मकसूदां मंडी में कूड़े के अंबार
एशिया की नामी मंडियों में शुमार मकसूदां सब्जी मंडी दोनों अभियानों को मुंह चिढ़ा रही है।
शाम सहगल, जालंधर : एक तरफ केंद्र सरकार का स्वच्छ भारत अभियान और दूसरी तरफ पंजाब सरकार द्वारा तंदुरुस्त पंजाब मिशन चलाया जा रहा है। इन दोनों का उद्देश्य लोगों की सेहत संभाल करना व उन्हें इसके प्रति जागरूक करना है। वहीं लोगों की सेहत से खिलवाड़ करने वाले दुकानदारों पर कार्रवाई करते हुए उन्हें नियमों का पालन करना सिखाना है। इसके तहत सेहत विभाग छापेमारी करने से लेकर जागरुकता मुहिम भी चला रहा है। पर एशिया की नामी मंडियों में शुमार मकसूदां सब्जी मंडी इन दोनों अभियानों को मुंह चिढ़ा रही है। मंडी में कूड़े के ढेर लगे हुए हैं और पास ही फलों-सब्जियों की बिक्री की जा रही है। कूड़े पर मंडरा रही मक्खियां व मच्छर बीमारियां बांट रहे हैं। मंडी में रोजाना मार्केट कमेटी फीस से करीब 4 लाख की आमदन हो रही है। इसके बावजूद सफाई को लेकर विभाग उदासीन है। इस मंडी में रोज केवल पंजाब ही नहीं बल्कि देश भर से कई राज्यों से फसल की आमद व निकासी होती है। इसके चलते यहां पर थोक के साथ-साथ रिटेल में भी दिन भर सब्जी व फल का कारोबार होता है। मंडी में चरमराई सीवरेज व्यवस्था इस बात का प्रमाण है कि थोड़ी बारिश होने पर ही जलभराव हो जाता है। गौरतलब है कि 90 के दशक में पटेल चौक स्थित पुरानी सब्जी मंडी को मकसूदां में शिफ्ट किया गया था। समय के साथ मंडी में कारोबार का दायरा 28 वर्षो के दौरान कई गुना बढ़ गया। पर मंडी में सुविधाओं के नाम पर आज भी लोगों को कूड़े के ढेर, सीवरेज जाम तथा जानवरों के झुंड से निजात नहीं मिली है। थोक का काम खत्म होते ही की जाती है सफाई : मंडी अधिकारी
जिला मंडी अधिकारी व¨रदर खेड़ा बताते हैं कि मंडी में तड़के पांच बजे से थोक कारोबार शुरू हो जाता है। यह सुबह करीब 11 बजे तक चलता है। इसके बाद रिटेल कारोबार चलता है। थोक में बिकने वाली पेटियां, घास व बोरियों के कारण मंडी में गंदगी फैलती है। उन्होंने कहा कि थोक का काम खत्म होते ही मंडी में सफाई करवा दी जाती है।