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Alert! दो हजार के कोविड रिलीफ फंड का दावा Fake, लिंक क्लिक किया तो गंवा देंगे जमा पूंजी

साइबर अपराधी विशेष जरूरतमंद लोगों को दो हजार रुपये का लालच देकर उनकी व्यक्तिगत जानकारी मांगते हैं। उसके बाद बैंक खाते से पैसे उड़ा देते हैं।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Tue, 04 Aug 2020 01:41 PM (IST)Updated: Tue, 04 Aug 2020 01:41 PM (IST)
Alert! दो हजार के कोविड रिलीफ फंड का दावा Fake, लिंक क्लिक किया तो गंवा देंगे जमा पूंजी

जालंधर [मनीष शर्मा]। अगर आपके पास Covid Relief Fund के नाम से कोई मैसेज आए तो लिंक पर क्लिक न करें। ऐसा न हो कि दो हजार रुपये के लालच में बैंक खाते में जमा सारी पूंजी लुट जाए। दरअसल, साइबर क्रिमिनल्स ने ऑनलाइन ठगी का यह नया तरीका ढूंढ़ निकाला है। लोगों को एसएमएस के साथ-साथ सोशल मीडिया के जरिए इस तरह का मैसेज भेजकर ठगा जा रहा है।

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मैसेज में यही कहा जा रहा है कि सरकार ने लोगों की मुश्किल को देखते हुए देश के हर नागरिक को दो हजार रुपये रिलीफ फंड देने काे मंजूरी दे दी है। इसे तुरंत प्राप्त करने के लिए मैसेज में दिए लिंक पर क्लिक करने काे कहा जा रहा है। हालांकि जब लोग इस लिंक पर क्लिक करते हैं तो उनकी व्यक्तिगत जानकारी मांगी जाती है। जिसमें नाम-पता, ई-मेल आईडी के साथ बैंक अकाउंट नंबर व आधार कार्ड नंबर मांगा जा रहा है। स्पष्ट है कि जब ऑनलाइन ठग के पास यह ब्योरा पहुंच जाएगा तो वो पैसे देने से पहले इसका ओटीपी मांगेगा या फिर मोबाइल हैक कर लेगा, जिसके बाद ठग आपके बैंक अकाउंट में जमा सारा पैसा उड़ा लेंगे।

चूंकि कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए लगे कर्फ्यू और अब लॉकडाउन के साथ कई तरह की पाबंदियों के चलते हर व्यक्ति को पैसे की जरूरत है। खासकर, मध्यम व निचले तबके के लोगों की स्थिति ज्यादा गंभीर है। इसे देखते हुए साइबर क्रिमिनल उन्हें फंसाने की चाल चल रहे हैं। खासकर, व्हाट्सएप के जरिए ग्रुपों में भी ऐसे कई मैसेज आ रहे हैं।

लोग सतर्क रहें, अनजान लिंक पर क्लिक न करें

पुलिस कमिश्नरेट की साइबर सेल की इंचार्ज सब इंस्पेक्टर मोनिका अरोड़ा ने कहा कि उनके पास इस तरह की कोई शिकायत तो नहीं आई है। हालांकि यह मैसेज जरूर सोशल मीडिया या दूसरे माध्यमों से मोबाइल में सर्कुलेट हो रहा है। सरकार ने ऐसे किसी फंड को मंजूरी नहीं दी है, इसलिए लोगों को सतर्क रहना चाहिए। अनजान लिंक पर क्लिक करने से लोग बचें ताकि ठगी का शिकार न हों।

पीआईबी दे चुकी फेक करार

केंद्र सरकार की तरफ से पीआईबी ऐसे संदेशों का फैक्ट चैक करती है। इसका भी पीआईबी ने फैक्ट चेक कर ट्विटर पर डाला है कि यह फेक मैसेज है। पीआईबी ने लिखा है कि यह व्हाट्सएप पर मैसेज वायरल हो रहा है। उन्होंने ऐसे व्हाट्सएप फॉरवर्ड व वेबसाइट से लोगों को सतर्क रहने की अपील की है।


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