कैलीग्राफी का हर प्रोफेशनल दीवाना..
'क्लडोज पिज्जा एंड कैफे' में प्रोफेशनल कैलीग्राफर रौनक ठुकराल ने शहरवासियों को टिप्स दिए।
जालंधर, जासं : पैशन के आगे उम्र व प्रोफेशन भी आड़े नहीं आते। इसका जीता जागता उदाहरण देखने को मिली रविवार को गुरु गो¨वद ¨सह स्टेडियम के ओपोजिट पड़ते 'क्लडोज पिज्जा एंड कैफे' में। जहां लुधियाना से प्रोफेशनल कैलीग्राफर रौनक ठुकराल शहरवासियों को कैलीग्राफी की तकनीक सिखाने पहुंचीं थीं।
वर्कशॉप में एक तरफ लाजपत नगर निवासी 9वीं की छात्रा रिधी हाथों में पेंसिल लेकर अक्षरों की बनावट बना रही थीं तो दूसरी तरफ लाडोवाली रोड निवासी आर्किटेक्चर कर्ण अपने कैलीग्राफी के पैशन को निखारने में लगे हुए हुए थे।
हर हाथ में थी पेंसिल
वर्कशॉप के दौरान अर्बन स्टेट फेज टू की रहने वाली फिजियोथेरेपिस्ट श्रुति व बुकशॉप संचालक मॉडल टाउन के मुकुल व गृहिणी कनिका भी हाथों में पेंसिल ले कैलीग्राफी तकनीकी सीखने के लिए अपनी अंगुलियां घुमा-घुमा कर लाइंस, अंग्रेजी वर्ड्स लिखाना सीख रही थीं।
हर प्रोफेशनल निखारने में जुटा कैलीग्राफी
वर्कशॉप में अलग-अलग उम्र व प्रोफेशनल्स होने के बावजूद हर कोई कैलीग्राफी निखारने की जद्दोजहद करता दिखा। सुबह से शाम 5 बजे तक पेंसिल चलाने से लेकर पेंट ब्रश, वाटर ब्रश सहित कैलीग्राफी आर्ट वर्क की तकनीक सीखी। स्ट्रेस दूर करती है कैलीग्राफी
वर्कशॉप की संचालिका रौनक ठुकराल का कहना है कि कैलीग्राफी एक ऐसा आर्ट है जिससे आप अपने तनाव तो दूर कर ही सकते हैं, साथ ही लोग अपनी शादी के कार्ड, हैंड मेड प्रैजेंटेशन, मेमोरियल डॉक्यूमेंट्स, सर्टिफिकेट, निमंत्रण-पत्र, बिजनेस कार्ड, मेनू कार्ड्स, पोस्टर, ग्री¨टग कार्ड्स, बुक कवर, लोगो, लीगल डॉक्यूमेंट्स बनाने, सिरेमिक और मार्बल पर शब्दों को उकेरने के लिए कैलीग्राफर सीखने के लिए संपर्क करते हैं।