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शिक्षा विभाग की सख्ती, अगर बच्चों पर बढ़ा बस्ते का बोझ तो अध्यापकों पर होगी कार्रवाई Jalandhar News

शिक्षा विभाग ने जिला शिक्षा अधिकारियों को आदेश दिए हैं कि वे स्कूलों में निरीक्षण करके स्थिति की जांच करें। जहां भी बच्चों का स्कूल बस्ता तय वजन से अधिक पाया जाता है तो कार्रवाई करें।

By Sat PaulEdited By: Published: Mon, 02 Dec 2019 01:23 PM (IST)Updated: Tue, 03 Dec 2019 08:02 AM (IST)
शिक्षा विभाग की सख्ती, अगर बच्चों पर बढ़ा बस्ते का बोझ तो अध्यापकों पर होगी कार्रवाई Jalandhar News
शिक्षा विभाग की सख्ती, अगर बच्चों पर बढ़ा बस्ते का बोझ तो अध्यापकों पर होगी कार्रवाई Jalandhar News

जालंधर, [अंकित शर्मा]। अब अगर बच्चों के स्कूल बस्ते का वजन अधिक पाया गया, तो स्कूल मुखियों और अध्यापकों के खिलाफ कार्रवाई होगी। छह महीने का समय बीत जाने के बाद भी स्कूली बच्चों के स्वास्थ को ध्यान में रखते हुए बस्ते का वजन घटाने में अध्यापकों ने गंभीरता नहीं दिखाई। अब शिक्षा विभाग ने सख्ती करने का फैसला लिया है।

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शिक्षा विभाग ने राज्यभर के जिला शिक्षा अधिकारियों को आदेश दिए हैं कि वे एडिड व प्राइवेट स्कूलों में औचक निरीक्षण करके स्थिति की जांच करें। जहां भी बच्चों का स्कूल बस्ता तय वजन से अधिक पाया जाता है, तो कार्रवाई की जाए और सात दिन में रिपोर्ट सहायक डायरेक्टर अकादमिक कार्यालय एससीईआरटी को भेजें, क्योंकि लगातार स्कूलों की ऐसी शिकायतें मिल रही हैं।

डीईओ अधिकारियों ने जांच में देरी की तो होगी कार्रवाई

सचिव कृष्ण कुमार ने जिला शिक्षा अधिकारी सेकेंडरी और एलिमेंट्री को अपने एक मई को लिखे पत्र का हवाला देते हुए कार्रवाई का रुख अपनाने को कहा है। उन्होंने बताया कि जिला शिक्षा अधिकारियों ने गंभीरता नहीं दिखाई गई और कार्रवाई में देरी की, तो शिक्षा सचिव उन पर भी कार्रवाई करे।

बैग के ज्यादा वजन से बच्चों की सेहत पर पड़ता है बुरा असर

शिक्षा सचिव कृष्ण कुमार ने कहा कि विद्यार्थियों के बौद्धिक और सर्वपक्षीय विकास के साथ उनकी सेहत का ध्यान भी रखना जरूरी है। स्कूल बस्ते का अधिक वजन बच्चों के स्वास्थ पर गलत प्रभाव डालता है। जिन किताबों की जरूरत ही नहीं है, उन्हें बच्चों पर थोपना गलत है।

ये समस्याएं होती है पैदा

  • बच्चों में मानसिक परेशानी बढ़ती है। बच्चों के कमर, घुटने, कंधे और मांसपेशियों में दर्द

    होता है।

  • बच्चों ने पढ़ाई को लेकर तनाव बढ़ता है

स्कूल के मुखी इन बातों को अवश्य रखें ध्यान

  • बच्चों को स्कूल बस्ते के प्रति रोजाना सुबह की प्रार्थना सभा में जागरूक किया जाए।
  • पाठ्य पुस्तकें और कापियों को अलावा अन्य सामग्री घर से लाने से रोका जाए।
  • स्कूल बस्ता रोजाना की समयसारिणी के अनुसार तैयार करने के लिए बच्चों को प्रेरित किया जाए
  • अध्यापक-अभिभावक मिलनी (पीटीएम) में बच्चों की सेहत पर भारी स्कूल बस्ते से पडऩे वाले असर पर जागरूक किया जाए।
  • बच्चों को बस्ते को उठाने का सही तरीके बताया जाए।
  • अभिभावकों को बच्चों के लिए हलका व सादा स्कूल बैग ही खरीदने के लिए प्रोत्साहित करें।
  • अध्यापक बच्चों के बस्ते का महीने में एक बार निरीक्षण जरूर करें।
  • प्राइमरी स्कूलों की कक्षाओं में सुविधा अनुसार लकड़ी या लोहे की अलमारियां, रेक में बच्चों की किताबें, कापियां, स्टेशनरी आदि सामान रखें।

एमएचआरडी ने यह तय किया है बस्तों का वजन

कक्षा                वजन

1-2                  1.5 किलोग्राम तक

3-5                  2 से तीन किलोग्राम

6-7                 चार किलोग्राम तक

8-9                 साढ़े चार किलोग्राम

10                  पांच किलोग्राम तक 

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