अब उम्र भर सरकारी नौकरी पा सकेंगे CTET पास आवेदक, पहले सात साल का मिलता था समय
अब शिक्षक बनने के लिए बार-बार सेंट्रल टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट नहीं देना पड़ेगा। एक बार ही परीक्षा पास करने के बाद उसका सर्टिफिकेट आजीवन काल के लिए माना जाएगा। उस सर्टिफिकेट से कभी भी सरकारी तौर पर शिक्षक नौकरी के लिए आवेदन किया जा सकेगा।
जालंधर, जेएनएन। अब शिक्षक बनने के लिए बार-बार सेंट्रल टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट नहीं देना पड़ेगा। एक बार ही परीक्षा पास करने के बाद उसका सर्टिफिकेट आजीवन काल के लिए माना जाएगा। उस सर्टिफिकेट से कभी भी सरकारी तौर पर शिक्षक नौकरी के लिए आवेदन किया जा सकेगा। यह समय सीमा पहले महज सात साल की होती थी। ऐसे में आवेदक को सरकारी नौकरी में आवेदन करने के लिए सात सालों का समय दिया जाता था। अगर वह इस समय सीमा के तहत कहीं भी चयनित नहीं हो पाते तो उन्हें दोबारा से सीटेट की परीक्षा देनी पड़ती थी।
वहीं सीबीएसई की तरफ से सीटेट की परीक्षा साल में दो बार ली जाती थी। प्रत्येक वर्ष पहली से पांचवी और छठी से आठवीं कक्षा के लिए लगभग आठ लाख विद्यार्थी पूरे देश भर में परीक्षा देते हैं। कोविड-19 काल की वजह से जुलाई में होने वाली परीक्षा स्थगित कर दी गई थी और सीबीएसई की तरफ से परीक्षा संबंधी कोई भी शेड्यूल जारी नहीं किया गया है। ऐसे में संभावित है कि इस बार बोर्ड की तरफ से केवल दिसंबर माह की ही परीक्षा ली जाएगी। फिलहाल सभी को एनसीटीई की तरफ से जारी किए जाने वाले नोटिफिकेशन और सीबीएसई की तरफ से सीटेट की परीक्षा का इंतजार है।
नेशनल काउंसिल फार टीचर एजुकेशन (एनसीटीई) ने सीटेट को लेकर आवेदकों के हक में फैसला ले रही है। अब टीईटी पास आवेदक उम्र भर के लिए सरकारी तौर पर शिक्षक की सेवाएं पाने के लिए हकदार बन गए हैं। सरकार की तरफ से जब भी शिक्षकों की भर्तियां निकाली जाती है तो वे आवेदन के हकदार बन सकेंगे।
पहले टीईटी पास आवेदकों के हक में फैसला लेना बाकी
नेशनल काउंसिल फार टीचर एजुकेशन (एनसीटीई) की तरफ से यह ऐतिहासिक फैसला लिया गया है, मगर इससे पहले लाखों आवेदक ऐसे भी हैं जिन्होंने टेट की परीक्षा पास की हुई है। उन टेट पास आवेदकों पर सात साल की समय सीमा को खत्म कर अजीवन काल का नया फैसला लागू होगा या नहीं यह अभी तय नहीं किया गया है। जल्द ही इसे लेकर एनसीटीई की तरफ से कदम उठाया जा सकता है।