Published: Fri, 20 Aug 2021 08:57 AM (IST)Updated: Fri, 20 Aug 2021 09:27 AM (IST)
नकोदर में बाबा मुराद शाह के दरबार में हर वर्ष सजता है मेला।

जागरण संवाददाता, जालंधर : न-को-दर। यानि ऐसा दरबार कहीं भी नहीं। ऐसा हो भी क्यों ना। नकोदर में एकमात्र ऐसा सूफियाना दरबार है, जहां पर हर मजहब के लोग सिर झुकाते है। बात चल रही है डेरा बाबा मुराद शाह की। जहां पर विश्व भर से लोग यहां पर नतमस्तक होने के लिए आते है। हिंदू, मुस्लिम, सिख से लेकर तमाम धर्मों के लोग यहां पर एकत्रित होकर सर्वधर्म सद्भावना का प्रमाण भी देते है। डेरे का इतिहास देश की आजादी से पहले का है। जहां पर हर वर्ष दो दिवसीय मेला सजाया जाता है। इसके अलावा वर्ष भर यहां पर सभी धर्मों के लोग नतमस्तक होने पहुंचते है तथा मन्नतें मांगते है। जो पूरी होने पर बैंड-बाजों के साथ माथा टेकने के लिए आते है।

loksabha election banner

बाबा शेरे शाह से मिला सूफियाना ज्ञान

बाबा मुराद शाह को लेकर विख्यात कथा के मुताबिक उन्हें आजादी से पहले नकोदर आकर बसे बाबा शेरे शाह से सूफियाना ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। दरअसल, आजादी से पहले फकीर बाबा शेरे शाह पाकिस्तान से पंजाब के नकोदर आकर रहने लगे। नकोदर की धरती पर ही उन्होंने वीरान इलाके में जाकर इबादत करनी शुरू कर दी। नकोदर में ही जैलदारों का परिवार रहता था। जिन्होंने उनकी खूब सेवा की। जिससे प्रसन्न होकर उन्होंने अध्यात्मिकता को समर्पित बेटे के जन्म लेने का वरदान दिया। परिवार में एक बच्चे ने जन्म लिया, जिसका नाम विद्या सागर रखा गया। जिन्हें अब बाबा मुराद शाह जी के नाम से जाना जाता है। बताया जाता है कि रुहानी प्यार करने वाले बाबा मुराद शाह की मुलाकात बाबा शेरे शाह से हुई। किसी बात को लेकर विचलित हुए बाबा मुराद शाह को उन्होंने धर्म की सीमाओं से उपर उठकर रूहानियत से अवगत करवाया। बाबा शेरे शाह द्वारा उन्हें ज्ञान देने के बाद वापिस लौट जाने के बाद इस स्थान पर बाबा मुराद शाह ने गद्दी संभाली व अपने संपर्क में आने वालों को रुहानियत का ज्ञान दिया।

हर मजहब के लिए पूजनीय है दरबार

बाबा मुराद शाह का दरबार सभी धर्मों के लिए पूजनीय है। यहां पर होने वाले दो दिवसीय मेले में देश भर से लोग शामिल होते है। ट्रस्ट के चेयरमैन मशहूर गायक गुरदास मान अब संस्थान व मेले का संचालन करते है। इस बार 20 अगस्त को मेले के दूसरे व अंतिम दिन गुरदास मान दरबार में प्रस्तुति देंगे। इससे पूर्व दिन भर लोगों को संस्थान में धर्म व अध्यात्म से अवगत करवाया जाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.