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सरकारी स्कूलों को स्मार्ट बनाने के लिए विभाग ने किए टारगेट फिक्स

पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड ने जिला शिक्षा अधिकारियों को नोटिफिकेशन जारी कर सरकारी स्कूलों को स्मार्ट स्कूलों में तब्दील करने संबंधी टारगेट फिक्स किए हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 27 May 2019 08:14 PM (IST)Updated: Mon, 27 May 2019 08:14 PM (IST)
सरकारी स्कूलों को स्मार्ट बनाने के लिए विभाग ने किए टारगेट फिक्स

कमल किशोर, जालंधर

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पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड ने जिला शिक्षा अधिकारियों को नोटिफिकेशन जारी कर सरकारी स्कूलों को स्मार्ट स्कूलों में तब्दील करने संबंधी टारगेट फिक्स किए हैं। कोई पांच टारगेट 31 जुलाई से पहले स्कूल मुखी व स्टाफ सदस्यों को मुकम्मल करके रिपोर्ट भेजनी होगी। शिक्षा विभाग का कहना है कि सरकारी स्कूलों को स्मार्ट स्कूलों में तब्दील करने के बाद स्कूलों की नूहार बदलने के साथ-साथ विद्यार्थियों की गिनती में बढ़ोतरी हुई है। क्वालिटी एजुकेशन में जोर दिया गया जिसकी वजह से बोर्ड परीक्षा का परिणाम बेहतर रहा है। नोटिफिकेशन में निर्देश दिए हैं कि शेष रह गए सरकारी स्कूलों को स्मार्ट स्कूलों में तब्दील करने के लिए कम्युनिटी को अधिक से अधिक जोड़ा जाए। हरेक ब्लॉक से सेल्फ मेड स्मार्ट स्कूल का चयन किया जाए जो इंफ्रास्ट्रर्चर , बेहतर परीक्षा परिणाम व क्वालिटी तौर पर बढि़या हो। स्कूल को स्मार्ट करने से पहले स्कूल मुखी, सरपंच, पंचायत सदस्य, स्कूल मैनेजमेंट कमेटी को मोटीवेशन ट्रेनिग दी जाए। ट्रेनिग के दौरान स्मार्ट स्कूल, अंग्रेजी मीडियम, ई-कांटेंट, पढ़ो-पंजाब, पढ़ाओ पंजाब, पंचायत फंड की स्कूलों में वितरण संबंधी चर्चा की जाए। कम्युनिटी के सहयोग से बनाए गए स्कूल के लिए सरपंच, पंचायत सदस्य, दानी सज्जन का मान-सम्मान किया जाए ताकि इनसे प्रेरित होकर अन्य गांव के पंचायत व स्कूल मुखी स्कूलों को स्मार्ट करने के लिए प्रेरित हों। शिक्षा विभाग ने कहा कि स्कूलों में चल रही गतिविधियों व कार्यों को सांझा करने के लिए व्हाट्सग्रुप बनाया जाएं, जिसमें जिला शिक्षा अधिकारी, बीडीपीओ, बीपीईओ, सरपंच, रोटरी क्लब, यूथ क्लब, एनजीओ, एनआरआइ को शामिल किया जाए। जिले की बात करें तो 151 सीनियर सेकेंडरी स्कूल हैं जिसमें 36 स्कूलों को स्मार्ट बनाया जा चुका है। इसी वर्ष सभी स्कूलों को स्मार्ट बनाया जाएगा।

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सरकारी स्कूलों को स्मार्ट स्कूलों में तब्दील करने संबंधी टारगेट

-स्टूडेंट के लिए टाई-बेल्ट।

-हर विद्यार्थी के आई कार्ड।

-कलर कोडिग।

-स्कूल में पानी की व्यवस्था।

-लड़कों व लड़कियों के लिए अलग से टायलेट।

-हर विद्यार्थी को फर्नीचर की सुविधा।

- स्कूल में कुल विद्यार्थियों में पांच प्रतिशत विद्यार्थी इंग्लिश का उच्चारण करते हों।

-स्कूल में साइंस पार्क, गणित पार्क, भूगोल पार्क की सुविधा।

-स्कूल की बाउंड्री का सुंदरीकरण किया हो।

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डीईओ सेकेंडरी हरिदरपाल सिंह ने कहा कि जिले के 36 स्कूलों को स्मार्ट बनाया जा चुका है। इसी वर्ष शेष स्कूलों को स्मार्ट बनाने का काम पूरा किया जाएगा। स्मार्ट स्कूल में पढ़ रहे विद्यार्थियों के दसवीं व बाहरवीं बोर्ड की परीक्षाओं का प्रदर्शन बेहतर रहा है। क्वालिटी एजुकेशन पर जोर दिया जा रहा है। टारगेट फिक्स करने से हर स्कूल मुखी व स्टाफ सदस्य स्कूल को स्मार्ट बनाने में अहम भूमिका अदा करेगा।

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