नहीं गूंजा 'जय श्रीराम', मौन रख मनाया दशहरा
न तो रावण की गरज, न आतिशबाजी का मुकाबला, न प्रभु श्रीराम के साथ रावण का युद्ध व न ही तालियों की गड़गड़ाहट। वार्षिक परंपरा के मुताबिक दशहरा मनाना मजबूरी था। युद्ध के डॉयलाग की जगह शांति पाठ और गायत्री मंत्र का उ'चारण किया गया।
जागरण संवाददाता, जालंधर : न तो रावण की गरज, न आतिशबाजी का मुकाबला, न प्रभु श्रीराम के साथ रावण का युद्ध व न ही तालियों की गड़गड़ाहट। वार्षिक परंपरा के मुताबिक दशहरा मनाना मजबूरी था। युद्ध के डॉयलाग की जगह शांति पाठ और गायत्री मंत्र का उच्चारण किया गया। दरअसल, नौजवान दशहरा क्लब की तरफ से तिलक नगर में आयोजित दशहरा उत्सव के दौरान शुक्रवार को अमृतसर ट्रेन हादसे के चलते शांतिमय दशहरा मनाया गया। उत्सव का आगाज ही अमृतसर में मारे गए लोगों को समर्पित मौन रखकर किया गया। इलाके में हर वर्ष विजयदशमी के अगले दिन मनाए जाते भव्य दशहरा पर्व को इस बार बेहद सादगी के साथ मनाया गया। समारोह के दौरान प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष मो¨हदर भगत, शिवसेना नेता सुभाष गोरिया, वाल्मीकि समाज से लवली थापर, शिवसेना हिन्द के प्रदेश प्रधान इशांत शर्मा, कमेटी सदस्यों में बलजिन्दर रिन्कू, रोहित कक्कड़, मुनीष ठाकुर, रमनदीप ¨सह, जतिन्द्र बब्बू, दविन्द्र ¨सह रिन्कू, गुरविन्द्र ¨सह हैप्पी, राजिन्द्र बंटी, जतिन्द्र सन्नी, बोबी कश्यप, सुख¨वदर ¨सह, पंकज, चरण कमल, मंदीप ¨सह, आकाशदीप, सन्नी, राकेश बिट्टू, किशोर कुमार, साहिल कक्कड़, संजीव कुमार, गुरकीरत ¨सह, गगनदीप, सोनू गोल्ड, राजीव चौहान, रोहित कुमार व अन्य मौजूद थे। शोभायात्रा भी शांतिमय निकाली
दशहरा उत्सव को लेकर न्यू दशमेश नगर के ¨चतपूर्णी मंदिर से शोभायात्रा निकाली गई जिसमें न तो ढोल बजाया व न ही गीत गाए। प्रभु श्री राम व रावण की सेना ने न ही 'जय लंकेश' व 'जय श्रीराम' के नारे लगाए। शोभायात्रा में घोड़े, रथ व बैंड को भी शामिल किया गया, लेकिन शोभायात्रा शांत तरीके से निकली। विभिन्न इलाकों से होते हुए शोभायात्रा शांतिमय तरीके से दशहरा स्थल पर पहुंची। सबसे पहले सभी स्वरूपों ने हाथ जोड़कर अमृतसर हादसे में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी। शोभायात्रा में संस्था के चेयरमैन व भाजपा पार्षद वरेश मिन्टू भगत, प्रधान बल¨जदर रिन्कू व संरक्षक जसपाल भट्टी की अगुवाई में शांतिमय शोभायात्रा निकाली गई। पार्षद मिंटू के फैसले को सराहा
नौजवान दशहरा क्लब की तरफ से तिलक नगर में होने वाले दशहरा उत्सव की पूरी तैयारी की गई थी। शाम को अमृतसर ट्रेन हादसे की सूचना मिलते ही संस्था के चेयरमैन तथा पार्षद वरेश ¨मटू ने दशहरा को पूर्ण रूप से शांतिमय मनाने का फैसला लिया। उन्होंने सभी सदस्यों के समक्ष पेशकश रखी। सभी ने सहमती दे दी तो अतिथियों ने इस फैसले की सराहना की। 31 वर्ष से रावण बन रहे जसपाल भट्टी भी रहे उदास
तिलक नगर में होने वाले दशहरा उत्सव में सबसे अधिक जलवा रावण के किरदार जसपाल भट्टी का होता है। शनिवार को वह भी उदास थे। जसपाल भट्टी ने बताया कि वह दशहरा मनाने के पक्ष में ही नहीं थे लेकिन, लोगों की आस्था के चलते इसे सादगी के साथ मनाया गया है।