पंजाब भर में रोजाना 35 गाड़ियां सरकारी अस्पतालों में भरती हैं पेट, 2019 में धन गुरु रामदास पुरहीरां द्वारा चलाया गया प्रोजेक्ट
धन गुरु रामदास जी पुर हीरां होशियारपुर की लंगर सेवा आज पूरे पंजाब भर में फैल चुकी है। संस्था के सेवादार गुरलियाकत बराड़ ने बताया कि इस प्रोजेक्ट को चलाने के लिए लोगों से कोई पैसे एकत्रित नहीं किए जाते। बल्कि संस्था ने वाहनों पर ही गोल्क लगा रखी है।
मोहित गिल्होत्रा, फाजिल्का। वर्ष 2019 में होशियारपुर जिले से सरकारी अस्पताल में आने वाले मरीजों को लंगर वितरण करने के लिए शुरू किया गया प्रयास आज पूरे पंजाब भर में फैल चुका है। पंजाब के माझा, दोआबा व मालवा के छोटे से लेकर बड़े शहरों में धन गुरु रामदास जी पुर हीरां होशियारपुर की लंगर सेवा शुरू हो चुकी है। जबकि फाजिल्का जिले में भी मार्च माह से इसकी शुरूआत हुई थी, जिसका संचालन सफलतापूर्वक चल रहा है। रोजाना संस्था की गाड़ियां सुबह सरकारी अस्पतालों में आने वाले मरीजों के लिए चाय पानी और दोपहर के समय भोजन की व्यवस्था करके पहुंचती हैं।
संस्था के सेवादार गुरलियाकत बराड़ ने बताया कि वर्ष 2019 में मौजूदा समय में अमेरिका में रहने वाले बाबा मंजीत सिंह ने होशियारपुर के सरकारी अस्पताल का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने देखा कि सरकारी अस्पताल में दूर दराज जगहों से लोग मरीजों का हाल जानने आए हैं। लेकिन उनके लिए सरकारी अस्पताल के आसपास खाने को लेकर कोई व्यवस्था नहीं है। जबकि बाहर से खाना मंगवाने पर उन्हें काफी खर्च करना पड़ रहा था। जिसको देखते हुए बाबा मंजीत सिंह ने धन गुरु रामदास जी पुर हीरां होशियारपुर के नाम से सेवा शुरू की। जिसका सफल संचालन ना केवल होशियारपुर में चला। बल्कि अब धीरे-धीरे करके यह सेवा पूरे पंजाब में पहुंच गई है।
उन्होंने बताया कि मौजूदा समय में माझा, दोआबा व मालवा के कई बड़े शहरों से लेकर छोड़े शहरों तक के सरकारी अस्पताल में यह लंगर सेवा शुरू की गई है। उन्होंने बताया कि पूरे पंजाब में संस्था की 35 गाड़ियां रोजाना भोजन वितरण करने के लिए सरकारी अस्पतालों में पहुंचती हैं। उन्होंने बताया कि पंजाब में दो रसोईयों से भोजन बनकर विभिन्न सरकारी अस्पतालों में वाहन के जरिए पहुंचाया जाता है, जिसमें लगे सेवादार पूरी निष्ठा के साथ लोगों की सेवा में जुटे हैं।
उन्होंने बताया कि फाजिल्का से संगरूर तक जितने भी सरकारी अस्पताल हैं, उन सबका लंगर गिदड़बाहा की रसोई में बनता है और यहां से ही आगे जाता है। इसके अलावा अन्य सरकारी अस्पतालों की वैन का लंगर होशियारपुर से बनकर आगे जाता है। उन्होंने बताया कि फाजिल्का में मार्च 2022 में इसकी शुरूआत की गई थी और तब से अब तक इसका सफल संचालन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कई जगहों पर वाहनों द्वारा सुबह चाय व ब्रैड का आयोजन किया जाता है। जबकि हर सरकारी अस्पताल में सुबह 11 बजे से लेकर तीन बजे तक खुला लंगर बांटा जा रहा है।
नहीं एकत्रित किए जाते कोई पैसे
संस्था के सेवादार गुरलियाकत बराड़ ने बताया कि इस प्रोजेक्ट को चलाने के लिए लोगों से कोई पैसे एकत्रित नहीं किए जाते। बल्कि संस्था ने वाहनों पर ही गोल्क लगा रखी है। जिसमें लोग अपनी श्रद्धा अनुसार दान देकर इस प्रोजेक्ट में सहयोग दे सकते हैं। इसके अलावा कई लोग आटा व दाल आदि का दान भी करते हैं। लेकिन इसके अलावा लंगर मुहिम को लेकर कोई पर्ची नहीं काटी जाती। उन्होंने कहा कि संस्था का मुख्य उद्देश्य दूर दराज जगहों से आने वाले मरीजों के साथ-साथ उनके रिश्तेदारों की परेशानियों को कम करना है। जिसके लिए सभी सेवादार पूरी निष्ठा के साथ काम कर रहे हैं।
फाजिल्का में थी बहुत जरूरत
फाजिल्का के पुराने सरकारी अस्पताल में भी पहले भोजन की व्यवस्था को लेकर काफी परेशानी थी। लेकिन फिर प्रशासन के प्रयास से शुरू हुई साड़ी रसोई से 10 रुपये में भोजन मिलने लगा। जिससे मरीजों का पता लेने आए लोग इसका लाभ उठा पाए। लेकिन अब सरकारी अस्पताल नई बिल्डिंग में शुरू हो चुका है और यहां आने वाले मरीजों की संख्या भी काफी बढ़ गई है। ऐसे में आसपास कोई ढाबा व खाने के लिए जगह ना होने के कारण लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही थी। इसलिए फाजिल्का में लंगर मुहिम आदि की जरूरत थी। जबकि मार्च से शुरू हुई इस लंगर सेवा से लगातार लोग लाभ उठा रहे हैं।