होम्योपैथी पद्धति से कई असाध्य रोग ठीक हुए: डॉ. त¨जदर
जागरण संवाददाता, जालंधर : लंबे अर्से से बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए होम्योपैथी पद्धति स
जागरण संवाददाता, जालंधर : लंबे अर्से से बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए होम्योपैथी पद्धति संजीवनी का काम कर रही है। एलोपैथी दवाइयों के साइड इफेक्ट से तौबा कर चुके लोग तेजी से होम्योपैथिक पद्धति का सहारा ले रहे हैं। यह जानकारी काउंसिल ऑफ होम्योपैथिक सिस्टम ऑफ मेडिसन के चेयरमैन डॉ. त¨जदर पाल ¨सह ने स्थानीय होटल में दोआबा स्टडी सर्किल की ओर से डॉ. सैमुअल हैनीमैन के 264वें जन्मदिवस पर समारोह में दी।
उन्होंने बताया कि होम्योपैथिक पद्धति को बढ़ावा देने के लिए पंजाब सरकार योजनाएं लागू कर रही है। स्टडी सर्किल के कन्वीनर डॉ. चरणजीत लाल ने बताया कि करीब सवा 200 साल पुरानी इस पद्धति ने कई असाध्य रोगों को ठीक करने में कामयाबी हासिल की है। 10 अप्रैल को चिकित्सा क्षेत्र के जनक डॉ. सैमुअल हैनीमैन (डॉ. क्रिश्चियन फ्रेडरिक सैमुअल हैनीमैन) का जन्मदिवस होता है। डॉ. हैनीमैन ने अपना पूरा जीवन होम्योपैथी को समर्पित कर दिया। उन्होंने होम्योपैथी की बहुत दवाइयों का परीक्षण खुद पर किया। अपने दोस्तों, रिश्तेदारों व सहयोगियों को शामिल करके उन पर परीक्षण किए और अलग-अलग वैज्ञानिक सिद्धांतों पर आधारित इस पद्धति का विकास किया।
संस्था के चेयरमैन डॉ. शक्ति महेन्द्रू ने बताया कि एक अनुमान के अनुसार देश में होम्योपैथी का करीब 25 बिलियन रुपये का कारोबार है। होम्योपैथी की 25 से 30 फीसद सलाना ग्रोथ पहुंच चुकी है। समारोह में होम्योपैथी कालेजों के विद्यार्थियों में 16वें क्विज मुकाबले करवाए गए और विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। इस मौके पर डॉ. सुभाष चंद्र, डॉ. भू¨पदर कौर, डॉ. प्रमोद कुमार, डॉ. सरू जाखड़, डॉ. सिमरनजीत, डॉ. नीरू पराशर, डॉ. शशि शेखर के अलावा अन्य डाक्टर व विभिन्न कॉलेजों के विद्यार्थी मौजूद थे।