डॉक्टर के पास जाने की जरूरत नहीं, बीमारी बताते ही उपचार शुरू करेगा ये एप
डॉक्टरों की फीस चुका पाना हर किसी के बस में नहीं है। यही देखकर डॉ. रोहित के सोचा क्यों न भारत में एक ऐसा सिस्टम तैयार किया जाए जिससे सभी लोगों को मेडिकल सुविधा मुफ्त मिल सके।
संवाद सूत्र, फिल्लौर : कहते हैं कि अगर कोई काम शिद्दत व जुनून के साथ किया जाए तो कुछ भी असंभव नहीं। कुछ ऐसे ही जुनून ने फिल्लौर के एमबीबीएस डॉक्टर रोहित शर्मा में कुछ नया करने का जज्बा भरा और उन्होंने तैयार कर दिया भारत का पहला मेडिकल एप। रोहित के पिता यशपाल भी फिल्लौर के मशहूर डॉक्टर हैं। उन्होंने एप के बारे में दावा कर बताया कि बेटे डॉ. रोहित ने प्रैक्टिस शुरू की तो देखा कि बड़े अस्पतालों में पैसा कमाने की होड़ मची है। वहां गरीब लोग इलाज के लिए जाते तो हैं, लेकिन खर्च देख इलाज बीच में ही छोड़ देते हैं। इससे अकसर मरीज की मौत भी हो जाती है। डॉक्टरों की भारी भरकम फीस चुका पाना हर किसी के बस में नहीं है। इसी को देखकर रोहित के दिमाग में आया क्यों न भारत में एक ऐसा सिस्टम तैयार किया जाए जिससे सभी लोगों को मेडिकल सुविधा मुफ्त मिल सके।
बीमारी बताने पर हर सवाल का जवाब देगा जीनी
डॉ. रोहित ने बताया कि दो साल पहले ग्रेनपैड नामक संस्था तैयार की। संस्था ने एक टीम बनाकर इस पर काम करना शुरू कर दिया। 2018 में उन्होंने 'जीनी' नाम का सॉफ्टवेयर तैयार कर लिया। यह सॉफ्टवेयर आम डॉक्टर की तरह काम करता है। इसमें डॉक्टर की तरह जीनी मरीज से पूरा हाल चाल पूछते हैं। एप के रूप में इसे स्मार्टफोन पर डाउनलोड कर सकते हैं। आप अपनी समस्या के बारे जीनी में लिख कर दो। उसके के बाद जीनी आपके हर सवाल का जवाब देगा और आखिर में आपको बनी बनाई रिपोर्ट देगा जो किसी भी डॉक्टर को दिखाई जा सकती है।
अगले साल तक दवाइयां भी बताने लगेगा
रोहित शर्मा ने आगे बताया 2020 तक यह सोफटवेयर लोगों को दवाइयां भी बताने लगेगा। 2023 में स्कैन व एक्सरे भी करने लगेगा। ऐसे में आम लोग डॉक्टरों की भारी भरकम फीसों से निजात पा सकेंगे। यह देश का पहला व विश्व का तीसरा ऐसा मेडिकल साफ्टवेयर है। रोहित की इस उपलब्धि के लिए ऑल इंडिया काउंसलिंग ऑफ रोबोटिक्स एंड आटोमिशन के डॉ. आशुतोष शर्मा (सेक्रेटरी) ने उन्हें सम्मानित किया है।