इंडियन आयल के टेंडर से पहले पॉलिसी लीक होने की सीबीआइ जाच की मांग
इंडियन आयल की तरफ से पेट्रोल-डीजल की सप्लाई के लिए निकाले नए टेंडर की पॉलिसी लीक होने के खिलाफ जालंधर संगरूर और बठिडा के ट्रांसपोर्टरों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर इस पूरे मामले की जांच सीबीआइ से करवाने की मांग उठाई है।
जागरण संवाददाता, जालंधर : इंडियन आयल की तरफ से पेट्रोल-डीजल की सप्लाई के लिए निकाले नए टेंडर की पॉलिसी लीक होने के खिलाफ जालंधर, संगरूर और बठिडा के ट्रांसपोर्टरों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर इस पूरे मामले की जांच सीबीआइ से करवाने की मांग उठाई है। ट्रांसपोर्टर्स का प्रतिनिधित्व किशन लाल शर्मा और बहादुर सिंह ने किया। उन्होंने कहा कि टैंडर पॉलिसी लीक होने के प्रमाण मिल गए हैं। एक आयल ट्रांसपोर्टर ने अपने लेटर हेड पर बयान जारी कर कहा कि टेंडर मिल जाने के बाद खुशी की लहर है। इसी ट्रांसपोर्टर की तरफ से एक बार फिर से लेटर हेड चोरी होने की बात कह कर मीडिया को गुमराह किया जा रहा है। ट्रांसपोर्ट ने टेंडर आने से पहले ही नए टेंडर नियम में मिलनी वाली सभी प्राथमिकताओं के अनुसार तैयारी कर ली है। इससे उनको टैंडर मिलना सुनिश्चित है।
ट्रांसपोर्टरों ने कहा कि वह इंडियन आयल की इस जनविरोधी नई टेंडर नीति का विरोध करते हैं और किसी कीमत पर 1500 के करीब ड्राइवर, हैल्परों और उनके परिवारों के साथ अन्याय नहीं होने देंगे। इस टेंडर नीति की वजह से सब को कर्जदार होने से बचाने के लिए सोमवार को जिला प्रशासनिक अधिकारियों को मांगपत्र देकर वीरवार 18 जून से मजबूरन अनिश्चितकाल के लिए हड़ताल कर संघर्ष करेंगे। किशनलाल शर्मा और बहादुर सिंह ने बताया कि पंजाब के इंडियन आयल अधिकारियों ने जो 21 दिन के लिए टेंडर एक्सटेंड करने का खेल खेला है। उससे यह मामला हल होने वाला नहीं, क्योंकि इस एक्सटेंड टाइम में अधिकारी एवं कुछ ट्रांसपोर्टर मिलकर इसी जनविरोधी टेंडर को करवाने एवं टैंडर पॉलिसी लीक वाले घोटाले को दबाने का प्रयास कर रहे है, जिसके लिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पेट्रोलियम मंत्री धरमिदर प्रधान, चेयरमैन इंडियन ऑयल संजीव सिंह को तुरंत राष्ट्रहित में इस मामले की सीबीआई जांच के निर्देश देने चाहिए।