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निजी अस्पतालों ने ओपीडी सहित अन्य सेवाएं रखी बंद, क्लीनिकल एस्टाब्लिशमेंट एक्ट के विरोध में डॉक्टर

जालंधर में मंगलवार सुबह ही निजी अस्पताल में गेटों के बाहर ताले लगे हुए थे और ओपीडी बंद थी। यहां पहुंचे मरीज निराश होकर घर लौट रहे थे।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Tue, 23 Jun 2020 11:15 AM (IST)Updated: Tue, 23 Jun 2020 11:15 AM (IST)
निजी अस्पतालों ने ओपीडी सहित अन्य सेवाएं रखी बंद, क्लीनिकल एस्टाब्लिशमेंट एक्ट के विरोध में डॉक्टर
निजी अस्पतालों ने ओपीडी सहित अन्य सेवाएं रखी बंद, क्लीनिकल एस्टाब्लिशमेंट एक्ट के विरोध में डॉक्टर

जालंधर, जेएनएन। मंगलवार को क्लीनिकल एस्टाब्लिशमेंट एक्ट (Clinical Establishment Act-CEA) लागू करने के विरोध में एक दिन की हड़ताल के तहत डॉक्टरों ने विरोध किया। एक दिवसीय हड़ताल के तहत जिले के निजी अस्पतालों में ओपीडी सहित अन्य सभी मेडिकल गतिविधियां बंद रखी गईं। हड़ताल का आह्वान इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने किया है।

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सुबह ही निजी अस्पताल में गेटों के बाहर ताले लगे हुए थे और ओपीडी बंद थी। यहां पहुंचे मरीज निराश होकर घर लौट रहे थे। विरोध को लेकर आईएमए जालंधर ब्रांच की ओर से आईएमए हाउस में बैठक की गई। इसमें सरकार की मंशा का जमकर विरोध किया गया। ज्वाइंट एक्शन कमेटी के चेयरमैन डॉ. राकेश विग ने बताया कि सरकार टालमटोल का रवैया अपनाने के बाद एक्ट को जबरन उन पर थोप रही है। आईएमए पंजाब के पूर्व प्रधान डॉ. योगेशवर सूद ने बताया कि आईएमए की ओर से सरकार के साथ पूरा सहयोग किया गया। कोविड-19 काल में निजी डॉक्टरों ने मरीजों को पूर्ण रूप सेवाएं दी। फिर भी, सरकार उन पर क्लीनिकल एस्टाब्लिशमेंट एक्ट थोप रही है।

जालंधरः क्लीनिकल एस्टाब्लिशमेंट एक्ट के विरोध में एक दिवसीय हड़ताल के दौरान निजी अस्पतालों में मंगलवार को ओपीडी व अन्य सेवाएं बंद रहीं।

आईएमए लोकल ब्रांच के प्रधान डॉ. पंकज पाल ने बताया कि इस मुद्दे पर डॉक्टरों की सरकार के आला अधिकारियों और सेहत मंत्री के साथ मीटिंग हुई। इसके बावजूद कोरोना काल में सेहत विभाग ने एक्ट को लागू करने की ठान ली। उन्होंने बताया कि इमरजेंसी मरीजों के लिए निजी अस्पतालों ने अपनी एंबुलेंस सेवाएं लगा रखी है जो मरीजों को पिम्स और सरकारी अस्पताल में शिफ्ट करेंगे। इस मौके पर डॉ. बीएस जौहल, डॉ. दीपक चावला, डॉ. मनीष सिंघल, डॉ. विकास सूद, डॉ. भारत भूषण और डॉ. टीएल चोपड़ा के अलावा आईएमए के अन्य सदस्य व पदाधिकारी मौजूद थे।

सरकारी डॉक्टरों ने  काले बिल्ले लगाए, खून दान कर दिया आईएमए को समर्थन

जालंधर। मंगलवार को आईएमए की हड़ताल के दौरान सरकारी अस्पतालों में तैनात पीसीएमएस डॉक्टर एसोसिएशन ने काले बिल्ले लगाकर रक्तदान किया और आईएमए को समर्थन दिया। खून दान करने के लिए सिविल सर्जन डॉ. गुरिंदर और चावला और आईएमए की टीम के सदस्य भी पहुंचे। पीसीएमएस डॉक्टर एसोसिएशन के प्रधान डॉ. हरीश भारद्वाज ने बताया कि उन्होंने क्लीनिकल एस्टाब्लिशमेंट एक्ट के खिलाफ निजी डॉक्टर को समर्थन देने के अलावा दो मिनट का मौन रखकर और खून दान कर कोरोना के योद्धाओं को सैल्यूट किया है।

जालंधरः सरकारी डॉक्टरों ने भी आईएमए को अपना समर्थन दिया है। उन्होंने एस्टाब्लिशमेंट एक्ट के खिलाफ काले बिल्ले लगाकर खूनदान किया।

इस मौके पर डॉक्टर रमन गुप्ता, डॉक्टर गगनदीप सिंह, डॉ राजकुमार बदन, डॉक्टर कश्मीरी लाल, मेडिकल सुपरीटेंडेंट डॉक्टर हरिंदर पाल सिंह, डॉक्टर परमिंदर सिंह के अलावा अन्य डाक्टर मौजूद थे।

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