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छोटे बच्चों की मौत का सबसे बड़ा कारण है डायरिया, बीमार पड़ने पर कोल्ड ड्रिंक नहीं ओआरएस का घोल पिलाएं

डायरिया होने पर बच्चे को अक्सर कार्बोनेटेड ड्रिंक्स (साफ्ट ड्रिंक्स) या ग्लूकोज दिया जाता है जो सही नहीं है। कभी-कभी लोग घर या स्थानीय डाक्टरों से इलाज की मांग करते हैं जो गलत है। बच्चे को ओआरएस घोल देना सबसे अच्छा रहता है।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Mon, 04 Jul 2022 04:41 PM (IST)Updated: Mon, 04 Jul 2022 04:41 PM (IST)
ओआरएस का घोल दस्त से त्रस्त बच्चों के लिए रामबाण उपचार है। सांकेतिक चित्र।

संवाद सूत्र, श्री मुक्तसर साहिब। पांच साल के बच्चों की मौत का सबसे बड़ा कारण डायरिया यानी उन्हें दस्त लगना है। बरसात में इस बीमारी के होने का खतरा अधिक होता है। शरीर में पानी की भारी कमी होने की स्थिति में यह घातक सिद्ध हो सकता है। लोगों को इसके बारे में जागरूक होने की जरूरत है। कभी-कभी लोग घर या स्थानीय डाक्टरों से इलाज की मांग करते हैं, जो गलत है।

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यह बात सोमवार को सिविल सर्जन डा. रंजू सिंगला ने कही।उन्होंने दस्त के समय पर इलाज की जरूरत पर जोर दिया। इसे होने से रोका जा सके। उन्होंने कहा कि बच्चे को पहले 6 महीने तक मां का दूध पिलाना चाहिए और दस्त होने पर भी स्तनपान बंद नहीं करना चाहिए। ओआरएस का घोल दस्त से त्रस्त बच्चों के लिए रामबाण उपचार है। 

डा. वरुण वर्मा ने बताया कि डायरिया होने पर बच्चे को अक्सर कार्बोनेटेड ड्रिंक्स (साफ्ट ड्रिंक्स) या ग्लूकोज दिया जाता है, जो सही नहीं है। उन्होंने कहा कि डायरिया होने पर पेट की ढीली त्वचा में खून आने पर बच्चा सुस्त हो जाता है और उसे तत्काल नजदीकी सरकारी स्वास्थ्य केंद्र ले जाना चाहिए।

सिविल सर्जन ने कहा कि चार जुलाई से 17 जुलाई तक स्वास्थ्य विभाग एक्यूट डायरिया रोकथाम पखवाड़ा मना रहा है। अभियान का उद्देश्य डायरिया से मरने वालों की संख्या को शून्य करना है। डायरिया से होने वाले डिहाइड्रेशन की भरपाई करना बेहद जरूरी है। सीएचसी चक शेरेवाला के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी कुलतार सिंह के नेतृत्व में दस्त रोकू पखवाड़े की शुरुआत की गई।  

बीइइ मनबीर सिंह ने कहा कि इस पखवाड़े में आशा वर्कर घर-घर जाकर निरीक्षण करेंगी और 0 से 5 वर्ष तक के बच्चों को ओआरएस के घोल के पैकेट बांटेंगी। घर के सदस्यों को बताया जाएगा कि यह घोल कैसे बनाया जाता है।

आशा वर्कर डायरिया के मामलों की पहचान कर उन्हें स्वास्थ्य केंद्रों में रेफर करेंगी। साथ ही स्वास्थ्य केंद्रों में तैनात कर्मचारी भी विद्यार्थियों को स्कूलों में हाथ धोने के महत्व के बारे में जागरूक करेंगे ताकि बच्चों को इस बीमारी के प्रति जागरूक किया जा सके।

इस अवसर पर फार्मासिस्ट अमरजीत सिंह, राजविंदर सिंह, बहुउद्देश्यीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता मनजीत सिंह, एएनएम अमनदीप कौर, आशा वर्कर आदि उपस्थित थे।


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