पंजाब में नई सुबह: नशेडिय़ों को अब सरकार की ओट, तस्करों को लॉक डाउन व कर्फ्यू से झटका
पंजाब में नशेड़ी और नशा तस्कर कोरोना के कारण लागू लॉकडाउन और कर्फ्यू का फायदा उठा रहे हैं। राज्य में नशेडि़यों की संख्या बढ़ गई है।
जालंधर, जेएनएन। देश में लॉक डाउन और पंजाब में कर्फ्यू से पंजाब में नशा तस्करी के मामले कम होने के बाद नशेडिय़ों की हालत बिगडऩे लगी है। नशा न मिलने के कारण बढ़ती तलब ने उन्हें अब नशा छोडऩे के लिए सरकार की ओर से बनाए गए ओट (आउट पेशेंट ओपियोइड असिस्टेड ट्रीटमेंट) सेंटरोंं की दौड़ लगाने के लिए मजबूर कर दिया है।
पंजाब में नशा तस्करों को लग रहा तगड़ा झटका, तस्करी के मामलों में काफी कमी आई
जागरण टीम की ओर से एकत्र की गई जानकारियों के अनुसार पंजाब में इन सेंटरों पर कर्फ्यू लगने के बाद से नशा छोड़ने के लिए दवा लेने वाले लोगों की संख्या में 21.56 फीदस की बढ़ोतरी हुई है। 22 मार्च को जहां यह आंकड़ा 60812 था वहीं 10 अप्रैल तक बढ़कर 73925 हो चुका है।
नशा से मुक्ति के लिए उपचार केंद्रों पर काफी संख्या में आ रहे हैं लोग
आंकड़ों के हिसाब से पंजाब में इस समय जिला तरनतारन में सबसे ज्यादा 14,816 नशेड़ी उपचार ले रहे हैं। सूबे में कर्फ्यू लगने के बाद की स्थिति की बात करें तो ओट सेंटरों पर दवा लेने के लिए पहुंचने वाले मरीजों की संख्या में सबसे ज्यादा 225 फीसद की बढ़ोतरी जिला फिरोजपुर में हुई है। यहां दवा लेने वाले नशेडिय़ों की संख्या 800 से बढ़कर 2600 हो गई है।
जालंधर के माडल नशा छुड़ाओ केंद्र के नोडल अफसर डॉ. अमन सूद के अनुसार नशा छुड़ाने के लिए आने वाले मरीजों की हालत के हिसाब से ही उपचार और दवा शुरू की जाती है। मरीजों को बूप्रीनोरफिन और नालाक्सिन दवा दी जाती है।
''डाक्टरों के प्रयास से ज्यादा मरीजोंं की मजबूत इ'छा शक्ति नशा छोडऩे में अहम भूमिका अदा करती है। सबसे पहले उसकी कौंसलिंग कर इ'छा शक्ति को मजूबत किया जाता है। उन्हें दवा देकर नशा छोडऩे में मदद की जाती है। अब तक करीब साढ़े तीन लाख लोगों का उपचार किया जा चुका है।
- डा. अवनीत कौर, डायरेक्टर, सेहत विभाग, पंजाब।
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मुख्य बिंदु
-- 60812 थी कर्फ्यू लगने से पहले ओट सेंटरों पर रजिस्टर्ड नशेडिय़ों की संख्या।
-- 13113 और नशेड़ी पहुंचे ओट सेंटर, रजिस्टर्ड नशेडिय़ों का आंकड़ा पहुंचा 73 हजार के पार।
-- 21.56 फीसद की बढ़ोतरी दर्ज की गई पंजाब के सभी ओट सेंटरों पर।
-- 14,816 दवा लेने वाले सबसे ज्यादा नशेड़ी जिला तरनतारन में।
-- 225 फीसद जिला फिरोजपुर में हुए रजिस्टर्ड, 1800 और नशेड़ी पहुंचे दवा लेने।
-- 138 फीसद उछाल के साथ मुक्तसर दूसरे स्थान पर, 5120 हुए दवा लेने वाले।
-- तीन जिलों मोगा, पठानकोट और गुरदासपुर में एक भी नया मामला सामने नहीं आया।
जिला 22 मार्च 10 अप्रैल ग्रोथ (फीसद में)
तरनतारन 13,726 14,816 7.94
कपूरथला 6325 7185 13.59
बरनाला 5052 6065 20.05
बठिंडा 4561 7229 58.49
मानसा 4000 4100 2.5
पटियाला 3270 3450 5.50
संगरूर 3200 4000 25
नवांशहर 3061 3597 17.51
फतेहगढ़ साहिब 3000 3200 6.66
फाजिल्का 2268 2446 7.84
रूपनगर 2200 2300 4.54
मुक्तसर 2150 5120 138.13
लुधियाना 2021 2071 2.47
फरीदकोट 1200 1566 30.5
फिरोजपुर 800 2600 225
अमृतसर 400 550 37.5
होशियारपुर 250 272 8.8
मोगा 1840 1840 00
पठानकोट 750 750 00
गुरदासपुर 738 738 00
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कुल 60812 73925 21.56
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