Curfew के बीच फर्ज निभा रहे DCP पोवार, नियम तोड़ने वालों पर सख्ती के साथ जरूरतमंदों पर खिला रहे खाना
डीसीपी खुद मानते हैं कि आपदा की इस घड़ी में एक हाथ से लंगर खिलाना और दूसरे हाथ से नियम तोड़ने वालों पर सख्ती दिखाना काफी मुश्किल है।
जालंधर, [सुक्रांत]। पिछले 22 दिन से डीसीपी अमरीक सिंह पोवार अपना फर्ज निभाते हुए सड़कों पर खड़े हैं। फिर चाहे फर्ज लोगों की सुरक्षा और सेवा का हो या फिर नियम तोड़ने वालों के खिलाफ सख्ती का। इन सभी कार्यो को डीसीपी बाखूबी निभा रहे हैं। शायद यही कारण है कि पुलिस कमिश्नर जीपीएस भुल्लर के काबिल अफसरों की सूची में उनका नाम भी शान से लिया जाता है। डीसीपी पोवार दिन रात सड़कों पर खड़े होकर लोगों को अपने-अपने घरों में रहने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
डीसीपी खुद मानते हैं कि आपदा की इस घड़ी में एक हाथ से लंगर खिलाना और दूसरे हाथ से नियम तोड़ने वालों पर सख्ती दिखाना काफी मुश्किल है लेकिन लोगों की भलाई के लिए यह मुश्किल काम भी करना जरूरी है। साथ ही कहते हैं कि इस बात को भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि जिन लोगों को कर्फ्यू के दौरान खाने, दवा आदि की कोई दिक्कत आती है तो उसे तुरंत पूरा किया जाए।
मिट्ठापुर ईश्वरपुरी कालोनी फेज-2 निवासी डीसीपी पोवार बताते हैं दिन और शाम के समय दफ्तर और नाकों की देखरेख के साथ-साथ लोगों की जरूरतों का ध्यान रखने की जिम्मेदारी उन पर है। अब एक नई जिम्मेदारी भी आ गई है। गेहूं की कटाई जारी है। कटाई से लेकर मंडियों में गेहूं के पहुंचने और बिकने तक सुरक्षा की सारी जिम्मेदारी भी अब अच्छे से निभानी है, बस इसी में लगा हूं। उन्होंने कहा कि कोरोना से लोगों को बचाना मेरा फर्ज है लेकिन लोगों को कोई परेशानी ना आए ये मेरा धर्म है। मुझे दोनों ही निभाने हैं। उन्होंने कहा कि पत्नी मनिंदर कौर, बेटी सिमरीत कौर और बेटा कर्णशिराज सिंह भी शायद उनके फर्ज को समझते हैं। मैं पिछले 22 दिन से उन्हें ठीक से समय नहीं दे पाया हूं लेकिन उन्होंने भी कभी ये शिकायत नहीं की।