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एक सप्ताह में बठिंडा सिविल अस्पताल के दूसरे डॉक्टर का इस्तीफा, डॉ. रमनदीप गोयल ने भी छोड़ी नौकरी

डॉ. रमनदीप गोयल ने बताया कि उन्होंने नवंबर 2020 में नौकरी छोड़ने का फैसला कर लिया था। उन्होंने छह माह पहले ही एडवांस में नौकरी छोड़ने का नोटिस सेहत विभाग को भेज दिया था जिसका बीते दिनों समय पूरा हो गया।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Thu, 06 May 2021 03:58 PM (IST)Updated: Thu, 06 May 2021 03:58 PM (IST)
बठिंडा सिविल अस्पताल की डॉ. रमनदीप गोयल की फाइल फोटो।

बठिंडा, जेएनएन। पंजाब सरकार की नीतियों से परेशान होकर सिविल अस्पताल के डाक्टर अपनी नौकरी छोड़ रहे हैं। एक सप्ताह के भीतर बठिंडा सिविल अस्पताल में दूसरे एमडी मेडिसिन डाक्टर ने पद से इस्तीफा दे दिया हैं। एक सप्ताह पहले जहां कोविड के नोडल अफसर डॉ. जयंत अग्रवाल ने इस्तीफा दिया था, वहीं अब एमडी मेडिसन डॉ. रमन गोयल ने भी त्यागपत्र दे दिया है। हालांकि दोनों डॉक्टरों ने नौकरी छोड़ने का कारण घरेलू समस्या बताई है।

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इस्तीफा देने की जानकारी देते हुए डॉ. रमनदीप गोयल ने बताया कि उन्होंने नवंबर 2020 में नौकरी छोड़ने का फैसला कर लिया था। उन्होंने छह माह पहले ही एडवांस में नौकरी छोड़ने का नोटिस सेहत विभाग को भेज दिया था, जिसका बीते दिनों समय पूरा हो गया।

डॉक्टरों के नौकरी छोड़ने से बढ़ी सेहत विभाग की चिंता

कोविड-19 की दूसरी लहर के बीच डाक्टरों के नौकरी छोड़ने के रूझान ने सेहत विभाग की चिंता को बढ़ा दिया है। बता दें कि कोरोना मरामारी में सबसे महत्वपूर्ण काम एमडी मेडिसन डाक्टरों का होता है। वर्तमान में सिविल अपताल की ओपीडी में चार डॉक्टर काम कर रहे थे, जिसमें दो डाक्टरों के नौकरी छोड़ने के बाद मरीजों को परेशानियों से जूझना पड़ रहा है। जिले में कोविड-19 रोगियों का पता लगाने और उनका उपचार करने की जिम्मेवारी जिला नोडल अधिकारी को सौंपी गई थी। फिलहाल, इन दोनों डाक्टरों के इस्तीफा देने से न केवल मौजूदा कर्मचारियों पर अतिरिक्त बोझ पड़ गया है बल्कि रोगियों को दिए जा रहे उपचार के भी प्रभावित होने की संभावना है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने दावा किया है कि कई अन्य डॉक्टर और कर्मचारी नौकरी छोड़ने की योजना बना रहे हैं।

सिविल सर्जन ने बताया दुर्भाग्यपूर्ण 

सिविल सर्जन डॉ. तेजवंत सिंह ढिल्लों ने कहा कि यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है कि डॉक्टर ऐसे समय में नौकरी छोड़ रहे हैं, जब उनकी सेवाओं की सबसे अधिक आवश्यकता है। उन्हें सरकारी अस्पतालों में प्रशिक्षित किया जाता है और जब सेवा करने का समय होता है तो वे नौकरी छोड़कर जाते हैं। अभी के लिए हमने तलवंडी साबो अस्पताल से एक डॉक्टर को तैनात कर दिया है।


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