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ईडी ने सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के बेटे रणइंदर सिंह को अब 19 को हाजिर होने को कहा

ईडी ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के बेटे रणइंदर सिंह को अब 19 नवंबर को हाजिर होने को लेकर सम्मन जारी किया है। इससे पहले 6 नवंबर को रणइंदर को पेश होने के लिए कहा था पर उन्होंने कोरोना वायरस टेस्ट का हवाला देकर असमर्थता जाहिर की थी।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Thu, 12 Nov 2020 06:45 PM (IST)Updated: Thu, 12 Nov 2020 07:16 PM (IST)
ईडी ने सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के बेटे रणइंदर सिंह को अब 19 को हाजिर होने को कहा
ED ने पहले रणइंदर को 6 नवंबर को पेश होने के लिए कहा था।

जालंधर, जेएनएन। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के बेटे रणइंदर सिंह को अब 19 नवंबर को हाजिर होने को लेकर सम्मन जारी किया है। इससे पहले 6 नवंबर को रणइंदर को पेश होने के लिए ईडी ने कहा था लेकिन उन्होंने कोरोना वायरस टेस्ट का हवाला देकर 6 नवंबर को हाजिर होने में असमर्थता जताई थी।

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बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के बेटे रणइंदर के विदेश में बैंक खातों व ब्रिटिश आइसलैंड में ट्रस्ट बनाने के मामले को जांच कर रहा है। इससे पहले अक्टूबर में भी रणइंदर ईडी के समक्ष पेश नहीं हुए थे। ईडी ने पहली बार वर्ष 2016 में राणइंदर सिंह को समन भेजा था लेकिन वे जांच में सहयोग के लिए नहीं पहुंचे थे। तब ईडी दफ्तर में रणइंदर का काफी देर तक इंतजार होता रहा था।

क्या है मामला, जानें

विदेशी बैंकों के खातों में रुपये हस्तांतरित करने का यह मामला 15 साल पुराना है। तब से जांच एजेंसियां पूछताछ में जुटी हैं पर अब तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाई हैं। आयकर विभाग ने लुधियाना में इस संबंध में केस दर्ज कर रखा है। यह मामला फेमा के तहत दर्ज है। प्रवर्तन निदेशालय इसकी जांच वर्ष 2016 में शुरू की थी। समन भेजे जाने पर रणइंदर तब ईडी के जालंधर दफ्तर में पेश हुए थे। उन्होंने जांच में सहयोग की बात कही थी। ईडी ने रणइंदर दस्तावेज मांगे थे जो उन्होंने अब तक उपलब्ध नहीं करवाए हैं। आयकर विभाग के दर्ज केस के अनुसार ब्रिटिश आइसलैंड में रणइंदर ने ट्रस्ट बनाया है।

एचएसबीसी के जरिए खोले गए ट्रस्ट के बैंक खातों में करोड़ों रुपये का लेन-देन हुआ है। ट्रस्ट के एकाउंट में उस समय 31 करोड़ रुपये थे, जो बाद में 41 करोड़ हो गए थे। ट्रस्ट की चार कंपनियां बनाई गई थीं। इसके अलावा लंदन व दुबई में भी प्रॉपर्टी तथा बैंक खातों में रुपयों का लेन-देन हुआ था। वर्ष 2013 में ट्रस्ट की करोड़ों की धनराशि दूसरे एकाउंट में ट्रांसफर कर दी गई थी।

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