जालंधर में दुकानदारों ने दैनिक जागरण के फेसबुक लाइव में बताई कड़वी सच्चाई, बोले- लाकडाउन में भूख से मरने की नौबत आई
जालंधर में दैनिक जागरण की टीम ने बुधवार को गुरु नानकपुरा मार्केट में किए गए फेसबुक लाइव के दौरान दुकानदारों ने यह कड़वी सच्चाई बताई। उन्होंने कहा कि सरकार उनकी तरफ ध्यान नहीं दे रही है। यही हाल रहा तो आने वाले समय में समस्याएं बढ़ेंगी।
जालंधर [मनुपाल शर्मा]। कोरोना संक्रमण से ज्यादा इस समय भूख से मरने की नौबत आ चुकी है। बीते एक वर्ष से मार्केट कई बार बंद की जा रही है। इस वजह से रोजगार बुरी तरह से प्रभावित हो गया है। हालात ऐसे हैं कि दुकान का ही खर्च नहीं निकल पा रहे हैं तो घर का खर्च चलाना तो असंभव ही है। सरकार को बीमारी के अलावा लोगों के भूख रहने के बारे में सोचना होगा। दैनिक जागरण की टीम ने बुधवार को गुरु नानकपुरा मार्केट में किए गए फेसबुक लाइव के दौरान दुकानदारों ने यह कड़वी सच्चाई बताई। उन्होंने कहा कि सरकार उनकी तरफ ध्यान नहीं दे रही है। यही हाल रहा तो आने वाले समय में समस्याएं बढ़ेंगी।
रोज कमा कर खाना अब मुश्किल
सिलाई मशीन ठीक करने का काम करने वाले हंसराज ने कहा कि पहले तो बाजार ही तीन बजे तक खुलता है। अगर कोई मशीन ठीक करवाने आ भी जाता है तो कलपुर्जे उपलब्ध नहीं हो पा रहे। ग्राहक कीमत भी अदा करने को तैयार नहीं है। कारोबार के बुरे हालात हैं।
शाम का है मीट का कारोबार
मीट का कारोबार करने वाले रिक्की घुम्मण ने कहा कि मीट की बिक्री तो होती ही शाम के समय है। बाजार तीन बजे बंद हो जा रहा है। ऐसे में मीट की बिक्री भी प्रभावित है। लाकडाउन के चलते रोटी की ङ्क्षचता सताने लगी है।
बच्चों की रोटी सबसे बड़ी चिंता
सुरेंद्र सिंह ने कहा कि महंगाई के इस दौर में कारोबार का सीमित हो जाना बेहद परेशानी दे रहा है। बच्चों की रोटी की सबसे बड़ी चिंता सता रही है। दाल-रोटी के लिए कोई जरिया ही नजर नहीं आ रहा। सरकार को राहत देनी चाहिए।
परिवार चलाने की है चुनौती
मीनू बाला ने कहा कि बच्चों को दूध व खाना तक उपलब्ध करवा पाना चुनौती बन गया है। सरकार बीमारी से बचाने में लगी हुई है, लेकिन लोगों के बच्चों की रोटी की चिंता नहीं कर रही है। इस तरफ ध्यान देना अब बहुत जरूरी है।
बीमारी के बजाय भूख से मरने लगेंगे लोग
इलेक्ट्रिकल का कारोबार करने वाले जगजीत राय ने कहा कि सरकार को तो बीमारी पर काबू पाने के लिए लाकडाउन लगाना पड़ रहा है, लेकिन इसकी वजह से लोगों के भूख से मरने की नौबत आ गई है। सरकार को सोचना चाहिए।
कारोबार तो चल ही नहीं रहा
मुकेश कुमार ने कहा कि रोज दुकान लगाकर रोटी के लिए जुगाड़ करते थे। अब बाजार तीन बजे बंद हो रहा है। कारोबार तो चल ही नहीं रहा है, रोटी कहां से खाएं। इस तरफ किसी का ध्यान नहीं जा रहा है।
सरकार रोटी का इंतजाम करे
दुकानदार प्रवेश ने कहा कि सरकार के कहने पर ही लाकडाउन लगाया गया है। बीमारी से बचने के लिए जरूरी भी है, लेकिन सरकार अन्य देशों की तरह लोगों की रोटी का इंतजाम भी करे।
दुकानें बंद होने से परिवार चलाना मुश्किल
गोल्डी ने कहा कि एक दुकान से दो परिवार चल रहे थे। अब तो दुकान ही कुछ घंटे खुलती है और उसमें भी इतनी कमाई नहीं हो पा रही कि रोटी चल सके। इसका जवाब तो अब सरकार ही दे सकती है।
टेंट और क्राकरी के कारोबार प्रभावित
क्राकरी एवं टेंट हाउस का कारोबार करने वाले गगनदीप ङ्क्षसह ने कहा कि सरकार ने आयोजनों में लोगों की उपस्थिति ही सीमित कर दी है। आयोजन ही नहीं हो रहे हैं तो टेंट और क्राकरी कैसे लगेगी। कारोबार तो बुरी तरह से प्रभावित हुआ है।
वर्तमान के साथ-साथ भविष्य की चिंता
सुनील कुमार ने कहा कि बीते एक वर्ष से कोशिश कर रहे थे कि किसी तरह से रोटी चलती रहे, लेकिन अब सब मुश्किल हो गया है। तीन बजे मार्केट बंद हो रही है। ग्राहक बेहद कम हैं। हालात ऐसे हैं कि मौजूदा समय की रोटी और भविष्य को लेकर भारी चिंता है।
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